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सेंसेक्स क्या है – What is Sensex Meaning in Hindi

दोस्तों अगर आपको share market के बारे में नही पता तो, शेयर मार्केट क्या है – What Is Share Market In Hindi के बारे में हमने पहले से ही बताया हुआ है, लेकिन आज इस पोस्ट में हम सेंसेक्स के बारे में जानिंगे की सेंसेक्स क्या है? (What is Sensex in Hindi) कैसे काम करता है? Sensex Meaning in Hindi and all about sensex in hindi?

यदि आप एक कंप्यूटर एक्सपर्ट हैं तो शायद Sensex को जाना आपके लिए उतना महत्वपूर्ण नहीं लेकिन यदि आप एक निवेशक हैं या फिर निवेश करने का मन बना रहे हैं तो फिर सेंसेक्स क्या है – What is Sensex Meaning in Hindi? sensex कैसे कैलकुलेट होता है? इसकी आपको पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

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यदि आप मार्केट का अध्ययन करते हैं तो आपको Nifty, सेंसेक्स जैसे बेसिक terminology से अक्सर गुजरना पड़ता है। लेकिन यदि आपको इसकी सही जानकारी हो तो आप दूसरे को भी इस विषय पर सही जानकारी देने में सक्षम होते हैं।

अतः इस लेख के माध्यम से हमारा प्रयास रहेगा! एक Beginner के नजरिए से आपको Sensex से जुड़ी बेसिक से लेकर सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इस लेख में मिल सके तो आइए सबसे पहले हम जानते हैं की सेंसेक्स क्या है – What is Sensex Meaning in Hindi?

सेंसेक्स क्या है – What is Sensex Meaning in Hindi

सेंसेक्स दो शब्दों से मिलकर बना है sensitive + index = sensex इस शब्द का पहली बार प्रयोग भारत के वर्तमान स्टॉक मार्केट विश्लेषक दीपक मोहोनी द्वारा किया गया था। इस शब्द का मतलब बेहद ही आसान है सेंसेक्स शब्द को 30 सबसे लोकप्रिय कंपनीज की मार्केट इंडेक्स के सूचकांक (Denote) के लिए बनाया गया था। यह सभी कंपनियां Bombay stock exchange के अन्तर्गत लिस्टेड होनी चहिए।

सेंसेक्स को दूसरे शब्दों में S&P और BSE Sensex index भी कहा जाता है. यह 30 कंपनियां जो इसमें लिस्टेड होती हैं यह वे कंपनियां होती हैं वर्तमान में देश की सबसे धनी कंपनियों में गिनी जाती हैं जिनका सबसे ज्यादा ट्रेड स्टॉक वर्तमान में होता है।

इसलिए कई सारी कंपनियां इस टॉप 30 में अर्थात सेंसेक्स मैं आना चाहती हैं।

अब आखिर सवाल यह आता है कि कंपनी को इस लिस्ट में किस आधार पर स्थान दिया जाता है? किसी भी कंपनी को इस लिस्ट में आने के लिए S&P BSE Index द्वारा निर्धारित किए गए 5 क्राइटेरिया को पूरा करना होता है।

• सबसे पहली चीज है कि वह कंपनी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मैं लिस्टेड होनी चाहिए।
• बड़ी मात्रा में कंपनी के पास actively स्टॉक्स होने चाहिए।
• विभिन्न स्रोतों से कंपनी को अच्छी आय होनी चाहिए।
• कंपनी को relatively liquid होना चाहिए
• और सबसे बड़ी बात कंपनी का कंट्रीब्यूशन होना चाहिए। ताकि देश के इक्विटी मार्केट के साथ सेक्टर संतुलित रहे।

सेंसेक्स का इस्तेमाल विश्लेषक और निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था के चक्र को समझने एवं देश के उद्योगों के विकास एवं इसमें आने वाली गिरावट का निरीक्षण करने के लिए करते हैं।

Sensex में कौन-कौन सी कंपनियां आती हैं?

इस इंडेक्स के अंतर्गत भारत की कुछ बड़ी कंपनियां जैसे Bajaj Axis Bank Asian paint Tata Consultancy Services, Larsen & Toubro, etc. Bharti Airtel, Coal India, HCL Technologies, Hindustan Unilever, ICICI Bank, IndusInd Bank, इत्यादि आती हैं।

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सेंसेक्स शेयर मार्केट को कैसे प्रभावित करता है?

