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भारत में एफिलिएट मार्केटिंग व्यवसाय के अवसर

क्या है एफिलिएट मार्केटिंग हिंदी में जानिए:
What is Affiliate Marketing in Hindi

एक मार्केटिंग व्यवस्था जिसके द्वारा कोई ऑनलाइन रिटेलर अपने रेफरल से उत्पन्न हुए ट्रैफिक या बिक्री के लिए किसी बाहरी वेबसाइट को कमीशन देता है।

संबद्ध विपणन की अधिक जानकारी के लिए विकिपीडिया देखें।

संछिप्त उदहारण,

जैसे Amazon एक ऑनलाइन रिटेलर है जिससे आप जुड़े हुए हैं। यदि आप अमेज़न के उत्पादों को अपनी किसी वेबसाइट , ब्लॉग , यूट्यूब या फिर अन्य माध्यम से बेचते हैं तो अमेज़न आपके द्वारा बेचे गए हर उत्पाद का कुछ प्रतिशत कमीशन आपको देता है।

भारत की स्थिति:

भारत दुनियां की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला यह देश कल की महाशक्ति बनने की राह पर है। कभी सपेरों और बंदरों का देश कहा जाने वाला हिन्दुस्तान आज विज्ञान , तकनीकि एवं व्यापार में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

किसी ज़माने में घूँघट और घर की चार दीवारी में घिरी महिलाएं आज देश की प्रगति में अपना योगदान दे रही हैं। हां, यह बात अभी भी सच है की पुरुषों के मुकाबले भारत में महिलाओं के कार्य करने का प्रतिशत अभी भी बेहद कम है। किन्तु धीरे धीरे ही सही महिलायें शिक्षित होकर नौकरी , व्यापार से जुड़ रही हैं। एक आंकड़े के मुताबिक भारत की कुल आबादी में महिला कर्मचारियों का प्रतिशत मात्र 21% ही है। वहीं कुछ सरकारी आंकड़े 25.8% तक भी देखे जाते हैं; खैर यह तो साफ़ है की भारत अपनी आबादी के मुताबिक महिला कर्मचारियों के लिहाज से काफी पिछड़ा है।

लेकिन डिजिटल इंडिया से उत्पन्न हुए ऑनलाइन कमाई के अवसरों ने महिलाओं का भी हौसला काफी बढ़ाया है। इंटरनेट पर लड़कियों और घरेलु महिलाओं द्वारा संचालित ब्लॉग या यूट्यूब चैनल आसानी से देखे जा सकते हैं। अतः यह जरूरी है की वो महिलाएं भी Affiliate Marketing Business को समझें ताकि घर बैठकर भी आय कर सकें।

डिजिटल इंडिया (Digital India):

यह तो कहना होगा की विगत कुछ वर्षों में भारत ने महिला और पुरुष के बीच व्याप्त शिक्षा की एक बड़ी खाई को काफी हद तक पाटा है। माता पिता भी अपनी क्षमता के अनुरूप बेटे और बेटी दोनों को ही शिक्षित करने पर अपना ध्यान दे रहे हैं। शिक्षा का स्तर ऊपर उठने का फायदा तकनीकि व्यवस्था को मिला जहां महिला और पुरुष दोनों शामिल हुए।

मोबाइल फ़ोन धारकों के आंकड़े देखे जायें तो भारत में सन 2014 तक 581 मिलियन मोबाइल फ़ोन धारक थे। जैसे जैसे वर्ष आगे बढ़ रहा है इंडिया में मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है। सन 2015 में eMarketer द्वारा किये गए सर्वे के अनुसार सन 2019 के अंत तक भारत में कुल मोबाइल फ़ोन धारकों की संख्या करीब 800 मिलियन तक पहुँच जाएगी, किन्तु यह उम्मीद से ज्यादा हुआ और भारत May 2019 के आने तक मोबाइल फ़ोन यूजर की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज़ कर चुका था। Telecommunications in India आंकड़ों को देखा जाय तो अब भारत में Mobile Subscribers की संख्या करीब 1.161 Billion है।

यह कहना गलत नहीं होगा की September 2016 में Jio के आने से मोबाइल धारकों की संख्या में बड़ा उछाल आया है। Economictimes के मुताबिक सन 2018 तक भारत में Mobile Data की खपत 8.3 gigabits/per month थी। 2019 के आंकड़ों में मोबाइल डेटा की खपत 9.8GB Per Month है। यहां हम साफ़ देख रहे हैं की किस तरह भारत Digitisation की तरफ तेज़ी से अपने कदम बढ़ा रहा है।

