‘रैमॉन मैगसेसे’ से सम्मानित किए गए रवीश कुमार, एनडीटीवी इंडिया के मैनेजिंग एडिटर है रवीश कुमार
आधुनिक दौर में पत्रकारिता का स्वरुप एक अलग ही दिशा की ओर बढ़ता चला जा रहा है ऐसे में समाज और सरकार की सच्चाई को दिखाने वाले मुठ्ठी भर पत्रकार हीं बचे है। बाकि सभी पत्रकारों की भाषा में आपकों एक अलग ही तरह का गुस्सा, चीखना,चिल्लाना नजर आता हीं होगा।
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ऐसे में एक ऐसा भी नाम जो अपने अलग और सरल अंदाज को लेकर विख्यात हुऐ रवीश कुमार को भी सुना हो जिन्हें एशिया के नोबेल पुरस्कार ‘रैमॉन मैगसेसे‘ से सम्मानित किया गया।
आपको बता दें कि रविश कुमार अपने शो रविश की रिपोर्ट से पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान बनाई। जिसके बाद उनके उल्लेखनीय पत्रकारिता के कारण अलग अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
एनडीटीवी के रवीश कुमार को ये सम्मान हिंदी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए मिला है। ‘रैमॉन मैगसेसे’ को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। बता दें कि रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रैमॉन मैगसेसे की याद में दिया जाता है।
वर्ष 1996 से रवीश कुमार एनडीटीवी से जुड़े हुए हैं शुरुआती दिनों में एनडीटीवी में आई चिट्ठियां छांटा करते थे। इसके बाद वो रिपोर्टिंग की ओर मुड़े और समाज की समस्या को सरल और सीधे तौर पर लोगों के सामने पेश किया।
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