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‘पर्सनल’ एवं ‘प्रोफेशनल’ ब्लॉग्गिंग – दोनों में क्या है अंतर ?

पखेरू पर आज का विषय है Personal Blogging और Professional Blogging.

अधिकांश लोग ब्लॉग को केवल एक रूप में ही देखते हैं। मगर ऐसा नहीं है, ब्लॉग के भी 2 रूप होते हैं जिसे ‘पर्सनल‘ एवं ‘प्रोफेशनल‘ नाम दिया जाता है। ऑनलाइन लेखन का कार्य पहले विदेशों में देखने को मिलता था मगर अब भारत भी पीछे नहीं रह गया। धीरे धीरे ही सही पर भारतीय युवा युवतियां भी ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में अपने कदम रख रहे हैं। अंग्रेजी के अलावा पिछले पाँच वर्षों में हिंदी ब्लॉगर की संख्या भी तेज़ी से बढ़ी है। यहां तक कि क्षेत्रीय भाषा पर भी ब्लॉग का निर्माण तेज़ी से होता जा रहा है जैसे – बंगाली, मराठी, गुजराती, पंजाबी इत्यादि..।

चर्चा शुरू करने से पहले जान लेते हैं ब्लॉग क्या होता है ?

ब्लॉग एक ऑनलाइन जर्नल या सूचनात्मक वेबसाइट होती है। यह एक ऐसा मंच है, जहां पर कोई व्यक्तिगत लेखक या फिर कई लेखकों का समूह मिलकर किसी विषय पर अपने विचार रखते हैं।

क्या है पर्सनल ब्लॉग्गिंग ?

जब कोई व्यक्ति वेब के एक छोटे से कोने में बैठकर अपने निजी विचारों, मान्यताओं, विश्वासों को ऑनलाइन लिखना शुरू कर देता है तब वह एक ‘पर्सनल ब्लॉगर’ कहलाता है

पर्सनल ब्लॉग्गिंग को हिंदी में शुद्ध रूप से व्यक्तिगत ब्लॉग्गिंग कहते हैं। अतः व्यक्तिगत ब्लॉग केवल एक विशेष व्यक्ति के इर्द-गिर्द ही घूमता रहता है; जिसमें वह अपनी हॉबी, अपनी कोई यात्रा, अपना कोई सुझाव, जीवन से जुड़ी बातें, कोई किस्सा कहानी, अपना अतीत, अपना प्रेम, अपनी भावना, समाज को देखने का नजरिया, अपनी पसंद, अपनी आस्था, अपनी ख़ुशी व दर्द को लेख के रूप में प्रकट करता है।

व्यक्ति विशेष ब्लॉग होने की वजह से ‘पर्सनल ब्लॉग’ का दायरा बेहद सीमित होता है। पर्सनल ब्लॉग में एक लेखक का पहला उद्देश्य आत्म संतुष्टि और दूसरा उद्देश्य पैसा कमाना होता है। लेकिन मौजूदा दौर में नए पर्सनल ब्लॉगर केवल पैसा कमाने के उद्देश्य से ही आ रहे हैं।

पर्सनल ब्लॉग्गिंग में लेखक किसी भी विषय पर लिखने के लिए स्वतंत्र होता है। पर्सनल ब्लॉग ‘specific targeted audience’ को ध्यान में रखकर नहीं बनाये जाते जिसकी वजह से एक ही ब्लॉग पर कई अलग-अलग विषयों पर आधारित आर्टिकल देखने को मिलते हैं।

ज्यादातर पर्सनल ब्लॉग का कोई ‘नीश’ नहीं होता या कहीं होता भी है तो वह प्रभावी नहीं दिखाई देता। क्वॉलिटी कॉन्टेंट राइटिंग से ज्यादा मनी सेंट्रिक होना, मनी माइंडेड होना ऐसे ब्लॉग को कमजोर व साधारण चलताऊ ब्लॉग बना देता है।

क्या है प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग ?