क्या कहते हैं एफ.आई.सी.सी.आई-आई वाई के आंकड़े:
(Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI-EY) report)

सन 2017 से 2018 के बीच डिजिटल इंडिया का मार्किट पूरे 40% प्रतिशत बढ़ा है। Compound annual growth rate (CAGR) भारत में digital business opportunity 28% की बढ़ोतरी के साथ बढ़ते हुए सन 2021 तक Rs 35,400 करोड़ तक पहुँच जायेगी। आखिर इसका कारण क्या है ? क्यों इतनी तेज़ी होने की संभावना है। मैं आपको बता दूँ की यह तेज़ी इसलिए होगी क्योंकि भारत के युवा बड़ी तेज़ी के साथ डिजिटल इंडिया की मुहीम में शामिल हो रहे हैं। India में new-age publishers की संख्या पूरी रफ़्तार पड़के हुए है।

Bloggers, vloggers, influencers, social media, online forums/communities, and chat-based messengers आदि से जुड़कर भारत के होनहार युवा डिजिटल क्षेत्र में बेहद relevant और engaging content बना रहे हैं और उसपर लगातार काम कर रहे हैं। तेज़ी से बढ़ते भारत के युवा ऑनलाइन पब्लिशर international और local money transaction को भी बढ़ा रहे हैं।

भारत में online bloggers, influencers and YouTubers की यह तेज़ी अब जन्म दे रही है एक ऐसे कारोबार को जिसका नाम है “Affiliate Business” या “Affiliate Marketing” । अमेरिका जैसे बड़े देश में तो एफिलिएट बिज़नेस पिछले कई सालों से चला आ रहा है किन्तु भारत में अभी भी इसकी स्थिति अच्छी नहीं है अर्थात इसे करने वालों का प्रतिशत बेहद कम है। अगर हम संयुक्त राज्य अमेरिका में एफिलिएट व्यापार के आंकड़े देखें तो वहां 81% ब्रांड की बिक्री बढ़ाने में 84% ऑनलाइन पब्लिशर की भूमिका है। कितना अजीब है ना, कि भारत एक घनी आबादी वाला देश होने के बावजूद सन 2020 में आकर भी एफिलिएट बिज़नेस के क्षेत्र में बौना है।

Rakuten Affiliate Network द्वारा किये गए एक सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है की सन 2020 तक भारत में Affiliate Marketing की पहुँच $6.8 billion तक हो जायेगी। इसके अतिरिक्त VigLink द्वारा किया गया सर्वे ये कहता है की भारत के 9% एफिलिएट मार्केटर ने 2016 में $50,000 से भी ज्यादा पैसा affiliate business से कमाया है। भारत में एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़े हुए पब्लिशर करीब 5-20% तक की कमाई सालाना एफिलिएट मार्केटिंग करके कमा रहे हैं।

2020 में एफिलिएट मार्केटिंग बिज़नेस की शुरुआत कैसे करें:
How to start affiliate marketing business in Hindi

यकीन मानिये एफिलिएट बिज़नेस की शुरुआत करना एवेरेस्ट पहाड़ पर चढ़ने जैसा बिलकुल नहीं है। शुरुआत बेहद किन्तु कार्य आपकी कौशलता पर निर्भर करता है। अतः एफिलिएट मार्केटिंग का व्यापार करने से पूर्व आप इसकी सम्पूर्ण जानकारी ले लें, तदोपरांत आप इसमें अपने कदम बढ़ायें।

  • सबसे पहले आप किसी अच्छे एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ें। जैसे – ResellerClub, Amazon और Flipkart आदि।
  • किसी भी एफिलिएट प्रोग्राम में रजिस्टर होने के उपरांत आप उनके प्रोडक्ट सेक्शन में जाकर प्रोडक्ट का चुनाव करें।
  • जिस प्रोडक्ट का आप चुनाव करेंगे उसका एक एफिलिएट लिंक आपको प्राप्त हो जायेगा।
  • चुने हुए प्रोडक्ट का प्राप्त एफिलिएट लिंक या यूआरएल का इस्तेमाल कर आप उसे शेयर कर सकते हैं।
  • यदि आपके शेयर किये गए एफिलिएट लिंक पर क्लिक करके कोई प्रोडक्ट खरीदता है तो आपको उसका कमीशन प्राप्त होता है।
  • आपके द्वारा अर्जित किया गया कमीशन 30 या 60 दिनों के बाद आपको मिल जाता है।
  • प्राप्त कमीशन चेक, बैंक ट्रांसफर या पेपाल के माधयम भुगतान किया जाता है।

