Hazrat Julnoon Misri Ki Kramat
Hazrat Julnoon misri aur saudagar
islamic waqia in hindi
Wali allah kramat
Darood sharif
Islam hindi
Sufi islam
Wazifa
Wali
Dua
हजरत जुलनून मिसरी एक मर्तबा कश्ती पर सवार कही जा रहे थे कश्ती के मुसाफिरों को हजरत से ताररुफ ना था उस कश्ती मे एक शौदागर भी था इत्तेफाकन उसका एक मोती गुम हो गया उसने गलत फेहमी से हजरत जुलनून पर ये इल्जाम लगा दिया कि मोती उन्होंने लिया है हज़रत ने फरमाया कि मोती मैंने नहीं लिया वोह सौदारगर कहने लगा कि मोती आपने ही लिया है और गुस्ताखी से पेस आने लगा हजरत जुलनून ने उस वक़्त आसमान की तरफ उस वक़्त मुँह करके अर्ज किया कि इलाही तू जानता है कि मैं इस इल्जाम से बरी हू...
Related Articles
ये कहना ही था कि हजारों मछलियां दरिया से एक एक मोती अपने मुँह मे लेकर निकल आई आपने उनमे से एक मोती लेकर उस सौदागर को दे दिया कश्ती के लोगों ने हज़रत की जब ये शान वा करामत देखी तो सब आपके क़दमों मे गिरपडे और मुआफी चाहने लगे नून मछली को कहते हैँ आपकी इसी करामत की वजा से आपका नाम जुलनून मशहूर हो गया