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Ulooktimes Blog


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देखी सुनी आस पास की कविता नहीं कहानी नहीं बस बकवास
सब जानते है सीवर खुला है और आ रही है बदबू सडन की खुशबू गाने में किसी का क्या चला जाता है
उसने ऐसा क्या कर दिया किसी को कुछ… Read More
इस बार करनी है आत्महत्या या रुक लें पांच और साल या देखना है अभी भी कोई पागल पागल खेलता हुआ पागल हो गया होगा
नाकारा होगा तू खुद तुझे पता नहीं … Read More
बिना पत्थर खुद को उछालता हुआ सामने से पत्थर की तस्वीर हाथ में लिए खुद को ही कोई लहरा रहा था
 सब ही तो उछाल रहे हैं बड़ी तबीयत स… Read More
सामने ‘उलूक’ को देख कर खुजली से भर जाता है लेकिन बाद में कही और जा कर खुजलाता है
होती है खुजली कोई अनोखी बात नहीं … Read More
बहुत जोर शोर से ही हमेशाबकवास शु&#… Read More
मरने की बात अपनी सुनकर बहुत डरा क… Read More
कई दिन हो गये बके कुछ आज कर ही लेते हैं तिया पाँचा इस से पहले कोशिश करे पन्ना आज का भी कुछ खिसक जाने की
काले श्यामपट परसफेद चौक से लकीर… Read More
खाली सफेद पन्ने कासामने से भौंक… Read More
                                                      … Read More
लूट के रास्ते खुल गये बेहया करें पैसे वसूल ‘उलूक’ अपनी फितरत से लिखता चल महीने भर सारा ऊल जलूल
ना हिंदी आती है ना उर्दू ही आती है… Read More
‘उलूक’ लिखता है बहुत कुछ दिखता है  खुद की चार सौ बीसी कहाँ कब लिख पाता है है कहीं आईना जो बताता है
 एक नेदो के कान मेफुसफुसायालिखí… Read More
लिख ‘उलूक’ गंदगी किसे सूँघनी है किसे समझनी या देखनी है सबके जूतों को साफ रहना होता है
फर्जी कमाई बंद हो जाने का खराब दि… Read More
 27 जून 2021:पृष्ठ दृष्य:========================================= All Time= 5000020,=================… Read More
लिख लिया जाये कहीं किसी कागज में … Read More
क्या बेवफाई क्या रुसवाई क्या समझ क्या सोच लिखना जरूरी है इससे पहले कोई बताये दरवाजे पर खड़ी है मौत आई है
जो कहीं नहीं है बस वही नजर आये जो स… Read More
कुछ शेर हैं दूर से शायर दिख रहे हैं कुछ भीगे बिल्ले बेचारे बिल्लियाँ लिख रहे हैं
कुछ प्रायश्चित कर रहे हैं कुछ सच … Read More
घर के कुत्ते ने शहर के कुत्ते के ऊपर भौंक कर आज अखबार के पन्ने पर जगह पाई है बधाई  है ‘उलूक’ बधाई है
अखबार में फोटो आई है सारा घर मगन ह… Read More
एक चोर का डैमेज कंट्रोल वाह वाही चाहता है अखबार उसकी एक पुरानी खबर के बाद बस चुप हो जाता है
बहुत हो गया है कूड़ा हो ही जाता है क… Read More
 कलम अपनी ढक्कन में कहीं डाल कर ब&#… Read More
लगातार एक लम्बे समय तक एक जैसी ही… Read More
चिट्ठे में चिपकाई जाने वाली पन्द्रह सौ पैंतीसवीं वर्ष दो हजार बीस की सैंतालिसवीं गद्य टाईप पद्य बकवास
लिखना और लिखे हुऐ पर कभी किसी मनह… Read More
बकवासी ‘उलूक’ फिर से निकली है धूप अँधेरे से निकल दीवाली दिन में सही कुछ नया कर ही डाल
चल कुछ तो निकाल बहुत दिन हो गये अब… Read More
लिखना फिर शुरु कर ‘उलूक’ लिखे पर लम्बाई के हिसाब से भुगतान किये जाने की खबर आ रही है
लिखना और सुबह सवेरे समय पर उठना ए… Read More