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377+ Gulzar Shayari | गुलजार की शायरी स्टेटस फोटोस {2022}

Gulzar Shayari : दोस्तों गुलजार साहब मशहुर शायरों में से एक हैं। इन्होंने अपनी मशहूर शायरियों और लेखन के माध्यम से से लोगों का दिल जीता है। इनकी शायरियां मन को आनंदित करने वाली होती है। गुलजार साहब ने अपने शेर और शायरियां को कई अलग-अलग भाषाओं लिखा है। साहित्य के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ होने के कारण सन 2004 में इन्हें पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

दोस्तों गुलजार सर के पूरे दुनिया में बहुत अधिक प्रशंसक हैं। इनके शेर और शायरियां काफी दिलचस्प होती है। इसलिए दोस्तों आज की इस पोस्ट गुलजार शायरी में हमने गुलजार सर की कुछ चुनिंदा शायरियों Gulzar shayari on dosti, Gulzar shayari in hindi, Gulzar shayari in hindi 2 line, Gulzar shayari love, Gulzar love shayariको आपके साथ साझा किया है। तो दोस्तों इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

Gulzar shayari

किसके हाथ में प्याली है
किसके मुंह में बोटी है
बहुत कुछ जानता हूं मैं मेरी बस
उम्र छोटी है..!!

कुछ इश्क़ मुझको दे दो इंकार मत करो तुम
दिल मेरा टुकड़े-टुकड़े हर बार मत करो तुम !

बदले हवाएं, फिजाएं, मौसम रुख अपना
पर तुम ऐसे ही रहना
लिख दूं तेरे इश्क पर किताब कई
गुलजार ना बन जाऊं तो कहना!

अगर जिंदगी में खुशियां है तो जिंदगी गुलजार है
अगर जिंदगी में गम है तो जिंदगी नागवार है !

मजहबो के बीच एक दीवार बन जाती है
बेच दिया जो दिल उसी का दीदार करती है!

वह इंसानियत ही क्या जो
इंसान के दुख में साथी ना हो
जन्नत का नूर बरसता है उस पर
जो इंसान दुख में भागीदारी हो !

जुबा कटी थी उसकी ए गुलजार
कमबख्त ने कभी सच बोला होगा!

2 lines gulzar shayari

मुझे जरूरत नहीं शराब की
उनकी आंखे इतनी नशीली है
देखकर ही मदहोश हो जाता हूं !

मयखाने सभी बंद है आज
दिलजलों के लिए यह कैसी सजा है
ए गुलजार तू ही कुछ लिख दे आज
सुना है एक एक शब्द में तेरे
सो बोतलों का नशा है!

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तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है
बेजार मन को भी गुलजार करती है !

तेरा दीदार जैसे आई हो बहार
इस कदर तुझ पर है यह दिल कुर्बान!

चंद्र सिक्कों के लिए बिक क्यों रहा है इंसान
जीत ऐसी बाद में फिर हार बन जाती है !

तुझे मैं कभी खोना नहीं चाहता
इसलिए तुझे पाने की कभी जिद ही नहीं की!

Gulzar shayari in hindi

तुम्हारी चाहत मोहब्बत का एहसान था
जो दिल कभी गुलजार था आज वो शमशान है!

ख्वाब की पंखुड़ियों को
प्रेम-धुन में सजाया है मैंने
अब दिल की वाटिका को तुम
गुल ए गुलजार कर दो!

आंसुओं का शायद इसीलिए कोई रंग नहीं होता
क्योंकि जब वे आते हैं कि कोई संग नहीं होता !

जो दूरियों से कायम रहा
वो एक रिश्ता दिल का गुलजार रहे
इश्क में हम डूबते गए तेरे
कभी इस बार तो कभी उस पार रहे!

पॉजिटिव कोट्स
सिस्टर कोट्स & शायरी
सैड कोट्स & शायरी

मेरा हक़ नहीं है तुम पर ये जानता हु मैं
फिर भी न जाने क्यों दुआओ में तुझको
मांगना अच्छा लगता है!

इश्क की साजिश से तो
पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं
मोहब्बत के रंगों में खोकर
गुलजार महक से जाते हैं!

Hindi shayari by gulzar

जिंदगी मेरी गुलजार हो गई
बड़े दिनों बाद उनसे मुलाकात हो गई
हमने जो पलटकर देखा तो
ऐसा लगा कयामत से मुलाकात हो गई!

दिल को रुलाते हुए एहसासों को सजाते रहे
गम की दुनिया में बैठे कलम से लिखते रहे!

मैं रूठा हूं और तू मनाए मुझे
मैं भी कोई त्यौहार हो जाऊं
अपने होठों से मुझ को चख तो जरा
मैं भी शायद आज गुलजार हो जाऊं!

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी
नफरत भी तुम्हारी थी
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ
किससे माँगते वो शहर भी तुम्हारा था
वो अदालत भी तुम्हारी थी !

