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कम उम्र में हार्ट अटैक आने का क्या कारण है?

Pएक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की अचानक हार्ट अटैक से मौत होने के बाद हर कोई स्तब्ध है। सबके दिमाग में यही चल रहा है की सिद्धार्थ शुक्ला बहुत ही फिट था और अपनी सेहत का बहुत ही अच्छी तरह से ध्यान रखता था फिर भी उसे इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक कैसे आ गया।

पिछले कुछ सालों से हम देख रहे हैं की युवाओं में हार्ट अटैक होने के केसेज बहुत बढ़ रहे हैं। हृदय से जुड़ी बीमारियां बहुत ही कम उम्र में लोगों को पकड़ रही हैं।

आंकड़ों के अनुसार हर तीन सेकंड में हार्ट अटैक से एक इन्सान की मृत्यु हो जाती है, और सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है की इनमें से 25% लोग 40 साल से कम उम्र के हैं। लेकिन इसका कारण क्या हो सकता है, तो आईए जानते हैं की इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक होने का कारण क्या है।

क्या होता है हार्ट अटैक

हमारे हृदय का मुख्य काम होता है पूरे शरीर को रक्त की आपूर्ति करना। जब किसी कारणवश ह्रदय में रक्त की आपूर्ति में बाधा आती है तो दिल का दौरा पड़ जाता है। हार्ट अटैक को मेडिकल भाषा में मयोकार्डियल इनफ्राकशन भी कहते है।

इसका मुख्य कारण ह्रदय के रक्त को ले जाने वाली धमनियों में रुकावट होता है। जिसके कारण ह्रदय और शरीर के अन्य भागों में रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती और हृदय अथवा वो अंग निष्क्रिय या डेड होने लगता है। जितनी जल्दी हम हार्ट अटैक को पहचान कर उसका ईलाज शुरु कर देगें उतना ही नुकसान कम होगा।

हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक में सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द होना लेकिन इसकी कई वजह होती हैं। इसीलिए हार्ट अटैक में और भी कई लक्षणों को देखा जाता है। मुख्यता हार्ट अटैक के लक्षण हैं

* सीने में दर्द या तकलीफ

* उलझन होना

* सांस लेने में दिक्कत होना

* चक्कर आना

* अचानक से चेहरे पर पसीना आना

* जी मचलाना और पेट दर्द

* सीने पर बहुत भारी वजन रखा हुआ होना सा महसूस होना

* अचानक से दिल की धड़कन का अनियमित होना

* दर्द का जबड़े से गले तक जाना

* खासतौर पर दर्द शरीर के बाएं हिस्से में होना

हार्ट अटैक की पहचान के लिए टेस्ट

हार्ट अटैक की पहचान के लिए कई सारे टेस्ट होते हैं जिनमे से ECG, ECO और ट्रॉपोनिन टेस्ट बहुत ही आसानी से हार्ट अटैक को बता देते हैं। ट्रॉपोनिन टेस्ट खून से होता है।

इसके अलावा डॉक्टर हार्ट की सही स्थिति का अंदाजा लगाने के लिए TMT, Holter और एंजियोग्राफी भी करते हैं ताकि ह्रदय को कितना नुकसान हुआ और अभी ह्रदय की क्या स्थिति है जान सकें।

किन कारणों से होता है कम उम्र में हार्ट अटैक

कम उम्र में हार्ट अटैक होने के बहुत से कारण होते हैं जिनमे से ज्यादातर कारण हम खुद ही पैदा कर लेते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

धूम्रपान और शराब

धूम्रपान और शराब हमारे हार्ट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। धूम्रपान और शराब के कारण हमारे शरीर में फ्री रेडिकल्स बड़ने लगते हैं जो हमारे टिश्यू को नुक्सान पहुंचाते हैं और हृदय की रक्त वाहिकों में कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है। जिससे ह्रदय को अधिक काम करना पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

जंक फूड

आजकल हम लोग जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, मैगी और इसी तरह के ना जाने कितने जंक फूड खाया करते हैं जो हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते है।

इनमे LDL फैट बहुत अधिक मात्रा में होता है जो हमारे ह्रदय की धमनियों में जा कर जमा हो जाता है और रक्त के बहने के मार्ग को अवरूद्ध कर देता है जिससे ह्रदय को अधिक जोर लगाना पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बड़ जाता है।