ऊपर लिखे 7 बिंदु पूरे एफिलिएट प्रोग्राम की कार्य प्रणाली को बयां करते हैं। किन्तु क्या ये इतना सरल है जितना मैंने बिंदु में बताया ? उत्तर है नहीं !! एफिलिएट के माध्यम से उत्पाद को बेच देना इतना सरल कार्य नहीं। दोस्तों पैसा कमाना कभी भी सरल नहीं होता बल्कि अपनी मेहनत और लगन से उसे सरल बनाना पड़ता है। यदि आपने Affiliate Marketing करने की ठान ही ली है तो फिर मेहनत से ना घबरायें। वो हिंदी में एक कहावत है ना “जब ओखल में सिर दे दिया तो मूसर से क्या घबराना”, तो चलिए अपनी बात को आगे बढ़ाते हैं।

एफिलिएट बिज़नेस को सरल कैसे बनायें ?

क्या आप कोई हिंदी या अंग्रेजी का ब्लॉग चलाते हैं ?
क्या आपका कोई यूट्यूब चैनल है ?
क्या आपके पास फेसबुक का हाई यूजर बेस वाला पेज या ग्रुप है ?

क्या कहा आपने ! सबकुछ है ? तो फिर Affiliate Business आपके लिए ही है।

अच्छा आपके पास कुछ भी नहीं है !! ओह्ह…थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी होगी पर हो जायेगा।

ब्लॉग, चैनल और फेसबुक ग्रुप ना हो तो कैसे शुरुआत करें एफिलिएट बिज़नेस की:

देखिये मैंने पहले ही कह दिया है की आपके लिए मेहनत थोड़ी बढ़ जाएगी। यदि आप ब्लॉग , चैनल या कोई हाई यूजर बेस वाला फेसबुक पेज नहीं है तो आप फ़िलहाल एफिलिएट बिज़नेस से दूर रहें। सवर्प्रथम शुरुआत करें अपना सोशल नेटवर्क मजबूत बनाने में। हम जानते हैं की सोशल नेटवर्क की दुनियां में आज फेसबुक का काफी बोल-बाला है अतः आप पीछे क्यों रहें। एफिलिएट प्रोग्राम में रजिस्टर करने से बेहतर है कि पहले आप फेसबुक पर पेज और ग्रुप का निर्माण करें। यदि आप विवाहित हैं तो अपनी पत्नी को भी कहें की वो अपने फेसबुक अकाउंट में पेज और ग्रुप बनायें। यदि आप अविवाहित हैं तो अपने अलावा भाई और बहन को भी फेसबुक पेज और ग्रुप बनाने के लिए कहें।

शुरुआत हमेशा भारतीय उपभोक्ता को ध्यान में रख कर करें अतः अपने फेसबुक ग्रुप और पेज पर केवल भारत के लोगों को ही जोड़ें। बनाया गया पेज और ग्रुप आकर्षक दिखना चाहिए ताकि वह अन्य फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सके। आप कोई कॉमन पेज या ग्रुप बना सकते हैं या फिर ऐसा भी बना सकते हैं जैसा प्रोडक्ट आप एफिलिएट में बेचना चाहते हों। 6 महीने तक अपने फेसबुक पेज और ग्रुप पर लगातार काम करें ताकि वहां जुड़ने वाले लोगों की संख्या 1000 – 2000 पहुँच जाये। पत्नी, भाई और बहन के फेसबुक अकाउंट में बने हुए पेज और ग्रुप का एडमिन राइट लेकर आप उनको भी चलाते रहे ताकि आपकी ऑडियंस रीच बढ़ती जाय। आपके, पत्नी के, भाई के, बहन के पेज और ग्रुप पर लगातार 6 महीने काम करने से अच्छा रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है।