प्रोफेशनल ब्लॉगिंग एक समान सिद्धांत का पालन करते हुए काम करता है। वेब पर खुद की एक बड़ी पहचान बनाने, अपनी बड़ी जगह बनाने के लिए जहां खुद को एक कंपनी या फिर एजेंसी के रूप में पेश करना होता है

प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग को दूसरे शब्द में बिज़नेस ब्लॉग्गिंग भी कहा जाता है। प्रोफेशनल ब्लॉग किसी व्यक्ति के निजी विचारों के इर्द-गिर्द नहीं घूमता बल्कि प्रोफेशनल ब्लॉग पूरी तरह से बिज़नेस ऑरिएंटेड होता है। प्रोफेशनल ब्लॉग किसी व्यक्ति का भी हो सकता है या फिर किसी कंपनी एवं एजेंसी का भी हो सकता है। ज्यादातर प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग के क्षेत्र में कंपनियां एवं एजेंसियां ही हैं।

प्रोफेशनल ब्लॉगर मनी सेंट्रिक, मनी माइंडेड न होकर ‘ब्रांड सेंट्रिक’ या ‘ब्रांड स्पेसिफिक’ होते हैं। इस तरह के ब्लॉगर का विज़न बहुत बड़ा होता है जिनका अपना एक ‘specific targeted audience’ होता है। बिज़नेस ब्लॉगर, अपने ब्लॉग को specific topic या niche पर केंद्रित रखते हैं ताकि ये अपने टारगेटेड ऑडिएंस तक आसानी से पहुँच सकें।

प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग का लक्ष्य होता है – यूजर को कोई वैल्यू ऑफर करना, यूज़फुल इन्फॉरमेटिवे कॉन्टेंट देना, यूजर इंगेजमेंट देना, ऐडवर्टिज़मेंट स्कोप देना, कॉल टू एक्शन जनरेट करना, इन्फ्लुएंस मार्केटिंग करना और प्रोडक्ट सेल, लीडस् या कन्वर्जन देना।

पर्सनल ब्लॉग एवं प्रोफेशनल ब्लॉग में क्या अंतर है ?

पर्सनल ब्लॉगप्रोफेशनल ब्लॉग
पर्सनल ब्लॉग की ऑडिएंस स्पेसिअलाइज़्ड नहीं होती।प्रोफेशनल ब्लॉग की ऑडिएंस बहुत ज्यादा स्पेसिअलाइज़्ड होती है।
पर्सनल ब्लॉग यूजर नीड्स को फुलफिल नहीं करता।प्रोफेशनल ब्लॉग यूजर नीड्स को फुलफिल करता हैं।
पर्सनल ब्लॉग व्यक्तिगत विचारों पर आधारित होता है।प्रोफेशनल ब्लॉग बिज़नेस पर आधारित होता है।
पर्सनल ब्लॉग इन्फोर्मटिवे क्वेरी को फुलफिल नहीं करता।प्रोफेशनल ब्लॉग इन्फोर्मटिवे क्वेरी को फुलफिल करता है।
पर्सनल ब्लॉग के कॉन्टेंट का ट्रस्ट बेहद कम होता है।प्रोफेशनल ब्लॉग के कॉन्टेंट का ट्रस्ट बेहद ज्यादा होता है।
पर्सनल ब्लॉग में व्यक्तिगत एक्टिविटी को बताने का स्कोप होता है।प्रोफेशनल ब्लॉग में व्यक्तिगत एक्टिविटी को बताने का स्कोप नहीं होता।
पर्सनल ब्लॉग की कोई स्ट्रेटेजी नहीं होती।प्रोफेशनल ब्लॉग मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एवं प्लांनिग से चलते हैं।

पैसा किसमें ज्यादा है पर्सनल या प्रोफेशनल ब्लॉग में ?

