नागदा। अपनी जान जोखिम में डालकर गौवंश की तस्करी रोकने वाले हिंदु जागरण मंच के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर पुलिस प्रशासन ने पानी फेर दिया। पुलिस के कुछ जवान व अधिकारियों की मिली भगत से कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग नहीं ला पाई। हांलाकि गौवंश से भरा एक वाहन तो कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया था, लेकिन उस दौरान कार्यकर्ताओं को चख्मा देकर फरार हुए 11 वाहनों का अभी तक पुलिस पता नहीं लगा पाई।
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यहां तक की जिस वाहन को पकड़ा गया उसके जिन चालक व क्लिनर को पकड़ा गया उस पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा हैं। पुलिस इनसे यह नहीं उगला पाई कि उस रात उनके आगे पीछे जो 11 वाहन मवेशियों से भरे हुए चल रहे थे। वह कहां से कहां जा रहे थे व किसके थे। पुलिस ने मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा पकडे़ गए वाहन के चालक व क्लिनर को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
पुलिस के इस कदम से हिंदु जागरण मंच के कार्यकर्ताओं मे रोष पनप रहा है। घटना वाले दिन से ही पुलिस पर उंगली उठ रही हैं। अब मंच के कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की हैं।
क्या है पूरा मामला
हिंदु जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को आए दिन सूचना मिल रही थी, कि नागदा में स्थित बायपास से बड़ी संख्या में गौवंश की तस्करी करने वाले वाहन निकल रहे हैं। मंच के कार्यकर्ताओं ने यह सूचना पुलिस प्रशासन को भी दी लेकिन प्रशासन द्वारा ढील पोल रवैय्या अपनाया गया। पुलिस की लापरवाही को देखते हुए मंच के जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र सोनी ने स्वयं अपने कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर गौवंश की तस्करी रोकने का निर्णय लिया।
टीम में सोनू प्रजापत, मंगल कछावा, मुकुल सेन, अजय पहाडिया ,दिनेश चौधरी, लक्की वर्मा, अर्जुन बागड़ी आदि शामिल थे। 8 अक्टूबर की रात्रि 3 बजे मंच को पुन: सूचना मिली कि लगभग 1 दर्जन वाहन अवैध रूप से गौवंश भरकर ले जा रहे हैं। इन वाहनों को पकड़ने के लिए जिला अध्यक्ष सोनी ने अपने कार्यकर्ताओं को बायपास व रेलवे ब्रिज के उपर विभिन्न स्थानों पर तैनात कर दिया। यह सूचना पुलिस को भी दी गई लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा इस बात को गंभीरता से नहीं लिया गया नतीजन एक ही वाहन कार्यकर्ताओं के पकड़ में आ सका जिसमें 8 गौवंश भरे हुए थे।
पुलिस की लापरवाही
8 अक्टूबर को हो रही तस्करी की सूचना जब पुलिस प्रशासन को दी गई तो पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और महज डायल 100 को ही वाहनों को पकड़ने का जिम्मा सौंप दिया। इस वाहन में भी महज एक ही आरक्षक हरिओम व पायलेट दिलीप पोरवाल ही मौजूद थे। पुलिस द्वारा कोई भी जवान या अधिकारी को बायपास पर नहीं भेजा गया।
हालांकि थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे थे। शर्मा ने प्रयास भी किया लेकिन सफल नहीं हो सके। वाहनों को पकड़ने के लिए कई पुलिस के अधिकारी व जवानों को फोन किए गए लेकिन अधिकांश के मोबाईल बंद थे। जब बिरलाग्राम थाने पर मामले की सूचना दी गई तो बिरलाग्राम थाने के जिम्मेदारों का कहना था कि बल की कमी के कारण जवानों को नहीं पहुंचाया जा रहा हैं।
