चैतन्य भारत न्यूज
तमिलनाडु के सबसे पुराने शहरों में से एक कांचीपुरम में पिछले डेढ़ महीने से करीब 90 लाख लोग आ चुके हैं। इसका कारण भी बेहद खास है। दरअसल यहां जो भगवान हैं वह 40 सालों में एक बार कुछ दिनों के लिए भक्तों को दर्शन देने जल समाधि से बाहर आते हैं। इस मंदिर का नाम है वरदराजा स्वामी मंदिर। वरदराजा स्वामी मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार अती वरदार की प्रतिमा को तालाब से 40 साल में एक बार निकाला जाता है। फिर प्रतिमा को 48 दिन तक भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर में रखा जाता है। आज भगवान अती वरदार के दर्शन का आखिरी दिन है। अब 40 साल के लिए दोबारा उनकी प्रतिमा को 17 अगस्त की रात में तालाब में रख दिया जाएगा। इसके बाद साल 2059 में यह प्रतिमा 48 दिनों के लिए फिर निकाली जाएगी।
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शनिवार को 5 लाख से ज्यादा लोगों ने किए दर्शन
बता दें पिछली सदी में उनकी प्रतिमा 1939 और 1979 में निकाली गई थी। जानकारी के मुताबिक, भगवान अती वरदार की प्रतिमा अंजीर की लकड़ी से बनी है। यह 9 फीट ऊंची है। 28 जून को वैदिक ऋचाओं के गान के साथ अती वरदार की प्रतिमा को वेदपाठी पंडितों ने अपनी पीठ पर रखकर तालाब से बाहर निकाला था। जैसे-जैसे भगवान के जलवास का समय निकट आता गया, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आखिरी दिन यानी आज करीब 5 लाख से ज्यादा लोग अती वरदार के दर्शन के लिए आए। यहां देश-विदेश से आए भक्तों का मेला लगा हुआ है।
जल समाधि की कई कहानियां हैं प्रचलित
भगवान अती वरदार की जलसमाधि को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। पहली कहानी है कि, सालों पहले मंदिर के एक पुजारी को भगवान ने नींद में दर्शन दिए और उनसे कहा कि उन्हें पानी में डाल दीजिए। इसके अलावा दूसरी कहानी में बताया गया है कि, इस मूर्ति को उस वक्त बनाया गया था, जब मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हुआ था। जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद मूर्ति को पानी में डाल दिया गया था।