नज़र झुका के उठाई थी जैसे पहली बार,
फिर एक बार तो देखो मुझे उसी नज़र से!

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की!

Heart touching gulzar shayari

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी
पकड़ा इसे किसने भला
जियो जो हर पल इसे भरपूर
तो फिर जिंदगी गुलजार है!

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो
मजबूरियों को मतं कोसो हर हाल में चलना सीखो!

कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना!

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
​ बस हम गिनती उसी की करते है
जो हासिल ना हो सका !

महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,
यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना!

बहुत मुश्किल से करता हूँ तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है लेकिन गुज़ारा हो ही जाता है!

Gulzar shayari on zindagi

बड़ी नादानी से पूछा उन्होंने क्या अच्छा लगता है
हमने भी धीरे से कह दिया एक झलक आपकी !

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ,
किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे!

सफल रिश्तों के बस यही उसूल है,
बातें भूलिए जो फिजूल है!

जो जाहिर करना पड़े वो दर्द कैसा
और जो दर्द न समझ सके
वो हमदर्द कैसा !

हसरत थी दिल में की एक खूबसूरत महबूब मिले
मिले तो महबूब मगर क्या खूब मिले!

रिश्तों की अहमियत समझा करो जनाब
इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है!

Life gulzar shayari

तुम्हारे मिलते ही मेरी महफिल
फिर से गुलजार होगी थोड़ा सा
वक्त दो अपना फिर सारी कहानियां
तुम्हारे ही नाम होगी!

इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से,
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे
, लोग मेरा नाम जान जाते हैं!

बहुत अंदर तक जला देती हैं
वो शिकायते जो बया नहीं होती!

तेरे होने से ही तो जिंदगी गुलजार है
तू मेरे चेहरे का नूर और मेरे दिल का करार है !

ये रात मेरे कानो मै बस इतना कह गयी
यार तेरी मोहब्बत तो अधूरी रह गयी!

धागे बड़े कमजोर चुन लेते हैं हम
और फिर पूरी उम्र गांठ
बांधने में ही निकल जाती है!

Gulzar shayari about love

इश्क का रंग और भी गुलजार हो जाता है
जब दो शायरों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है !

मन की पीड़ा को मैं
तुमसे बताऊ कैसे?
ऐ इश्क़ बता मे खुद को
आत्मनिर्भर बनाऊं कैसे?

तेरे जाने से कुछ बदला तो नहीं
रात भी आई थी और
चाँद भी मगर नींद नहीं!

सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं !

जो दुरियो में भी कायम रहा
वो इश्क़ ही कुछ और था!

कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा!

Gulzar ki shayari

खुरच ले गम को अपने खुशी के तिनके से
की हर जख्म का लम्हा बेजार हो जाए
ठहरे ना हताश दिल पर तुम्हारे
खुश्क जहां फिर गुलजार हो जाए !

एक खूबसूरत सा रिश्ता खत्म हो गया,
हम दोस्ती निभाते रहे और उसे इश्क़ हो गया!

मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है,
मिल जाए तब भी और ना मिले तब भी!

दुनिया में कोई किसी का दर्द नहीं अपनाता है
लोग हवा का रुख देखकर ही बदल जाते हैं !

दिल अगर है तो दर्द भी होगा,
इसका शायद कोई हल नहीं होगा!

सुनो, ज़रा रास्ता तो बताना
मोहब्बत के सफ़र से वापसी है मेरी!

Gulzar shayari on life

बहुत खुशनसीब होता है वह इंसान
जिसे वह सब बिना मांगे मिल जाता है
जो कोई दुआओं में मांग रहा होता है !

ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते!

बदन के दोनों किनारों से जल रहा हु मै
के छू रहा हु तुझे और पिघल रहा हु मै!

तेरी यह कातिलाना नजरें भी
खूब कमाल करती हैं
टकराती है नजरों से और
दिल में बवाल करती हैं !

उस उम्र से हमने तुमको चाहा है,
जिस उम्र में हम जिस्म से वाकिफ ना थे!

ज़िंदगी से वादा यूँ भी निभाना पड़ गया
खुल के रोना चाहा था मुस्कुराना पड़ गया!

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं !

अकेले खुश हु अब मैं परेशान मत कर
इश्क़ है तो इश्क़ कर एहसान मत कर!

मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को,
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है!

खता मेरी ही थी जो तुझ पर ऐतबार किया
लुटा कर सर्वस्व अपना बस तुझसे प्यार किया !

इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी,
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां!

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में!

(Source : Heart Touching Shayari)

Final words on Gulzar shayari


आज यह पोस्ट gulzar shayari आपको कैसी लगी हमें पूरी उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी होगी अगर आप भी गुलजार सर की किसी मशहूर शायरी को हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो कमेंट करके आप बता सकते हैं दोस्तों अगर यह पोस्ट अच्छी लगी है, तो सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करना

माँ कोट्स
लव कोट्स
औकात कोट्स



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