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Baksar ka yudh | Fransiso aur angrejo

 Baksar ka yudh | Fransiso aur angrejo 

बक्सर का युद्ध के बारे में बात कर रहे हैं फ्रांसीसी और अंग्रेजों के बीच लड़ाई के बाद मीर कासिम ने सिराजुद्दोला को धोखा देकर खुद को क्लाइब गवर्नर के द्वारा बंगाल का नवाब घोषित करवाया 

लेकिन (Baksar ka yudh) से आर्थिक स्थिति अंग्रेज ने खराब कर रखी थी जिससे मीर कासिम को स्थिति दम पर दम खराब होती चली गई चलिए विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं आखिर (Baksar ka yudh) किन कारणों और किस किन लोगों के बीच हुआ

Baksar ka yudh


    बक्सर का युद्ध कब और किस किस के बीच हुआ (Baksar ka yudh)


    बक्सर का युद्ध 1763 से ही शुरु हो चुका था कंपनी तथा नवाब के मध्य कई झड़पें हुई थी जिनमें मीर कासिम को हार हार का सामना करना पड़ा और वह भागकर अवध में शरण ले लिया उसने नवाब और मुगल सम्राट के सहयोग से अंग्रेजों को बंगाल से बाहर निकालने की योजना बनाई 

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    इस युद्ध में एक और मुगल साम्राज्य शाहे आलम द्वितीय अवध का नवाब सिराजुद्दौला मीर कासिम थे दूसरी ओर अंग्रेजी सेना का नियंत्रण का कुशल सेनापति कैप्टन मुनरो कर रहा था दोनों सेनाओं बिहार में बलिया से लगभग 40 किलोमीटर दूर बक्सर नामक स्थान पर आमने-सामने हुई 22 अक्टूबर 1764 बक्सर का युद्ध शुरू हुआ


     किंतु युद्ध शुरू होने से पहले ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से अधिक साहू मल रोहतास का सूबेदार और जैनुल आबिदीन को धन का लालच देकर लग कर दिया लगभग 3 घंटे में ही युद्ध का निर्णय हो गया 

    जिसकी बाजी अंग्रेजों के हाथ में रहे आलम अंग्रेजी दल से जा मिला और अंग्रेजों से संधि कर ली मीर कासिम भाग गया तथा घूमता फिरता जिंदगी काट रहा दिल्ली के समीप 1777 में अज्ञात बस्ता में उसकी मृत्यु हो गई


    बक्सर के युद्ध का परिणाम क्या था (Baksar ka yudh)


    ऐसा माना जाता है कि बक्सर के युद्ध का सैनिक राजनीतिक महत्व प्लासी युद्ध से अधिक हैं मुगल सम्राट बंगाल का नवाब एवं अवध के नवाब तीनों एवं पूर्ण रूप से कठपुतली शासक हो गए थोड़ा बहुत विरोध का स्वर मराठों और सिखों में सुनाई दिया


    पी आई रॉबर्ट ने बक्सर के युद्ध के बारे में कहा कि प्लासी की अपेक्षा बक्सर को भारत में अंग्रेजी प्रभुता की जन्मभूमि मानना कहीं अधिक उपयुक्त है मीर कासिम को हटा कर एक बार दोबारा मीर जाफर को अंग्रेजों ने बंगाल का नवाब बनाया 


    5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु हो गई उसकी मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके योग्य पुत्र नजमुदोला को बंगाल का नवाब बना कर फरवरी 1765 में उससे एक संधि कर ली संधि की शर्तों के अनुसार रक्षा व्यवस्था सेना वित्तीय मामले वाहे संबंधों पर नियंत्रण आदि को अंग्रेजी ने अपने अधिकार में कर लिया 

     बदले में नवाब को ₹53 लाख वार्षिक पेंशन देने का वादा किया अंग्रेज संरक्षण प्राप्त बंगाल का पहला नवाब बना था तथा बंगाल का अंतिम नवाब मुबारक उद्दोला 1770-75 था

     
    Faq (Baksar ka yudh)

    Q1. 1764 में बक्सर युद्ध के समय बंगाल का गवर्नर कौन था रॉबर्ट क्लाइव

    Q2. बक्सर का युद्ध क्यों हुआ था

     एक अंग्रेजी सैनिक एलिस ने मीर कासिम पर हमला किया था इस वजह से कंपनी को हार का सामना करना पड़ा जिससे एलिस की मृत्यु हो गई इस कारण से बक्सर युद्ध शुरू हुआ अंग्रेजी सैनिक और मीर कासिम के बीच

    Q4. बक्सर का युद्ध कौन जीता

     ईस्ट इंडिया कंपनी

    Q6. प्लासी और बक्सर का युद्ध कब हुआ

     22 अक्टूबर 1764 को 




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