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साहबे बातिन शख्स रूहानियत

 साहबे बातिन शख्स रूहानियत 



हजरत अबु अली दकाक फरमाते हैँ कि एक दुकानदार अक्सर आपकी खानकाह मे हाजिर होकर अक्सर फुकरा के हमराह खाने मे शरीक होता और खुदभी अपने साथ खाने की कुछ चीजें लेकर अता उसी तरह बरसो अपने हा से फुकरा की खिदमत करता रहा उसके बारे मे एक मर्तबा आपने फरमाया कि ये शख्स साहबे बातिन है उसी रात आपने खुवाब मे देखा कि एक अजीमुशशान महल की छत पर बहुत से बुजुर्गाने दीन का इजतेमा है लेकिन आप बेहद कोशिश के बावजूद ऊपर नहीं पहुंच सके दरे असना वही शख्स आकर कहने लगा कि इन राहों मे शेर लोमड़ियों से पीछे रह जाता है ये कहकर आपको ऊपर पंहुचा दिया दूसरे दिन जब आप मिम्बर पर तशरीफ फरमा थे और वही शख्स हाजिर हुआ तो आपने लोगों से फरमाया कि इसको रास्ता दो कियोकि अगर कल ये हमारी अयानत ना करता तो हम शकिस्ता पाई का शिकार हो जाते ये सुनकर उस शख्स ने अर्ज किया कि मैं तो हर सब वहीं होता हू लेकिन आजतक किसी से तजकरा नहीं किया और आप सिर्फ एक ही शब पहुचे तो लोगों के सामने इजहार करके मुझको भी जलील किया,



अल्लाह के बन्दे की मौत


हजरत अबु अली दकाक ने फरमाया कि एक दिन किसी दर्वेश ने मेरी खानकाह मे हाजिर होकर कहा कि खानकाह का एक गोशा मेरे लिये भी खाली करदें ताकि मैं उसमे अपनी जान देदूं चुनानचे मैंने उसके लिये एक जघा खाली करदी और उसने वहाँ पहुंच कर अल्लाह अल्लाह कहना शुरू कर दिया और मैं उसको छिपकर देखता रहा लेकिन उसने कहा कि आये अबु अली मुझे परेशान ना करो ये सुनकर मैं वहाँ से वापिस आगया और वोह दर्वेश कुछ देर अल्लाह अल्लाह करके वहीं फ़ौत हो गया और जब मैं किसी शख्स को उस के लिये तजहेज वा तकफीन का सामान लेने के लिये भेज कर मकान के अंदर वापिस आया तो वोह मुर्दा दर्वेश वहाँ से गायब था इस वाक़्या से मैं हैरत जदा रह गया और अल्लाह ताला से अर्ज किया कि या अल्लाह तूने मेरी मुलाक़ात एक ऐसे अजनबी से करवाई जो मरने के बाद गायब हो गया आखिर इसमें तेरा किया राज है इससे मुझे भी खबर कर गैबी अवाज आई जो मुल्क अल मौत को तलाश करने पर ना मिल सका तू आखिर उसकी जुस्तजू कियों करना चाहता है और जो मलाइका और हूरों को ना मिल सका तुझे उसकी तलाश कियों है मैंने अर्ज किया कि आये अल्लाह वोह आखिर है किस जघा जवाब मिला, वोह मजलिसे सदक मे मुकतदिर बादशाह के पास है,,, 



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