ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स के चीफ डेम केट बिंघम का चोंकाने वाला बयान
ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स के चीफ डेम केट बिंघम का एक बड़ा और चोंकाने वाला बयान आया है उनका कहना है कि अगली महामारी लगभग 5 करोड़ लोगों की जान ले सकती है। WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) ने इस एंटीसिपेटेड महामारी को “डिसीज X” नाम दिया है।
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Corona Virus के बाद अब फैल रहा है “डिसीज X Virus”
अभी हाल ही में पूरा विश्व कोरोना से जैसे-तैसे निपटा ही था की वहीँ “डिसीज X” का खतरा एक बार फिर पूरे विश्व पर मंडराने लगा है, Experts की माने तो यह महामारी Covid-19 से 7 गुना या उससे भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है और जल्द ही फैल सकती है। यानी इस महामारी के मामले जल्द सामने आ सकते हैं। यह महामारी मौजूदा वायरस की वजह से ही फैलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस तेजी से म्यूटेट हो रहे हैं।
आइये पहले समझ लेते है की “म्यूटेट” क्या होता है?
म्यूटेट का मतलब होता है किसी जीव के जेनेटिक मटेरियल यानी की DNA में बदलाव,EASY way में कहें तो ये वायरस खुद की लाखों कॉपी बनाता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक या जानवर से इंसान में ट्रासफर होता है इसकी हर कॉपी पिछली कॉपी से अलग होती है। कॉपी में यह अंतर बढ़ता जाता है। ऐसे करते-करते कुछ समय में ये अपना नया वर्जन तैयार कर लेता है इससे ये वायरस एक बहरूपिये की तरह अपने रूप बदलता जाता है ,यानी एक वेक्सिन बनाने के बाद फिर एक नए वायरस के लिए नई वेक्सिन की जरूरत पड़ती है
ब्रिटेन के साइंटिस्ट्स ने “डिसीज X” के आने से पहले ही इससे लड़ने के लिए वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए 25 तरह के वायरस पर स्टडी हुई है । साइंटिस्ट्स का फोकस जानवरों में पाए जाने वाले वायरस पर है।यानी वो वायरस जो जानवरों से इंसानों में फैल सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्लाइमेट चेंज की वजह से कई जानवर और जीव-जंतु लगातार रिहायशी, शहरी इलाकों में भटकते हुए आ रहे हैं और फिर वहीँ रहने लगते हैं ये जानवर अपने साथ नई-नई तरह की बीमारियाँ भी लेकर आते हैं जो ह्यूमन बॉडी के लिए डेंजर हो सकती हैं, बीमारियों से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट बढ़ रहा है,
इंसान अपने जीवन के लिए कई जीवों पर निर्भर रहते हैं। वो सर्वाइवल के लिए इन्हें खा लेते हैं। इससे होता यह है कि इंसान इन जीवों में पनपने वाले बैक्टीरिया या इनसे फैलने वाली बीमारियां के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आ जाते हैं। जिससे बीमारियाँ ह्यूमन बॉडी को अपना घर बना लेती हैं
आइये एक उदाहरण के जरिए समझते हैं – ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला जानवर बुरुली हूबहू नेवले की तरह दिखता है लेकिन बुरुली ऑस्ट्रेलिया में अल्सर नाम की बीमारी फैला रहा है। मान लीजिये अगर ऑस्ट्रेलिया के टेम्प्रेचर में बड़ा बदलाव हो जाए और ये नेवले जैसा दिखने वाला जानवर ऑस्ट्रेलिया के पड़ोसी देश न्यूजीलैंड चला जाए तो वहां भी अल्सर की बिमारी तेजी से बढ़ने लगेगी
इसके अलावा वायरस फैलने का दूसरा रीजन है – Illegal Smuggling (अवैध तस्करी)
साल 2020 में चीन में तस्करी करके लाए गए पैंगोलिन में ऐसे वायरस मिलने की पुष्टि हुई थी, जो पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस से मेल खाते थे.पैंगोलिन ऐसा स्तन धारी जीव है जिसकी खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल के लिए सबसे अधिक अवैध तस्करी होती है.
एक अंतरराष्ट्रीय टीम का कहना था कि भविष्य में इस तरह के संक्रमण टालने हैं तो जंगली जीवों के बाज़ारों में जानवरों की बिक्री पर भी पूरी तरह रोक लगानी होगी.
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