यदि आप 6 महीने में 1000, 2000 या अधिक यूजर बेस बना लेते हैं तो आप एफिलिएट करने का सोच सकते हैं। यदि आपने इतना बेस नहीं प्राप्त किया तो थोड़ा और मेहनत करें। कम से कम 1000 का यूजर बेस होने से आपके शेयर किये गए लिंक पर कोई क्लिक तो करेगा ही। अगर आपके पेज से क्लिक नहीं आया तो हो सकता है पत्नी के प्रोफाइल से आये या भाई बहन से। कुल मिलाकर बात इतनी है की आपके पास सोशल social presence होना चाहिए। क्योंकि ब्लॉग और यूट्यूब पर आप इतनी जल्दी बड़ा ट्रैफिक प्राप्त नहीं कर पाएंगे अतः पहला रास्ता सोशल मीडिया का ही बनता है।

ब्लॉग और यूट्यूब चैनल है तो आप कैसे करें एफिलिएट बिज़नेस:

क्या ये मुझे बताने की जरूरत है ! चलिए कुछ बता ही देता हूँ।
कैसे ब्लॉगर हैं आप हिंदी के या अंग्रेजी के ? और आपके ब्लॉग का नीश क्या है ? ये बेहतर है की अपने ब्लॉग नीश के हिसाब से ही एफिलिएट प्रोडक्ट का चुनाव किया जाय।

यदि महिलायें, Mom and Parenting जैसे ब्लॉग पर लेखन कर रही हैं तो वे बेबी केयर, बेबी फ़ूड, बेबी हेल्थ, बेबी वियर, मैटरनिटी, महिला स्वास्थ आदि जैसे प्रोडक्ट का एफिलिएट करें तो उनके ब्लॉग से conversion ratio अच्छा निकल कर आएगा।

ठीक इसी प्रकार – ट्रेवल, ब्यूटी, गारमेंट, बुक रिव्यु इत्यादि जैसे विषय पर ब्लॉग लेखन करने वाली महिलायें अपने ब्लॉग नीश के आधार पर affiliate product का चुनाव करें। क्योंकि नीश आर्टिकल पर आने वाला रीडर 80% पहले से ही कनवर्टेड होता है अतः जो अपनी इच्छा से आ रहा है उसे बेचना सरल है। यदि ब्यूटी नीश पर मोबाइल फ़ोन का एफिलिएट लिंक दिया जाय तो उसका conversion नहीं होगा।

अब बात आती है की वो महिलाएं या लड़कियां क्या करें जो multi niche blog पर राइटिंग करती हैं ? जी इसमें भी कोई मुश्किल नहीं है। अपने ब्लॉग के गूगल एनालिटिक सेक्शन में लॉगिन करके देखें की आपके ब्लॉग पर रोजाना किन विषयों पर search query आ रही है। जिन विषयों की अधिकता है आप उन विषयों से जुड़े हुए एफिलिएट प्रोडक्ट का लिंक लगायें।

दूजा, जब अपने एफिलिएट करने का मन बना ही लिया है तो आप अपने मल्टी नीश ब्लॉग पर अपने एफिलिएट उत्पाद से जुड़ा हुआ लेख भी लिखती रहें। आप अपने लेख के बीच में टेबल बनाकर उसमें एफिलिएट लिंक डाल सकती हैं। वर्डप्रेस विजेट का इस्तेमाल कर उसमें एफिलिएट लिंक डाल सकती हैं। अर्थात मल्टी नीश ब्लॉगर अन्य विषयों को लिखने के साथ साथ अपने एफिलिएट प्रोडक्ट के लिए भी आर्टिकल लिखे तो वहां से अच्छा रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है।

**मैंने यहाँ महिलाओं का उदहारण इसलिए दिया है क्योंकि मैं चाहता हूँ की कामकाजी लड़कियां या घरेलु महिलायें Affiliate Program का हिस्सा बनें और financially independent रहें।

पुरुषों के लिए इन बातों को दुबारा दोहराने का कोई अर्थ नहीं। अतः कामकाजी पुरुष, पढ़ने वाले लड़के, कॉलेज पास आउट लड़के जो भी ब्लॉग या यूट्यूब अथवा फेसबुक पेज या ग्रुप पर अच्छे से एक्टिव है वह Affiliate Marketing करके पैसे कमा सकता है। मैंने देखा है ज्यादातर ब्लॉग लेखक केवल गूगल एडसेंसे पर ही आश्रित होकर रह जाते हैं जहां से बड़ा revenue प्राप्त करने के लिए बड़ा traffic होना अनिवार्य है। किन्तु आप एफिलिएट मार्केटिंग के माध्यम से कुछ कम ट्रैफिक में भी रेवेन्यू प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए आपको अपने ब्लॉग पर ऐसा कंटेंट लिखना होगा जो पाठक को खरीदने के लिए उकसाये। ऐसे लेख को हम कंटेंट मार्केटिंग के नाम से जानते हैं जहां राइटिंग के माध्यम से किसी उत्पाद को बेचना या लीड जेनेरेट करने का कार्य किया जाता है।

