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भारत ने दुनिया को कबड्डी खेल दिया?

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कबड्डी kabaddi एक ऐसा खेल है जो मुख्यतः सभी जगह पर खेला जाता है| चाहे वह शहर हो या फिर गांव | इस खेल को लड़का व लड़की दोनों ही खेल सकते है| इस खेल में बहुत ही फुर्ती की जरुरत होती है| अब आप सोच रहे होगे कि इस खेल की शुरुवात कैसे हुई और ये इतना प्रचलित कैसे हुआ ,इसे खेलने का तरीका ,इसके नियम ,इसमें खेलने वाले खिलाडियों की संख्या तथा इसे खेलने का समय इन सब बातो की जानकारी ( kabaddi information in Hindi ), हम आपको इस लेख Kabaddi in Hindi के माध्यम देने जा रहे है|

कबड्डी का इतिहास (About Kabaddi in Hindi) –

History of Kabaddi in Hindi from Ved-Puran-

भारतीय कबड्डी का इतिहास – महाभारतकालीन युग से खेले जाने वाला खेल है, इसकी पौराणिक मान्यता यह है कि महाभारत के युध्द के समय अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के लिए कौरवों ने सात युध्द वीरो से सुसज्जित एक चक्रव्यूह की रचना की थी ,जिसे अभिमन्यु भेदने में तो सफल हो गया लेकिन इससे बाहर नहीं निकल सका और उसकी मृत्यु हो गई| कहा जाता है कि अभिमन्यु के चक्रव्यूह को भेदने का तरीका कबड्डी की तरह ही था, और इसी कारण कबड्डी में खिलाडियों की संख्या भी सात-सात ही होती है| तब से ही गुरुकुलों में भी कबड्डी का खेल खेला जाने लगा है, इससे शिष्यों का व्यायाम भी हो जाता है. तो अब आपको पता चल गया होगा की “When was first kabbadi match was played”.

Kabaddi Other History in Hindi-

लेकिन इतिहासकारों की माने तो भारतीय कबड्डी का इतिहास, कबड्डी की उत्पत्ति भारत के तमिलनाडु राज्य से हुई है क्योंकि कबड्डी तमिल शब्द ‘काईपीडी’ से उत्पन्न हुआ है,जिसका मतलब होता है ‘हाथ थामे रहना’| लेकिन वर्तमान समय की कबड्डी का श्रेय महाराष्ट्र को जाता है जो 1915 से 1920 के बीच कबड्डी के नियमों की प्रक्रिया शुरू की गई| हालाँकि कबड्डी ने विश्व-स्तर पर अपनी पहचान भारत द्वारा बर्लिन ओलंपिक्स-1936 में सहभागिता से प्राप्त की.

गौरतलब है कि 1938 में तत्कालीन कलकत्ता में इंडियन नेशनल गेम्स में कबड्डी शामिल हुआ| 1950 में ‘आल इंडिया कबड्डी फेडरेशन’ (ए.आई.के.एफ.) बना जिसके तहत कबड्डी के औपचारिक नियम तय किये गए| हालाँकि 1972 में ए.आई.के.एफ. बाद में ‘द अमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (ए.के.एफ.आई.) में बदल गया और चेन्नई में कबड्डी का पुरुष वर्ग का पहला टूर्नामेंट आयोजित हुआ| पहला एशियन कबड्डी चैम्पियनशिप 1980 में हुआ जिसमें भारत ने बांग्लादेश (जिसका राष्ट्रीय खेल कबड्डी है) को हराकर विजेता बना| वहीं बीजिंग में 1970 के एशियन गेम्स में कबड्डी को शामिल किया गया  था| वर्तमान समय में किसी भी खेल में विश्व में सर्वश्रेष्ठ टीम और प्रदर्शन की बात हो तो वो खेल कबड्डी ही है जिसका हर विश्व कप व एशियन गेम्स का स्वर्ण पुरुष एवं महिला दोनों वर्गों में भारत के ही नाम है|

कबड्डी का मैदान व पोशाक -:

कबड्डी के खेल का मैदान kabaddi ka maidan in hindi समतल तथा नरम होता है| इस मैदान को बनाने के लिए मिट्टी व बुरादे का प्रयोग किया जाता है|  पुरुषों, महिलयों व जूनियर वर्ग के लिए खेल का कबड्डी मैदान अलग-अलग आकार का होता है|

Kabaddi ka maidan in hindi पुरुषों के लिए –

पुरुषों के लिए कबड्डी पिच साइज का आकार 10 बाई 13  मीटर का होता है| तथा 6.25  मीटर पर एक मध्य रेखा होती है| इस मध्य रेखा द्वारा मैदान को 2 बराबर भांगों में बांटा जाता है|

