Radha Krishna Love Quote
Radha Krishna Love Quote by our guest writer Mrs Devika Gandhi Parekh.
प्रेम तो संसार में हर कोई चाहता है. प्रेम के बिना संसार सुना है. हर कोई चाहता है राधा कृष्ण का प्रेम, पर उनकी तरह कष्ट कोई नहीं सेहना चाहता।
राधा और कृष्णा के प्रेम में सत्य है, कृष्ण ने कभी राधा से झूठे वादे नहीं किये, हमेशा सत्य को पकड़ के रखा. प्रेम की बुनियाद ही सत्य है , ये राधा और कृष्ण ने बखूबी समझाया है. प्रेम में अगर सत्य ही नहीं है तो भरोसा भी नहीं है. इसलिए प्रेम करो तो सत्य बोलने का साहस भी रखना, क्यूंकि कृष्ण के लिए तो “प्रेम ही सत्य है“. सत्य, प्यार का पहला स्तम्भ है.
राधा और कृष्णा के प्रेम में त्याग है. जब कृष्ण ने मथुरा जाने का निर्णय लिया तब राधा ने भी उनका साथ दिया। वो भली भाँती जानते थे की कृष्ण एक बार चले गए तो वापस लौट कर नहीं आएंगे। लेकिन उन्होंने कभी कृष्ण को नहीं रोका। कृष्ण के लिए भी राधा को छोड़कर जाना आसान नहीं था. पर अगर वो ये त्याग नहीं करते तो शायद वो धर्म की स्थापना कभी नहीं कर पाते। राधा और कृष्ण कभी एक नहीं हुए, पर ह्रदय से कभी अलग भी नहीं हुए. जब आपको पता हो की आपका प्यार आपको कभी नहीं मिलने वाला और आप इसका सहज स्वीकार करते हो, तो प्यार कभी मरता नहीं, अमर हो जाता है. त्याग, प्यार का दूसरा स्तम्भ है.
राधा और कृष्ण के प्रेम मे एक दुसरे के प्रति समझ है. राधा को बखूबी पता था कृष्ण के मकसद के बारे में. उन्हें यह भी पता था की कृष्ण तो बहते जल की तरह है जो आज यहाँ है तो कल वहां है. यह सब जानते हुए भी उन्होंने कभी कृष्ण को रोका नहीं। यदि राधा उन्हें नहीं समझती तो शायद कृष्ण ने जिस मकसद के लिए जन्म लिया था, वो कभी पूरा नहीं कर पारे। समझ, प्यार का तीसरा स्तम्भ है.
राधा और कृष्णा सा प्रेम अगर पाना है तो अपने साथी को बंधन मुक्त रखो, क्योंकि कृष्ण कहते है, ” प्रेम हर बंधन से परे है, प्रेम एक भावना है जिसे आपन महसूस कर सकते हो, पर बाँध नहीं सकते”.
आज हम मोह को ही प्रेम समझ बैठे है शायद इसलिए हमे राधा कृष्ण के प्रेम कभी अनुभूति हुई ही नहीं है.
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