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दारूद शरीफ का आसान सा अमल अमलियात Durood Sharif Ka Asaan Sa Amal

° Darood Sharif Ka Amal

° Asan Amal

° Darood E Ibrahimi

° Darood Sharif Ke Fayde

° Amliyate Auliya

° Ruhani Amal 

दारूद शरीफ का अमल दारूद शरीफ का अमल का एक बहुत बडा हिस्सा है जिसने भी ईसका अमल कर लिया कामयाब रहा रुहानियत का बादशाह बना देती है अपने आमिल को... 


सारे अमल और अमलियात झुक जाते है इसकी बेपनाह ताकत और रुहानियत के आगे कोई अइसा आमिल नही जो दरूद शरीफ के बगैर कामयाब हुआ हो...


अमल अमलियात में  नूर पैदा कर देती है कितना भी गरम जलाली अमल हो ठंडा और कंटरोल मे रखती है हर तरह की रुज्जत से आमिल और ईसके विद् करने वाले को महफूज रखती है ...


एक बात याद रखना दरूद शरीफ ठंडा नूर जिसे रहमत भी कहते  हैं जिसपे हम दरूद भेजते हैं यानी हमारे आका दो जहा नबी ऐ करीम भी ठंडे मीजाज के हैं जब हम उनपे दरूद भेजते हैं उनहे तुरंत मालूम हो जाता है किसने भेजा कहा से भेजा है...


दरूद शरीफ के मोककिलीन भी  काफी ठंडे मिजाज के हैं  और बहुत रहेम दिल भी होते हैं  दरुद पढने वाले की भर पूर मदद करते हैं और दुआऔ की कबूलियत बढ जाती है... 


दरुद शरीफ पढने का एक खास तरीका बता रहा हूँ  नमाज की पाबनदी करनी होगी  नमाज से बडा कोई अमल नही नमाज को अपने दीलो जान से लगा लीजिये इंशा अल्लाह के बाद सोने से पहिले वजु किजिये पाक साफ बिसतर पर लेट कर दरूद शरीफ  111 बार पढिंये और पढने के बाद कही जाना नही है जहा पढाइ की है पढने के बाद वही सो जाऔ 41 दिन बराबर पढाइ करनी है...  


इसके बाद रोज 41 बार पढते रहो कोई भी दुआ पढोगे तुरंत काम करेगा बस पेहले और आखिर मे दरूद शरीफ  पढ लेना  मेरी नजर मे सबसे बहतर दरुद दरूदे इबराहिमि है 




बस अभि के लिये इतना ही  बाकी का अगले किसत मे अयेगा


अल्लाह हाफिज!



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