Love Poetry in Hindi
Love Poetry in Hindi by our guest writer Mrs. Hemangi Sharma.
हम मिलें भी तो ऐसे.
हम मिलें जिंदगी के उस मुकाम पे जब उम्र का आफ़ताब धूप बरसा कर अस्त हो रहा था,
वक्त की रेत भी मानों हाथ छुडा कर हवा में खो रही थी,
मैं भी ठहर कर सोच रही थी की ये इश़्क का फूल मेरे आंगन में सुबह की नर्म धूप में क्यों न खिला!
जिंदगी की उस शाम में ही क्यों तु शामिल हुआ!
जहां जिंदगी का सूर्यास्त हो रहा है और रात को भी आने का मन मचल रहा है!
वक्त की स्याही जहां उम्र को बेरंग कर रही है,!
अरमानों को भी अब सिलवटे गवारा नहीं है!
जिंदगी के दायरे अब जिंदगी को ही बांट रहे है,
हम मिलें भी तो ऐसे मिले जो कभी मिल कर भी ना कभी मिल पांए.
हेमांगी
प्यार, ये एक बहुत ही सूंदर शब्द है. हमने अक्सर देखा है की प्यार न कोई उम्र देखता है और नाही जात-पात. ये कविता उन लोगों के लिए है, जो अपने प्यार से अर्सो बाद मिले है. हम अक्सर परिवार के दबाव में आकर अपनी पसंद से शादी नहीं करते, इसका मतलब ये नहीं है की हम पुराने प्यार को भूल गए है. जब भी आप अपने पुराने प्यार से मिलोगे, आप अवश्य इस कविता को दोहराओगे। क्यूंकि पहला प्यार हमेशा पहला ही रहता है.
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