ग्वालियर। हाल ही में, पुलिस ने खुलासा किया है कि खरगोन में 2 जुलाई को कलेक्टर शिवराज वर्मा की पत्नी से हुई चौंकाने वाली लूट के मामले में दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि, तीन और आरोपी अभी भी फरार हैं। कलेक्टर की पत्नी श्रीमती पुष्पा सिंह के गले से लूटे गए लगभग दो तोले सोने के चेन में से एक पेंडल शामिल था। तीन आरोपी मनीष, रामवीर, और अरुण अभी भागोड़े हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रामवीर के पास लूटे गए चेन का पेंडल है। इसके अलावा, पुलिस ने दुर्गा ज्वेलर्स के संचालक प्रिंस सोनी को भी हिरासत में लिया है, जिन्होंने चोरी हुए सोने के चेन को 45,000 रुपये में खरीदा था।
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मुख्य आरोपी सूरज सिंह भदौरिया और अभिषेक शर्मा को पुलिस ने मोबाइल ट्रैकिंग और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दीनदयाल नगर से हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने बताया है कि श्रीमती पुष्पा सिंह के सोने के चेन को बरामद कर लिया गया है, हालांकि उस पर लगे पेंडल फरार बदमाशों के पास हैं। मंगलवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में, पुलिस ने बताया है कि इस घटना में कुल 5 आरोपी शामिल थे जो दो बाइकों पर सवार थे। एक मोटरसाइकिल समर्थन के लिए चल रही थी। सूरज ने तेजी से महिला के गले से सोने की चेन छीन ली और अपने सहयोगी अभिषेक शर्मा के साथ भाग गया। एकत्रित बैठक में पुलिस को पता चला है कि दोनों मोटरसाइकिल एक दूसरे से जुड़ी हुई थीं। यात्रियों ने एक दूसरे से बातचीत की थी।
ये लोग कलेक्ट्रेट ऑफिस के पीछे एमपी सिटी कॉलेज के पास हुई लूट की घटना के बाद थाटीपुर पुलिस स्टेशन के पास से गोला का मंदिर पहुँचे थे। इसके बाद इन लोगों ने रामूआ बांध क्षेत्र में जाने का फैसला किया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सर्विलेंस उपकरणों के द्वारा अपराधियों की एक गाड़ी की नंबर पहचान की थी। इस पर आधारित, पुलिस ने किराए पर रहने वाले अभिषेक शर्मा और सूरज भदौरिया को दीनदयाल नगर से हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान, इन लोगों ने इस लूट की घटना को अंजाम देने की स्वीकृति दी है।
पूछताछ में उन्होंने बताया है कि उनके 3 साथी मनीष, रामवीर और अरुण नौकरी के लिए दिल्ली गए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक लूट की राशि का बंटवारा नहीं हुआ है। पुलिस के दबाव बढ़ते ही, ये अपराधी भूमिगत हो गए और छिपते रहे। कलेक्टर की पत्नी से दिनदहाड़े लूट की घटना जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन में खलबली पैदा कर दी थी। पुलिस के सामने केस का खुलासा करना बड़ी चुनौती थी। इसके लिए, क्राइम ब्रांच के अलावा विश्वविद्यालय थाने की पुलिस ने कई टीमें बनाई थीं। विश्वविद्यालय थाने में अपराधियों के खिलाफ लूट और डकैती का मुकदमा दर्ज है। अब पुलिस तीन बचे हुए आरोपियों के पीछे पड़ी है और लूटे गए पेंडल को बरामद करने की कोशिश में जुटी है।