सेंसेक्स में वृद्धि होने या इसमें गिरावट होने का सीधा प्रभाव शेयर मार्केट में पड़ता है इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि यदि सेंसेक्स में वृद्धि होती है तो इसका सीधा अर्थ है कि शेयर्स के प्राइस में भी वृद्धि होगी। वहीं दूसरी तरफ यदि सेंसेक्स नीचे की ओर जा रहा है तो शेयर्स के प्राइस में भी गिरावट देखने को मिलेगी।

अतः उम्मीद की जाती है कि सेंसेक्स अधिक High रहे इससे देश की इकोनॉमी के लिए भी बेहतर संकेत होते हैं।

सेंसेक्स कैसे मापा जाता है?

दोस्तों हम आए दिन सुनते हैं कि सेंसेक्स इतना घट गया, इतना बढ़ गया। लेकिन सही कैलकुलेशन की जाए तो sensex की BSE Bombay stock exchange द्वारा कैलकुलेशन की जाती है। BSE सेंसेक्स को कैलकुलेट करने के लिए समयानुसार इसमें परिवर्तन करती रहती हैं। BSC shares की रचना को समय के हिसाब से मॉडिफाई करती रहती है ताकि शेयर बाजार की मौजूदा स्थितियों को दर्शा सकें।

हालांकि पहले के समय में सेंसेक्स को कैलकुलेट करने का तरीका बिल्कुल अलग था पहले weighted methodology से market capitalisation के आधार पर कैलकुलेशन होता था। लेकिन वर्ष 2003 में कैलकुलेशन के इस तरीके में आवश्यकतानुसार बदलाव किए गए और आज free-float capitalization method. पर सेंसेक्स को कैलकुलेट किया जाता है।

free-float capitalization में सेंसेक्स को कैलकुलेट करने के तरीके को समझे तो जहां “मार्केट केपीटलाइजेशन में सेंसेक्स को कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयर्स को देखकर कैलकुलेट किया जाता था” वही आज के आधुनिक तरीके में कंपनी के पास जितने शेयर्स बेचने के लिए है , उनके आधार पर सेंसेक्स को कैलकुलेट किया जाता है।।

दूसरे शब्दों में कहें तो कंपनी द्वारा मार्केट में कितने पर्सेंट शेयर्स ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध किए हैं, उन्हीं को index में कैलकुलेट किया जाता है।

हालांकि इस प्रक्रिया में उन शेयर्स को कैलकुलेट नहीं किया जाता जो कंपनी के अंदर होते हैं और जिन्हें सेल करने के लिए नहीं रखा जाता। कई ऐसे शेयर्स होते हैं जो प्रमोटर्स या फिर गवर्नमेंट द्वारा अपने पास रख लिए जाते हैं उन शेयर्स को इसमें कैलकुलेट नहीं किया जाता।

चलिए अब हम इसे अंत में example से समझते है जिससे आपको free-float capitalization को समझने में आसानी होगी  मान लीजिए कंपनी के पास 100 शेयर्स हैं उनमें से 30% शेयर्स प्रमोटर्स या सरकार के है तो इनमें से जो बचे 70 शेयर्स ट्रेडिंग के लिए मौजूद हैं यही कैलकुलेट होते हैं।

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भारत में सेंसेक्स का इतिहास? – History Of Sensex in Hindi

वर्ष 1991 में जब वैश्वीकरण की नीति भारत ने अपनाई तो तब से सेंसेक्स का विस्तार तेजी से हुआ विशेषकर 21वीं सदी में सेंसेक्स ने काफी उछाल हासिल किया।।

सेंसेक्स भारत के सबसे पुराने स्टॉक इंडेक्स में से एक है जिसकी शुरुवात वर्ष 1981 में को गई, वर्ष 1991 में जब हमारी अर्थव्यवस्था को खोल दिया गया तभी से बीएसई सेंसेक्स में भारी वृद्धि हुई है। और 21वीं सदी में जब हमने प्रवेश किया तो जनवरी 2020 में ही सेंसेक्स 5,000 से बढ़कर 42000 हो गया।

और भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में जाने जाने लगी।

इसी सेंसेक्स की वृद्धि दर को देखते हुए जानकारों ने यह अनुमान लगाया कि वर्ष 2030 में भारत में लगभग 80% घरों में सभी के पास मध्यम आय होगी वहीं वर्ष 2019 मैं यह 50% तक होगी। बता दें मिडल क्लास भारतीय अर्थव्यवस्था एवं Sensex की वृद्धि में या कमी का एक प्रमुख कारण है।

दोस्तों इन अनुमानों के विपरीत यदि हम जमीनी हकीकत को देखें तो वर्ष 2019 में विश्व के अनेक देशों समेत भारत की अर्थव्यवस्था हाल के वर्षों में सबसे अधिक धीमी हुई है। 2019 में यह सबसे निचले स्तर तक पहुंच चुकी है इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना महामारी है जिसने रोजगार उद्योग सब बंद कर दिए हैं।

BSE का ओनर कौन है?

भारत के सबसे बड़े एवम् एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज BSE (Bombay stock exchange) के MD & CEO के पद में वर्तमान में श्री आशीष कुमार चौहान कार्य कर रहे हैं। आशीष जी ने वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 2000 तक NSE में कार्य किया वे NSE के फाउंडर्स में से एक हैं। आधुनिक भारत के फाइनेंस सेक्टर के विकास में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।

भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं?

आमतौर पर जब हम बात करते हैं भारत में स्टॉक एक्सचेंज की तो कई लोगों के दिमाग में भारत के दो प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज Bombay stock exchange (BSE) और National stock exchange (NSE) का ही ख्याल दिमाग में आता है।

Stock exchange वह प्लेटफार्म होता है जहां पर Buyers और Sellers शेर की ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन असल में भारत में स्टॉक एक्सचेंज की लिस्ट बड़ी है! और नीचे भारत के सभी एक्टिव मेजर स्टॉक एक्सचेंज की लिस्ट दी गई है जो securities and exchange board of India (SEBI) के साथ रजिस्टर्ड है।

BSE (Bombay Stock Exchange)

BSc सबसे लोकप्रिय स्टॉक exchange में से एक है जो कि मुंबई में स्थित है। जिसकी शुरुआत मिस्टर प्रेमचंद रॉयचंद द्वारा की गई थी। इस स्टॉक एक्सचेंज को भारत का सबसे पुराना एवं एशिया का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी शुरुआत वर्ष 1875 में की गई थी।

मिस्टर प्रेमचंद्र ने स्टॉक ब्रोकिंग बिजनेस के जरिए भारत में बड़ी सफलता प्राप्त की, जिस वजह से उन्हें 19वीं सदी के influencer Indian businessman के तौर पर भी जाना जाता हैं।

बीएससी को पहले The Native Share & Stock Brokers Association. के नाम से भी जाना जाता था अप्रैल वर्ष 2018 के आंकड़ों के अनुसार बीएसई दुनिया का दसवां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केट प्लेस है जिसकी मार्केट capitalisation 4.9$ ट्रिलियन है।

NSE (National Stock Exchange)

NSE को भारत का एक नया stock exchange माना जाता है जिसकी स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी। वर्तमान में MD & CEO  Vikram Limaye  हैं बता दें NSE की शुरुआत बतौर टैक्स Paying कंपनी के तौर पर हुई थी लेकिन बाद में इसने बतौर स्टॉक एक्सचेंज खुद को रजिस्टर कर लिया।

NSE ने वर्ष 1992 में भारत में पहली बार Advanced Electronic Trading System को लॉन्च किया इससे पहले ट्रेडिंग के लिए पेपर पर आधारित Settlement system का उपयोग होता था लेकिन मार्केट में N.S.E. को लॉन्च करने के बाद ट्रेडिंग की सुविधा आसान हो गई।

निफ़्टी 50 जो कि भारत के स्टॉक मार्केट में एक पॉपुलर बेंच मार्क इंडेक्स है। इसकी शुरुआत भी NSE द्वारा ही की गई थी! बता दें Nifty50 में वे सभी Top 50 कंपनियां आती है जो वर्तमान में NSE में ट्रेडिंग करती है।