आईये समझते हैं एफिलिएट मार्केटिंग चक्र को:
Understanding the cycle of Affiliate Marketing

मान लीजिए आप अमेज़न एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़े हैं और आपके पास अपना ब्लॉग भी है। यहां पर आप अमेज़न एफिलिएटर कहलायेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि आप 1 से ज्यादा कई एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं और उन सभी का लिंक अपने ब्लॉग पर या कहीं और शेयर कर सकते हैं।

एफिलिएट मार्केटिंग का पूरा चक्र

1- Amazon Associate >> 2- Joined Affiliated User >> 3- Affiliate Product Link >> 4- Promotion Via Blog >> 5- Click Over Link Shared on Blog >> 6- Purchase done by customer >> 7- Amazon Track Sales >> 8- Earn Commission >> 9- Payment Transferred in Bank User Bank Account
 
ऊपर मेरे 9 बिंदुओं को ध्यान से देखें कैसे एफिलिएट मार्केटिंग का चक्र कार्य करता है। एफिलिएट प्रोग्राम को ज्वाइन करना और एफिलिएट प्रोडक्ट के लिंक को अपने ब्लॉग पर इस्तेमाल करना बेहद सरल है, इसके लिए आपको बड़े तकनीकि ज्ञान का होना जरूरी नहीं। ब्लॉग के माध्यम से एफिलिएट मार्केटिंग करने वाले यूजर को सारा ध्यान लेखन पर केंद्रित करके रखना चाहिए ताकि वह अपने चुने हुए उत्पाद और अपने पाठकों की पसंद आधार पर लेखन कर एफिलिएट से पैसा कमा सके।

भारत में एफिलिएट मार्केटिंग करने के लिए कौन सा एफिलिएट प्रोग्राम चुने:

-वी कमीशन (vCommission)

-कोमली (Komli)

-एडमिटेड इंडिया (Admitad India)

-आई क्यूबस वायर (iCubesWire)

-कूलिंक्स (Cuelinks)

-कमीशन जंक्शन (CJ Affiliate (Commission Junction)

-माइंड टेक एफिलिएट (Mindtech Affiliates)

-ऑप्टिमाइज़ (Optimise)

-वरटोज़ (Vertoz)

-शेयर ए सेल (ShareASale)

ठीक विदेशों की तरह भारत में भी अनेकों एफिलिएट प्रोग्राम आ चुके हैं। सबके अपने नियम कायदे व कानून हैं भारत में affiliate network में सबसे बड़ा नाम vCommission का आता है। ऊपर मैंने 10 नाम दिए हैं मगर उनके अलावा अन्य कई नाम आते हैं जिनको मैंने शामिल नहीं किया है।

अगर आप एफिलिएट मार्केटिंग की दुनियां में पहली शुरुआत करने जा रहे हैं तो आप Amazon Associate का ही चुनाव करें तो बेहतर होगा। यदि आप एक से अधिक एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ना चाहते हैं तब आप https://affiliate.flipkart.com/ पर लॉगिन कर इससे भी जुड़ सकते हैं। परन्तु मेरा सुझाव होगा आप पहली शुरुआत अमेज़न से ही करें ताकि 1 से 2 साल तक अच्छे से सीख कर और कुछ पैसे कमा कर अन्य एफिलिएट में भी हाथ आजमाया जा सके।

vCommission जैसे एफिलिएट के मुकाबले,

Amazon एक बहुत बड़ा नाम है और आज की तारीख में यह भारत में अपना खासा प्रभुत्व कायम कर चुका है, अतः यदि आप अमेज़न का हिस्सा बनते हैं तो प्रोडक्ट बिक्री के चान्सेस ज्यादा रहेंगे और भरोसा भी।

मैं अपने अगले हिंदी लेख में amazon affiliate marketing के बारे में विस्तार से बतलाऊंगा फ़िलहाल यह लेख केवल एफिलिएट मार्केटिंग क्या है ? और उसकी शुरुआत कैसे कर सकते हैं पर आधारित है।

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