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Kalmegh जड़ी-बूटी के फायदे और साइड इफेक्ट्स

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हमारी प्रकृति की गोद में बहुत सारे औषधीय पौधे है जिसमे से कुछ के बारे में तो हम लोग जानते है लेकिन कुछ पौधे ऐसे है जिसके बारे में आम लोगों को बहुत कम जानकारी होती है| वे उनके घर के आसपास होते है लेकिन उनकी पहचान न होने के कारण ,उन औषधीय पौधों का फायदा नहीं उठा पाते है|

इसमें से एक ऐसा ही औषधीय पौधा कालमेघ का है| जो भारत के कई इलाकों में पाया जाता है कुछ लोग तो इसके औषधीय गुणों से परचित है लेकिन कुछ लोगों को इसकी जानकारी नहीं है|

इसलिए आज हम इस article के माध्यम से आपको कालमेघ के बारे में ,उसके फायदों के बारे में बताने जा रहे है ताकि जब आप इसे देखे तो इसका लाभ उठा सके|

Kalmegh क्या है?

कालमेघ बहुत ही प्राचीन जड़ी-बूटी है जो आसपास के जंगलों में पायी जाती है| Kalmegh ka botanical name ‘Andrographis paniculata’ है|

Kalmegh plant का use बहुत सी बीमारियों के इलाज में किया जाता है जैसे – सामान्य बुखार ,मलेरिया ,प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए ,गठिया ,पेट की समस्या ,डायबिटीज ,सूजन ,एनीमिया ,पीलिया आदि|

Kalmegh tree की पहचान क्या है?

यह एक पर्णपाती व झाड़ीनुमा पौधा है| kalmegh ka paudha जून के महीने में लगाया जाता है और अक्टूबर से मार्च के महीने तक इसमें फल आ जाते है|

कालमेघ की शाखाएं चतुष्कोणीय और शीर्ष पर संकरी होती है| kalmegh ka patta हरी मिर्च के पत्ते जैसा हरा व पीला होता है| इसके फूल पीले व भूरे रंग के तथा फल दोनों सिरों पर नुकीला होता है| इसके बीज बहुत सारे आकार में छोटे पीले व भूरे रंग के होते है| kalmegh root छोटी ,पतली ,लंबी व स्वाद में कडवी होती है|

Kalmegh ka ped कहाँ पाया जाता है?

मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,पश्चिम बंगाल ,असम ,केरल ,कर्नाटक ,आंध्रप्रदेश आदि जगह पर kalmegh ki kheti होती है| इसके अलावा यह पाकिस्तान ,बांग्लादेश और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में पाया जाता है|

Kalmegh ke gun क्या-क्या है?

इसके अंदर बहुत से गुण पाए जाते है जैसे – एंटी-इन्फ्लेमेटरी ,ज्वरनाशक ,एंटी-वायरल ,प्रतिरोधी ,वातहर ,एंटी-बैक्टीरियल ,मूत्रवर्धक ,विषनाशक ,एंटी-पैरासिटिक ,हेपटोप्रोटेक्टिव आदि|

कालमेघ के विभिन्न नाम ( Kalmegh other name) –

कालनाथ ,भूनिम्ब ,ग्रीन चिरेता ,लिलू ,नीलावीनू ,किरियता ,महातीता ,पीतउम्बे ,ओलेनकिरायत आदि|

Kalmegh ke fayde –

जैसाकि हमने ऊपर देखा ,कालमेघ में बहुत सारे औषधीय गुण होते है इसलिए इसका उपयोग बहुत सारे रोगों के उपचार में किया जाता है|

तो आइए जानते है कालमेघ के फायदों (kalmegh benefits) के बारे में –

  • डायबिटीज के लिए (kalmegh for diabetes) : अगर किसी को डायबिटीज की बीमारी है तो वह kalmegh powder का सेवन करे तो उसके blood sugar का स्तर कम हो जाएगा|
  • बुखार के लिए (kalmegh for fever) : कालमेघ में एंटी-बैक्टीरिया व एंटी-वायरल के गुण होते है इसलिए इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार का बुखार ठीक हो जाता है|
  • लीवर के लिए (kalmegh for liver) : अगर कालमेघ क पंचांग(जड़,तना,पत्ती,फल ,फूल) का काढ़ा बनाकर पिए तो लीवर से संबंधित रोग ठीक हो जाते है क्योंकि इसमें हेपटोप्रोटेक्टिव का गुण पाया जाता है जो लीवर को मजबूत बनाता है|
  • मोटापा कम करने के लिए (kalmegh for weight loss) : इसके चूर्ण का सेवन करने से मोटापा की समस्या भी दूर होती है|
  • पीलिया के लिए (kalmegh for jaundice) : कालमेघ के पंचांग के रस को शहद में मिलाकर सेवन करने से पीलिया में आराम मिलता है|
  • अपच के लिए (kalmegh for indigestion) : कालमेघ ,आंवला और मुलेठी का बराबर मात्रा में चूर्ण लेकर उसका काढ़ा बना ले और उसका सेवन दिन में दो बार करे तो अपच की समस्या दूर हो जाएगी|
  • त्वचा के लिए (kalmegh for skin) : आपकी त्वचा पर घाव या फिर दाने हो जाये तो इसके पौधे को पीसकर उसका लेप लगाए तो आराम मिलेगा क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरिया और एंटी-वायरल के गुण होते है| जो किसी भी घाव को भर देते है|
  • मूत्ररोग के लिए (kalmegh for urinary disease) : इसके पंचांग चूर्ण का काढ़ा बनाकर उसका सेवन करने से मूत्ररोग से संबंधित सभी समस्याएं भी दूर होती है|
  • टीबी रोग के लिए (kalmegh for TB disease) : टीबी का रोगी अगर कालमेघ के पंचांग चूर्ण में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर एक महीने तक सेवन करे तो रोगी की लाभ होगा|
  • सूजन के लिए (kalmegh for swelling) : कालमेघ के चूर्ण में बराबर मात्रा में पीसी सोंठ मिलाकर उसका सेवन गुनगुने पानी के साथ करे तो सूजन कम हो जाएगी|

इसके अलावा कालमेघ का सेवन करने से प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है ,कमजोरी दूर होती है तथा बवासीर ,दस्त ,हदय जैसे रोग में भी लाभ मिलता है|

कालमेघ के नुकसान –

चाहे किसी भी प्रकार की औषधि हो अगर उसका सही मात्रा में और उचित समय तक सेवन किया जाये तो वह हमें फायदा पहुंचाती है| लेकिन अगर उसका सेवन जरूरत से ज्यादा या अधिक समय तक किया जाए तो वह हमारे लिए घातक हो जाती है|

इसलिए kalmegh jadi buti का जब हम अधिक मात्रा में या अधिक समय तक सेवन करते है तो उल्टी ,चक्कर ,पेट फूलना ,अरुचि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है|

इसके अलावा गर्भवती महिलाओँ और लो ब्लडप्रेशर वाले लोगों को भी इसका सेवन करने से बचना चाहिए| अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आए तो उसे अपने दोस्तों में share जरुर करे|

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