कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुणे के जिला प्रशासन ने नाइट फर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। जिले में रात को 11 बजे से सुबह 6 बजे के दौरान गैर-जरूरी गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज और प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को भी 28 फरवरी तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। रेस्तरां भी रात 1 बजे की बजाय 11 बजे ही बंद होंगे।
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प्रशासन का कहना है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार और अन्य सीनियर अफसरों से मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है। कर्फ्यू के फैसले का ऐलान करते हुए पुणे के डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव ने कहा कि जिले में वायरस के हॉटस्पॉट्स की पहचान कर ली गई है। इसके अनुसार ही सख्ती बरती जा रही है।
पुणे संभागीय आयुक्त ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा की. रिपोर्ट के अनुसार, इलाके में रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू भी लागू रहेगा जिसके दौरान लोगों को केवल आवश्यक सेवाओं के लिए यात्रा करने की अनुमति होगी.
महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अजीत पवार ने इलाके में Covid-19 की स्थिति की जानकारी लेने के लिए बैठक आयोजित की थी. उन्होंने अधिकारियों से वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा.
पुणे में कोरोना के मामलों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है, जिसके कारण सरकार ने जनता पर नए सिरे से अंकुश लगाने की घोषणा की है. अधिकारियों ने कहा है कि लोगों को किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए पुलिस की अनुमति लेनी होगी.पुणे ने लंबे समय के बाद जनवरी 2021 में स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए थे. पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों को स्कूल में आने से पहले RT-PCR टेस्ट कराने के निर्देश दिए थे. शहर के ग्रामीण
इसके साथ ही तमाम राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि बढ़ते नए कोरोना मामलों पर समय रहते काबू पाने के लिए राज्यों को कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी।
From 11pm to 6am, no public movement will be allowed except for those involved in essential services, in view of rising COVID19 cases. Schools & colleges in the district will remain closed till 28 Feb. New guidelines to be effective from tomorrow: Pune Divisional Commissioner pic.twitter.com/F7iZFTcn0j
— ANI (@ANI) February 21, 2021
केंद्र सरकार ने राज्य की सरकारों को मुख्य रुप से चार-पांच प्रमुख चीजों पर काम करने को कहा है। सरकार का कहना है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़नी होगी। साथ ही राज्यों के चयनित जिलें जहां मामले ज्यादा हों, वहां सख्त और व्यापक निगरानी पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसके अलावा उच्च मृत्यु दर वाले जिलों में क्लिनिकल प्रबंधन पर खास ध्यान देने के साथ-साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट के बाद जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आए, उनका अनिवार्य रूप आरटी-पीसीआर टेस्ट करना होगा।
हिस्सों में शैक्षणिक संस्थानों को नवंबर में ही फिर से खोल दिया गया था.