सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारियों के लिए लाइफ इंश्योरेंस कवर के रूप में केंद्र सरकार की पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस योजना को अच्छा विकल्प माना जाता है. सरकार पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस में कर्मचारियों को कम बीमा किस्त पर अधिक अमाउंट का भुगतान करती है. भारत सरकार ने 1984 में पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस शुरू किया था. जिसके तहत केंद्र सरकार के कर्मचारी, राज्य सरकार कर्मचारी, देश की सेवा में लगे सैनिक, अर्धसैनिक बल, राष्ट्रीयकृत बैंक में काम करने वाले कर्मचारी, सरकारी शैक्षिक संस्थान के टीचर और कर्मचारी जैसे कई लोगों को कवर दिया जाता है.
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अब सवाल यह है कि पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस योजना लेने वाले को किस तरह की स्कीम ऑफर की जाती है. तो इस योजना के तहत कर्मचारियों को संपूर्ण जीवन बीमा (सुरक्षा), परिवर्तनीय संपूर्ण जीवन बीमा (सुविधा), बंदोबस्ती आश्वासन (संतोष), संयुक्त जीवन बीमा (युगल सुरक्षा) की सुविधा दी जाती है. इस योजना में कर्मचारियों के बच्चों को भी ध्यान में रखते हुए चिल्ड्रन पॉलिसी (बाल जीवन बीमा) ऑफर की जाती है. ध्यान रहे एक कर्मचारी केवल दो ही बच्चों का बीमा कवर ले सकता है.
पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस लेने वाले कर्मचारियों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. जिसमें प्रमुख बातें यह है कि पॉलिसी लेने के बाद बॉन्ड कहीं गुम न हो इसलिए सुरक्षित जगह रखना चाहिए. पॉलिसी का नंबर, ड्यू डेट, प्रीमियम के अमाउंट, पोस्ट ऑफिस का फोन नंबर, और पॉलिसी के तहत नॉमिनी को किसी डायरी में नोट कर लेना चाहिए. अगर आप अपना पता फोन नंबर, ईमेल, आईडी आदि बदलते हैं तो इसकी जानकारी पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस को देना चाहिए.
अगर कोई सरकारी कर्मचारी पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस को बीच में ही सरेंडर करना चाहता है तो उसे इन जरूरी बातों को ध्यान में रखकर अपने पास जरूरी डॉक्यूमेंट सरेंडर की प्रक्रिया के लिए रखना चाहिए. जिसमें सरेंडर के लिए भरा गया रिक्वेस्ट फॉर्म, प्रीमियम की रिसिप्ट बुक, पॉलिसी बॉन्ड, डुप्लीकेट पॉलिसी बॉन्ड उस कंडीशन में जब आपने डॉक्यूमेंट खो दिया हो अगर डुप्लीकेट बांड नहीं है तो क्षतिपूर्ति बॉन्ड, कैंसिल चेक, लोन रीपेमेंट रसीद बुक शामिल है.
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