आज फिर मैंने अपने बचपन को देखा आँगन में नहाते, एक दूसरे को नहलाते। मैंने खुद को अपने बच्चो में देखा आज फिर मैंने अपने बचपन को देखा !! तितलियाँ तो वही थी, रंग भी वही थे मैंने अपने बच्चो को उनके पीछे जाते देखा। आज फिर मैंने अपने बचपन को देखा !! कचरे को आग लगाते, टिकलियो को चटखाते मस्ती से आळंदीत मैंने बच्चो को देखा । आज फिर मैंने अपने बचपन को देखा !! प्रियसी प्रिया को आज भी झगड़ता पाया