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बेशरम ‘उलूक’ है शरम किसी की तीमारदार है खरीददार रखियेगा


बेशरम
कुछ दिन शाँति रही

फिर आ गया लिखने
शरम
कह दे मुआफ करियेगा

समझ में आ गया तो ठीक
नहीं भी आया तो भी ठीक
कह ले
दिल साफ रखियेगा

बताना जरूरी है
काम दिये गये और किये गये कुछ
जरूर कुछ हिसाब रखियेगा

बात समझानी है
कुत्ता घुमाने के काम की
हजूर कान खोल कर जरा साफ रखियेगा

बहुत बड़ी है मगर है
तमन्ना है कुछ कर दिखाने की
सब की होती है याद रखियेगा

हाथ में दी जाती है
बस पूँछ कुत्ते की
सम्भाल कर रखने के लिये
उसके बालों के लिये खिजाब रखियेगा

किसी के हाथ में सिर दिया जाता है
किसी को पट्टा किसी को दी जाती है चेन
होशो हवाश रखियेगा

कुत्ता घुमाने का काम
कभी हो तो कैसे हो
मिलते नहीं सभी एक साथ
डर है आदेश है एक सरकार है
जी ओ की किताब रखियेगा

लिखना लिखाना
लिख दिया गया है
किसी का किसी को बताना
गजब है
बहूत ही असरदार है
कुछ ख्वाब रखियेगा

किसी के लिखे का
किसी का कभी भी ना देख पाना

‘उलूक’
अंधा है
या किसी की आँख बीमार है
याद रखियेगा ।

चित्र साभार: https://www.dreamstime.com/


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