Health Insurance Policy: मेडिकल और दवाओं के लगातार बढ़ते खर्चों से बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस होना बेहद जरूरी है. लेकिन, सही हेल्थ पॉलिसी कैसे चुनें यह बड़ा सवाल लोगों को परेशान करता है. सही हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय 5 बातों का अगर ध्यान रख लिया जाए तो मेडिकल कवर आपको चैन की नींद देने वाला साबित हो सकता है. आइये देखते हैं मुख्य बिंदु.
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वेटिंग पीरिएड
हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी लेते वक्त पहले से किसी बीमारी को लेकर इंश्योरेंस कंपनी कितना वेटिंग पीरिएड दे रही है ये जानना बेहद जरूरी है. वेटिंग पीरियड का मतलब है कि पहले से जो बीमारी है उसके इलाज का खर्चा कितने समय बाद पॉलिसी के अंडर में आएगा. ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां प्री-इग्जिस्टिंग डिजीज के लिए एक साल का वेटिंग पीरिएड देती हैं. यानी उस बीमारी के इलाज का खर्चा एक साल बाद वह वहन करती हैं. ऐसे में अगर कम वेटिंग पीरियड मिल रहा है तो अच्छी बात है, लेकिन इस स्थिति प्रीमियम की राशि बढ़ सकती है.
हॉस्पिटल टाईअप
जिस भी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से आप पॉलिसी ले रहे हैं उसका कितने हॉस्पिटल्स से टाईअप है, इस पर गौर करना बेहद जरूरी है. ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी के साथ टाईअप हॉस्पिटल्स की लिस्ट देती हैं या इसे TPA वेबसाइट पर भी आसानी से देखा जा सकता है.
डिजीज कवरेज
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कितनी बीमारियों को कवर किया जा रहा है, इसे जानना जरूरी है. कई बार अलग-अलग बीमारियों के लिए कवर लिमिट तय रहती है. ये भी देखना होगा कि पॉलिसी में डाइग्नोस्टिक टेस्ट, चेकअप आदि कवर होते हैं या नहीं. इसके अलावा डे-केयर प्रोसीजर देखना भी बेहद अहम है.
क्लेम प्रोसेस
हेल्थ इंश्योरेंस में क्लेम प्रोसेस सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है. यह जानना बेहद जरूरी है कि पॉलिसी में कितने दिन के क्लेम प्रोसेस कंप्लीट करने की बात कही गई है. पॉलिसी लेते समय क्लेम रेशियो और सेटलमेंट परसेंटेज के साथ कस्टमर सपोर्ट की स्थिति देखना भी अहम बिंदु है.
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