Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर में आई गिरावट पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है। SEBI ने कहा, ‘हम मार्केट के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देंगे। बाजार की अखंडता और संरचनात्मक ताकत को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ हालांकि SEBI ने अपने बयान में अडानी समूह का नाम नहीं लिया है।
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SEBI ने नहीं लिया अडानी समूह का नाम
सेबी ने अडानी समूह का नाम लिए बगैर कहा, ‘पिछले सप्ताह के दौरान एक कारोबारी समूह के शेयरों में कीमतों में असामान्य उतार-चढ़ाव देखा गया। ऐसी हालत में हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि शेयर बाजार निर्बाध, पारदर्शी, कुशल तरीके से काम करे जैसा कि अब तक होता रहा है। बाजार के सुचारू और कुशल तरीके से काम करने के लिए किसी खास शेयरों में अत्यधिक उतार चढ़ाव से निपटने के लिए सभी निगरानी व्यवस्था मौजूद है।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पिछले दो दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार आठ अरब बढ़ गया है। अडानी के एफपीओ हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि एफपीओ आते हैं और निकल जाते हैं और इस तरह का उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है। उन्होंने कहा कि विदेशी भंडार में आठ अरब की बढ़ोतरी से साबित होता है कि लोगों का विश्वास बरकरार है।
दो दिन पहले अडानी समूह ने वापस लिया था FPO
2 फरवरी को, अडानी एंटरप्राइजेज ने एफपीओ वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद फर्म के शेयर 28.45 प्रतिशत गिरकर 2,128.70 रुपये पर बंद हुए। कंपनी ने यह भी कहा कि उसे अपने निवेशकों के हितों की चिंता है। वह निवेशकों को उनका पैसा वापस करेगा।
एक दिन पहले RBI ने दी थी सफाई
शुक्रवार को, भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि देश का बैंकिंग क्षेत्र लचीला और स्थिर है और केंद्रीय बैंक ऋणदाताओं पर निरंतर निगरानी रखता है। आरबीआई ने कहा कि वह बैंकिंग क्षेत्र की लगातार निगरानी कर रहा है।
Credit: न्यूज़ 24
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