मैंने अब तक जितना बताया उसमें आप अच्छे से समझ पा रहे होंगे की प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग की तुलना में पर्सनल ब्लॉग्गिंग बहुत छोटी सी चीज है। जहां एक ओर पर्सनल ब्लॉग किसी एक व्यक्ति के निजी विचारों के इर्द-गिर्द घूमता है वहीं दूसरी ओर प्रोफेशनल ब्लॉग कंपनी बिज़नेस के इर्द-गिर्द घूमता है। चूँकि प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग का लक्ष्य बिज़नेस जनरेट करना है एवं यूजर नीड्स को फुलफिल करना है अतः पैसा प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग में बहुत ज्यादा है।

कितना कठिन है प्रोफेशनल ब्लॉगर बनना ?

बहुत कठिन है प्रोफेशनल ब्लॉगर बनना। प्रोफेशनल ब्लॉगर वही व्यक्ति बन सकता है जो किसी एक विशेष क्षेत्र का महारथी हो। किसी प्रोफेशन से जुड़ा व्यक्ति ही बहुत अच्छा प्रोफेशनल या बिज़नेस ब्लॉगर बन सकता है। यहां राइटिंग करना बेहद कठिन होता है क्योंकि यहां आप अपने निजी विचार से कुछ भी कैसा भी नहीं लिख सकते, बल्कि आपका कॉन्टेंट बिज़नेस के रेलेवेंट होना चाहिए।

प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग में केवल कॉन्टेंट लिख देने से काम समाप्त नहीं हो जाता। यह बेहद जरूरी है कि कॉन्टेंट यूजर नीड्स को पूरा करे, इंडस्ट्री रिक़्वारमेन्ट को पूरा करे, यूजर को वैल्यू ऑफर करे एवं उसे इन्फ्लुएंस करें ताकि वह कंपनी या एजेंसी से कांटेक्ट कर सके। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां किसी सामान्य इंसान का काम करना बहुत मुश्किल है; इसीलिए ज्यादातर प्रोफेशनल ब्लॉग कंपनी के ही होते हैं और उनके राइटर प्रोफेशनल दुनियां से जुड़े होते हैं।

कैसे कमाते हैं प्रोफेशनल ब्लॉगर ?

1 – सैलरी: वे लोग जो किसी कंपनी ब्लॉग के लिए राइटिंग करते हैं उनको हर महीने तनख्वा मिलती है।
2 – स्पॉन्सर्ड आर्टिकल: जो अपने ब्लॉग नीश के अकॉर्डिंग किसी कंपनी के लिए पेड आर्टिकल लिखते हैं।
3 – ऐडवर्टिज़मेंट: ब्लॉग नीश के अकॉर्डिंग किसी कंपनी से मिलने वाले बैनर ऐड और लिंक ऐड।
4 – लीडस् कन्वर्जन: यदि किसी कंपनी को आपके ब्लॉग से लीड या कन्वर्जन मिले तो वह कमीशन प्रदान करती है।
5 – पॉजिटिव रिव्यु: ब्लॉग नीश के अकॉर्डिंग किसी कंपनी के लिए पॉजिटिव रिव्यु लिखकर।
6 – डेटा बेचकर: जो प्रोडक्ट खरीदना चाहते हैं या सर्विस लेना चाहते हैं उनका डेटा कंपनी को बेचकर।
7 – प्रमोटिंग इवेंट्स: कंपनी इवेंट और सेमिनार में बोलकर।
8 – गूगल ऐड: यह तो बेहद कॉमन है।

प्रोफेशनल ब्लॉगर के लिए कमाई का कोई लिमिट नहीं है; बस शर्त ये है की उसका ब्लॉग पॉपुलर हो, हाई ट्रैफिक वैल्यू वाला हो और बिज़नेस ओरिएंटेड एवं स्पेसिफिक टारगेटेड ऑडियंस पर आधारित हो।

मेरे खयाल से आप पर्सनल और प्रोफेशनल ब्लॉग्गिंग का अंतर अब समझ गए होंगे।

धन्यवाद।

लेखक:
रवि प्रकाश शर्मा

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