चैतन्य भारत न्यूज
भारत की महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि सेमीफाइनल में अर्जेंटीना और उसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन से हार का सामना करना पड़ा।
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भारत की महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में पहली बार पदक जीतने का सपना चकनाचूर हो गया है। शुक्रवार को खेले गए ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में भारत को रियो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट ग्रेट ब्रिटेन ने 4-3 से मात दी। भारत के लिए गुरजीत कौर ने सबसे ज्यादा दो गोल किए। गुरजीत (25वें एवं 26वें मिनट) के अलावा वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में स्कोर किया। ग्रेट ब्रिटेन के लिए इलेना रायर ने 16वें, सारा रॉबर्टसन ने 24वें, होली पियरने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्सडन ने 48वें मिनट में गोल दागे।
What an inspiring first half this has been!
Time to go a step higher in the second period. #GBRvIND #HaiTayyar #IndiaKaGame #Tokyo2020 #TeamIndia #TokyoTogether #StrongerTogether #HockeyInvites #WeAreTeamIndia #hockeybelgium pic.twitter.com/GHVEwqbia9
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 6, 2021
ओलिंपिक मेडल चूकने के बाद टीम इंडिया के प्लेयर्स मैदान पर ही फूट-फूटकर रोने लगीं। सविता पूनिया, वंदना कटारिया, कप्तान रानी रामपाल और नेहा गोयल समेत तमाम खिलाड़ी इमोशनल हो गए। इन सभी खिलाड़ियों ने पूरे टूर्नामेंट गजब का प्रदर्शन किया था। ब्रिटेन की खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के प्रदर्शन की तारीफ की और भारतीय खिलाड़ियों को सम्मान भी दिया। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान में खड़े होकर तालियां बजाईं।
भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद शुक्रवार को देश की खुशी दोहरी नहीं दे कर पाई और ब्रॉन्ज मेडल मैच में हार गईं। फिर भी टीम की सराहना हो रही है, उसने खुद को पदक की रेस में शामिल किया था। मौजूदा औलंपिक में वह पहले ही तीन बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर अविश्वसनीय प्रदर्शन कर चुकी थी। लेकिन भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला इतना आसान नहीं था, क्योंकि उन्हें पूल चरण में गत चैम्पियन ग्रेट ब्रिटेन से 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी। सातवें नंबर की टीम दुनिया की चौथे नंबर की ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ बिना किसी दबाव के सर्वश्रेष्ठ करने के लिए उतरी थी। पर नतीजा भारत की बेटियों के पक्ष में नहीं रहा।