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Hindi Kavita on Life

Hindi Kavita on Life

Hindi Kavita on Life by our Guest Poet Hemangi Sharma. A very Positive Poem on life, that will help you change your Perception towards life. Hope You like it.

जिंदगी मेहमान है,
मेहमान से तु नाराज़ मत हो,
दो घडी बैठ,बाते कर,
इत्मीनान से उसे देख,समज,
वो बाहें फैलाए तुम्हे पुकार रही है ,
क्यों अपने आप को सिमट रही हो,
मैं तुम्ही में बसा हूं,ना दूर गया हूं,ना ही दूर रहता हूं,
तेरी भीतर तेरा साया बनकर तुझे रोज गले लगाता हूं,
मै उस जगह हूं,जहां से ना कभी आ पाउंगा,या तुझे महसूस कर पाउंगा,
पर तुम रोज मेरी कब्र पर आना,बैठना, बाते करना,
जब ये हवां ए तुम्हे छुऐगी उसमे मेरा ही एहसास बसा मिलेगा तुम्हे,
पर हां जब भी तुम मुझे मिलने आओगी तो उस वक्त मायूसी का चोला छोड़कर आओगी,
मुझे तुम्हारे लबो की मुस्कान पसंद है याद है ना तुम्हे!
ये काले, सफेद लिबास तुम पे कभी अच्छे लगते ही नही,
तो उसे उतार मेघधनूषी हो के आना,
अपने बालो को कुछ इस तरह सवांरके आना की मैं उसे छू कर भी ना छू सकुं,
तुम्हारी हवा में उड़ती लट मुझे आज भी बेइंतहा पसंद है,
ओर हां हाथो में चूड़ियां पहनके आना,
तेरी चूड़ियो की खनक से तुम्हारा मेरे पास होने का एहसास जिंदा कर देता है मुझे,
मै मिट्टी था,मिट्टी हूं ओर मिट्टी सा ही बन गया हूं,
मेरी खूशबू की महक मेरी मिट्टी पे उगे फूलो में बसी है,
तुम आ के एक फूल अपने बालो मे भी सजाना,
जाते जाते मुझसे एक वादा करके भी जाना,
अब तुम कभी आंसू नही बहाओगी, ना ही कभी मायूस होकर बेजान रंगो में लिपटी मिलोगी,
बाहें फैलाए जिंदगी को बेइंतहा प्यार करोगी।

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