यदि पुलिस उस रात हिंदु जागरण मंच की सूचना को गंभीरता से लेती व बायपास पर जगह-जगह बेरिकेट्स या सख्ती से चैंकिग अभियान करती तो हो सकता है कि सभी वाहन पुलिस गिरफ्त मे आ जाते। इतना ही नहीं जब एक वाहन हिंदु जागरण मंच के भेरूलाल टाक व अन्य कार्यकर्ता ने अपनी जान पर खेलकर पकड़ा तो उस समय उस वाहन के चालक व क्लिनर मौके से फरार हो गए थे। पुलिस को इन वाहन के चालक व क्लीनर को पकड़ने के लिए 3 से 4 दिन तक का समय लग गया।
इनको किया गिरफ्तार
पुलिस ने वाहन क्लीनर राधेश्याम पिता माधुसिंह सोलंकी उम्र 41 वर्ष जाति गुजराती बलाई निवासी नई आबादी गणेश मंदिर के पास ग्राम मीण तहसील खाचरौद को गिरफ्तार किया। वहीं क्लिनर का सहयोगी जुवानसिंह पिता भगवानसिंह जाति सोंधिया राजपूत उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम खेरखाड़ा तहसील उन्हेल नागेश्वर जिला झालावंड राजस्थान, गाडी मालिक भगवानङ्क्षसह पिता अनारङ्क्षसह जाति सोंधिया राजपूत उम्र 46 वर्ष निवासी करणपुर थाना गंधार जिला झालावाड तीनों को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। इसी प्रकार पुलिस ने डाईवर जवानसिंह पिता अनारसिंह जाति सोंधिया राजपूत उम्र 33 वर्ष निवासी करणपूर थाना गंगधार जिला झालावाड राजस्थान को दिनांक 18 को गिरफ्तार किया गया । चारों को न्यायालय में पेश करने पर उन्हे जेल भेजा गया।
इन धाराओं में हुआ प्रकरण दर्ज
पुलिस ने पिकअप वाहन में 8 गौवंश ले जाने पर धारा 4,6,9 ,279,427,379,मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिशोध अधिनियम की धारा 11 (घ)पशु निवारण अधिनियम आदि धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। यह गौवंश आगर से नागदा कानून ले जाए जा रहे थे।
तीसरी बार में पकडाए क्लीनर व चालक
8 अक्टूबर की रात को जब मंच के कार्यकर्ताओं ने वाहन को पकड़ लिया था, तो उसके बाद ही कुछ वाहन चालक व क्लीनर थाने पर आए व अपने आप को उक्त वाहन में सवार होना बता रहे थे। इस प्रकरण की जांच कर रहे एसआई रामसिंह भूरिया ने इन लोगो की गिरफ्तारी लेने की प्रकिया प्रारंभ कर दी लेकिन इसी दौरान मंच के कार्यकर्ता थाने पर पहुंच गए। और उन्होने जब क्लीनर व चालक को देखा तो उन्हे संदेह हुआ ओर उन्होने उस रात के घटनाक्रम के बारे में पुछा तो वह कुछ नहीं बता पाए।
जिससे यह सिद्ध हो गया कि तस्करी करने वाले यह लोग नहीं थे। जिसके बाद पुलिस ने इनको छोड़ दिया इसके दो दिन बाद पुलिस ने फिर कुछ लोगों को पकड़ा व इनको वाहन चालक व क्लीनर होना बताया लेकिन यहां भी वहीं कहानी सामने आई कि यह लोग नहीं थे। तीसरी बार में पुलिस ने चालक व क्लीनर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है लेकिन पुलिस उनसे भी घटनाक्रम नहीं उगला पाई व कोई अन्य वाहनों की जानकारी भी नहीं ले पाई। जिससे कतिपय पुलिस के जांच अधिकारी पर भी शंका उत्पन्न हो रही है।
हिंदु जागरण मंच में आक्रोश
लॉकडाउन के बाद से क्षेत्र में गौवंश की तस्करी में लगातार बढोत्तरी हो रही है। गत एक माह में तीन बार हिंदु जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने अवैध रूप से गौवंश ले जा रहे वाहनों को पकड़ा है। इनमें एक ट्राला भी शामिल था। जिसमें 40 से अधिक गौवंश भरे हुए थे। लगातार बढ़ रही गौवंश की तस्करी के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा इस मामले को गंभीरता से नहीं लेने पर हिंदु जागरण मंच के कार्यकर्ताओं में आक्रोश हैं।
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