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Short Inspirational Stories for kids :3 प्रेरक कहानियाँ

Short Inspirational Stories for kids: बच्चों के लिए 3 प्रेरक कहानियाँ:

Short Inspirational Stories for kids: Story No. 1 – सुखमय जीवन का सूत्र

विजय अपनी class का बहुत होनहार student था। पिछले कई दिनों से वो अपनी class में काफी उदास सा रहता था। उसके शिक्षक जानते थे कि विजय के जीवन में पिछले कुछ दिनों में कई कडवे प्रसंग एक साथ घटित हो गए थे। उन्होंने उसे समझाने के उद्देश्य से अपने घर बुलाया।

उसी दिन शाम को विजय उनके घर गया। विजय जब शिक्षक के घर पहुंचा तो उसे अंदर बैठाकर उन्होंने कहा, चलो आज हम शिकंजी पीते हैं। शिक्षक ने विजय के लिए शिकंजी बनाई और फिर दोनों उस शिकंजी को पीने लगे। शिकंजी एक खट्टा-मीठा पेय है जिसमें नमक और शक्कर दोनों मिलाये जाते हैं।

विजय ने जैसे ही शिकंजी का पहला घूँट पिया, गिलास मुंह से बाहर निकालते हुए बोला, “सर, इसमें तो नमक ज्यादा हो गया है।”

शिक्षक न कहा, “कोई बात नहीं, नमक ज्यादा है तो इसे फेंक दो।”

विजय बोला, “नहीं सर, इसे फेंकने की जरूरत क्या है? इसमें थोड़ी शक्कर और मिला देते हैं, इससे इसका संतुलन बन जायेगा और स्वाद सुधर जाएगा।”

शिक्षक ने तुरंत कहा, “विजय यही बात हमारे जीवन के लिए भी सही है। अगर हमारे जीवन में दुःख और पीड़ाएं ज्यादा हो गई हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि हम जीवन जीना ही छोड़ दें। बल्कि हमें ऐसी स्थिति में अपने जीवन में सकारात्मकता, आशा, कर्मठता, प्रेम, त्याग, सहयोग, मदद जैसी मिठास की मात्रा को बढ़ा लेना चाहिए।”

विजय को सुखमय जीवन का सूत्र मिल चुका था।


Short Inspirational Stories for kids: Story No. 2 – राजा की कविता:

इंग्लैंड के राजा में काव्य प्रतिभा औसत दर्जे की थी लेकिन वे अपने आपको एक महान कवी समझते थे। वे कविताएँ लिखते और अपने दरबार में दरबारियों को सुनाते। फिर खुद ही अपनी कविताओं की तारीफ भी करते। ऐसा करने से दरबारियों की भी उनकी हाँ में हाँ मिलानी पड़ती।

दरबारियों को भले ही राजा की कविता पसंद नहीं आती हो, लेकिन उन्हें तारीफ करनी ही पड़ती। क्योंकि उन्हें पता था कि राजा को अपनी कविता लेखन से बेहद प्रेम है। और दरबारी सच बोलकर राजा के कोप का भाजन नहीं बनना चाहते थे।

एक बार राजा ने जॉर्ज बर्नार्ड शॉ को अपने महल में आमंत्रित किया। राजा अपनी कविता के बारे में जॉर्ज बर्नार्ड शॉ की राय जानना चाहता था। राजा ने दरबारियों के सामने अपनी कविता का पाठ किया। और जॉर्ज बर्नार्ड शॉ से कहा कि वो उसकी लिखी कविता के बारे में अपनी राय दें।

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ सोच में पड़ गए। उन्हें कविता सुनकर राजा के कविता लेखन का स्तर तो पता चल ही गया था। कड़वा सच बोलकर वो राजा को नाराज नहीं करना चाहते थे। इसलिए जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने राजा से कहा, “मैं तो आपसे यही कहूँगा कि आपके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। अगर आप एक ख़राब सी कविता लिखना चाहते हैं, तो उसमे भी सफल हो जाते हैं।”

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ की बात राजा के समझ में आ गई और इतने लोगों के बीच भी इस बात को सुनकर राजा को बुरा नहीं लगा।

बात में मिठास हो तो सच भी कड़वा नहीं लगता। बोलने वाले का सच बोलने का उद्देश्य पूरा हो जाता है और सुनने वाले को बात भी समझ आ जाती है।


Short Inspirational Stories for kids: Story No. 3 – महात्मा बुध्द और रस्सी में गांठ:

एक बार भगवान बुध्द अपने आश्रम में शिष्यों को उपदेश दे रहे थे। उन्होंने एक शिष्य से एक रस्सी मंगवाई और शिष्य से उसमे गांठ लगाने को कहा। गांठ लग जाने के बाद भगवान बुध्द ने रस्सी अपनी शिष्यों को दिखाई और उनसे पूछा, “क्या अब भी यह वही रस्सी है, जो गांठ लगने से पहले थी?”

एक शिष्य ने जवाब दिया, “भगवन! ये तो हमारे देखने के तरीके पर निर्भर है। एक तरह से देखें तो यह पहले वाली ही रस्सी है। दूसरे तरह से देखें तो गांठ लगने के कारण बदल गई है, हालाँकि गांठ लगने के बावजूद इसका बुनियादी स्वरुप तो रस्सी का ही है।”

बुध्द ने कहा, “ठीक है, अब मैं इस गांठ को खोलता हूँ।”

ऐसा कहकर वो रस्सी के दोनों सिरों को पकड़कर खींचने लगे।

बुध्द को ऐसा करते देख शिष्यों ने कहा, “अरे गुरूजी ऐसा करने से तो ये गांठ और कस जाएगी।”

बुध्द ने कहा, “अच्छा तो फिर ये गांठ खोलने के लिए हमें क्या करना चाहिए?”

एक शिष्य बोला, “पहले जानना होगा रस्सी में इस गांठ को लगाया कैसे गया है?”

बुध्द बोले, “बिलकुल ठीक! किसी भी समस्या का कारण जाने बिना उसका निवारण नहीं किया जा सकता। दूसरी बात- जैसे गांठ लग जाने के बाद भी इस रस्सी का बुनियादी स्वरुप नहीं बदला, ठीक उसी प्रकार कुछ विकार या विसंगतियां आ जाने से किसी मनुष्य के अन्दर से अच्छाई के बीज खत्म नहीं हो जाते। जैसे हम रस्सी की गांठ को फिर से खोल सकते हैं, वैसे ही हम मनुष्य की समस्याओं को जानकार उनका हल भी निकाल सकते हैं।”


Short Inspirational Stories for kids

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