तनाव

अधिक तनाव भी हमारे ह्रदय के लिए बहुत अधिक नुकसानदेय होता है। जिसके कारण ह्रदय की गति अनियमित हो जाती है और बाद में ये हार्ट अटैक का कारण बनता है।

स्टेरॉयड्स का सेवन

आजकल के युवा अपना शरीर बनाने के लिए स्टेरॉयड का सेवन करते हैं। स्टेरॉइड दो प्रकार के होते हैं एक कैटाबोलिक और एक एनाबॉलिक।

अपने शरीर को बनाने के लिए हम एनाबॉलिक स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं जिसका गलत तरीके से सेवन हमारे ह्रदय पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालता है यही कारण है की कई बार हार्ट अटैक जिम में ही आ जाते हैं। यह स्टेरॉइड हमारे गुर्दों पर भी बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालता है।

काम का प्रेशर

काम के प्रेशर के कारण हम अपने स्वास्थ का ध्यान नहीं रख पाते और घंटों एक ही जगह बैठ कर काम करते रहते हैं साथ ही हम समय बचाने के लिए कुछ भी उल्टा सीधा खा कर फिर काम में लग जाते हैं जिसके कारण हमारे शरीर और ह्रदय पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिसके फलस्वरूप हार्ट अटैक के चांसेज बड़ जाते हैं।

समय से नींद ना लेना

आजकल के युवा दिन भर फ़ोन में लगे रहते हैं जिसके कारण उनका बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाता है। लोग रात रात भर जाग कर फ़ोन में busy रहते हैं जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती।

नींद ना पूरी होने के कारण हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाती है जो हृदय पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ती है। बहुत से लोग ये कहते हैं की हम चाहे रात में २ बजे सोएं लेकिन दिन में देर तक सो कर अपनी नींद पूरी कर लेते हैं।

लेकिन शायद उनको पता नही की हमको भगवान ने रात्रिचर प्राणी नहीं बनाया है। अगर हम सुबह देर में सोकर उठेंगे तो हमारे शरीर का बायोलॉजिकल सिस्टम बिगड़ जायेगा जो हमारे शरीर और ह्रदय पर दुष्प्रभाव डालेगा।

हार्ट अटैक से कैसे बचें

हार्ट अटैक से बचने के लिए हमें कुछ खास नहीं करना होगा बस अपनी जीवन शैली में थोडा सा परिवर्तन करके हम हार्ट अटैक से बच सकते हैं।

* शाकाहार को भोजन में शामिल करें और फैट या तेल का सेवन बहुत कम कर दें।

* शराब, पान मसाला और धूम्रपान से बचें

* नियमित रुप से व्यायाम करें। दौड़ने की आदत डालें और यदि दौड़ने में दिक्कत हो तो तेजी से चलें।

* जिम में किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन ना करें। अगर कोई कठिन एक्सरसाइज कर रहें हैं तो किसी योग्य प्रशिक्षक के सलाह अनुसार ही करें।

* अपना वजन नियंत्रित रखें।

* मेडिटेशन और योगा नियमित रुप से करें।

* हर छह महीने में लिपिड प्रोफाइल की जांच और हर साल में एक बार ECO टेस्ट जरूर करवाएं।

* खुश रहें और जायदा तनाव ना लें।

* जंक फूड से बचें और ज्यादा फैट युक्त भोजन ना करें।

* समय से और पूरी नींद लें।

* उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखें

* बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई खुद ना लें

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर होता है

हार्ट अटैक में हृदय के रक्त प्रवाह में बाधा आती है जबकि कार्डियक अरेस्ट में हमारा ह्रदय काम करना या धड़कना बंद कर देता है।

हार्ट अटैक में बहुत से लक्षण से पता चल जाता है जैसे दर्द, घबराहट, सांस ना ले पाना, उलझन इत्यादि। यदि मरीज को समय पर इलाज मिल जाय तो जान बच जाती है।

जबकि कार्डियक अरेस्ट हमें कोई मौका नहीं देता, अचानक से ह्रदय काम करना बन्द कर देता है और इंसान की तुरंत मृत्यु हो जाती है।

Source:  Amrita Singh



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