Calcutta Stock Exchange

यह साउथ east Asia दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है इसकी शुरुवात 1908 में हुई तथा इसे भारत का दूसरा सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।

Metropolitan Stock Exchange (MSE)

16 सितंबर 2008 को SEBI द्वारा इस स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफार्म को मान्यता दी गई यह स्टॉक एक्सचेंज भारत में एक हाईटेक प्लेटफार्म है जो लोगों को कैपिटल मार्केट में ट्रेड करनी की सुविधा देता है Public Sector Banks, private sector banks, investors इत्यादि के शेरहोल्डर्स metropolitan stock exchange में आते हैं।

India International Exchange (India INX)

इसकी शुरुआत हाल ही में वर्ष 2017 में की गई है इसे भारत का पला international stock exchange भी कहा जाता है। इस स्टॉक exchange को विश्व का सबसे Advanced टेक्निकली स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म होने का भी दावा किया जाता है यह स्टॉक एक्सचेंज गुजरात  में स्थित है।

तो दोस्तो यह थे भारत के 5 सबसे लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज इनके अलावा भी NSE, IFSC Ltd. Former Stock Exchanges stock exchanges भी इसी श्रेणी में आते है।

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Sensex और Nifty में अंतर? Difference Between Sensex and Nifty in Hindi

Nifty NSE का एक सूचकांक है NSEकी फुल फॉर्म National Stock Exchange Of India है! इसे हम Nifty 50 के तौर पर भी हम जानते हैं वर्ष 1994 में निफ्टी की शुरुआत भारत में हुई थी निफ्टी के अंतर्गत कुल 50 कंपनियां होती हैं इन कंपनियों का चुनाव देश के विभिन्न सेक्टर्स में कार्य कर रही कंपनियों में से होता है।

सेंसेक्स की भांति ही निफ्टी के उतार-चढ़ाव से मार्केट का हाल पता किया जा सकता है। इसलिए अक्सर share market, business से जुड़ी जब खबरें आती हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का दोनों का नाम अक्सर हमें सुनाई देता है तो आइए जानते हैं इन दोनों के बीच क्या क्या मुख्य अंतर है।

Sensex में टॉप 30 companies listed होती हैं वहीं दूसरी तरफ निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो निफ्टी के अंतर्गत sensex की तुलना में शेयर मार्केट का आकलन और अधिक विस्तार से किया जा सकता है। sensex की Base वैल्यू जहां 1000 होती है वही निफ्टी की बेस वैल्यू 100 होती है।

सेंसेक्स की शुरुआत भारत में काफी पहले हो चुकी थी इसे वर्ष 1986 में स्थापित किया गया। वहीं निफ्टी की शुरुआत वर्ष 1994 में की गई। हालांकि यह दोनों ही भारत के सर्वश्रेष्ठ स्टॉक एक्सचेंज इस माने जाते हैं! NSE का सूचकांक निफ्टी है वही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक Sensex है.

संक्षेप में किया जाए तो यह दोनों ही एक पैरामीटर है जिनसे पता किया जा सकता है इस समय मार्केट किस गति से चल रहा है। अर्थात इन दोनों से देश की फाइनेंसियल तौर पर देश को होने वाले फायदे और घाटे का अंदाजा लगाया जा सकता है।

तो साथियों आज की इस पोस्ट में हमने आपको Sensex के विषय पर विस्तार से जानकारी देने की पूर्ण कोशिश की, हमें आशा है इस पोस्ट को पढ़ने के बाद सेंसेक्स क्या है – What is Sensex Meaning in Hindi? Sensex कैसे कैलकुलेट किया जाता है? और इससे जुड़ी और सभी जानकारी आपको इस लेख में मिल गई होंगी।

उम्मीद है की अब आपको सेंसेक्स से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और आप जान गये होगे की सेंसेक्स क्या है? (What is Sensex in Hindi) कैसे काम करता है? Sensex Meaning in Hindi and all about sensex in hindi?

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Hope की आपको सेंसेक्स क्या है – What is Sensex Meaning in Hindi? का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।

अगर आपके पास इस पोस्ट से रिलेटेड कोई सवाल है तो नीचे कमेंट करे. और अगर पोस्ट पसंद आया हो तो सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दे.

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