Kabaddi ka maidan hindi mein महिलाओं व जूनियर वर्ग के लिए –

महिलायों के लिए kabaddi ka maidan का आकार 8 बाई 12  मीटर का होता है| 5.5 मीटर पर मध्य रेखा होती है|  उपरोक्त आकार के अंदर दोनों ओर लॉबी को रेखाकिंत किया जाता है| मध्य रेखा से पीछे कि ओर दोनों भागों में मध्य रेखा के समानांतर एक रेखा होती है, जिसे बक रेखा कहते है|  मैदान के दोनों ओर पीछे कि तरफ खिलाड़ियो के बैठने के लिए एक निश्चित स्थान अंकित किया जाता है, जिसे बैठने का घेरा कहते है| मैदान के अंदर सभी रेखाओ कि चौडाई 5 से.मी होती है| बोनस रेखा अंतिम रेखा से 2.50  मीटर कि दूरी पर मैदान के अंदर अंकित की जाती है|

कबड्डी खेलने वाला प्रत्येक खिलाड़ी बनियान व निक्कर पहनता है और उसके साथ में जुराब व कपड़े के जूते भी पहने जाते है| प्रत्येक खिलाड़ी की बनियान पर नंबर व उसका नाम लिखा होता है|

ये कबड्डी के खेल की किट आप अमेज़न से भी खरीद सकते है।

Kabaddi Khel ke Maidan ka Chitra (Map / Court) –

 कबड्डी के प्रकार -:

संजीवनी ,अमर ,पंजाबी व जेमिनी कबड्डी बहुत ही प्रचलित है| इन्हें भारत के अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन के माध्यम से आयोजित किया जाता है|

  1. संजीवनी कबड्डी – इस कबड्डी में पुनर्जीवन का नियम होता है इसका मतलब यह है कि अगर आक्रामक दल का खिलाडी( रेडर ) ,अपने विरोधी दल के किसी एक खिलाडी (डिफेंडर) को आउट कर देता है तो आक्रामक दल का बाहर हुआ खिलाडी वापस अपने दल में लौट आता है| अत: उसका पुनर्जन्म हो जाता है ,इसलिए इसे पुनर्जीवन कहते है| ये खेल 40 मिनिट का होता है| इसके दोनों दलों में नियम के अनुसार 7-7 खिलाडी होते है और जो खिलाडी दुसरे दल के सभी खिलाडियों को आउट करता है उसे बोनस अंक मिलते है|
  2. अमर कबड्डी – ये कबड्डी भी संजीवनी कबड्डी की तरह ही होती है लेकिन इसमें समय की अवधि नहीं होती है| इस कबड्डी में आउट होने वाला खिलाडी मैदान के बाहर नहीं जाता है बल्कि मैदान में रह कर ही आगे का खेल खेलता है| लेकिन इसे आउट करने वाले दल के खिलाडी को अंक प्राप्त होते है|
  3. पंजाबी कबड्डी – इस कबड्डी को वृत्तिय परिसीमा के अन्दर ही खेला जाता है| और इस वृत्त का व्यास 72 का होता है|
  4. जेमिनी कबड्डी – इस प्रकार की कबड्डी में पुनर्जीवन नहीं मिलता है| अगर इसमें कोई खिलाडी आउट हो जाये तो वह तब तक बाहर रहता है जब तक की खेल समाप्त न हो जाये| इस तरह की कबड्डी में समय की कोई अवधि नहीं होती है ,जब तक एक दल के पुरे खिलाडी आउट न हो जाये तब तक ये खेल चलता है|

कबड्डी के नियम -:

कबड्डी के खेल को खेलते समय निम्नलिखित नियमो  (Kabaddi Rules in Hindi) का पालन किया जाता है जो कि इस प्रकार है –

  • कबड्डी में प्रत्येक दल में खिलाडियों की संख्या 7-7 होती है|
  • मैच की कुल समय अवधि 40 मिनिट की होती है जिसमे 5 मिनिट का अंतराल भी शामिल होता है| खेल के लिए 20-20 मिनिट की दो अवधि का प्रयोग किया जाता है|
  • यह एक ‘ हाइली कान्टेक्ट स्पोर्ट्स ‘ है| जिसमें खिलाडी का उद्देश्य होता है अपने विरोधी दल के कोर्ट में जाकर ,उसके खिलाडियों को छूकर सफलतापूर्वक अपने कोर्ट में वापस आना|
  • जब आक्रामक दल का खिलाडी अपने विरोधी दल के कोर्ट में जाता है तो उससे कबड्डी-कबड्डी कह कर जाना होता है|
  • रेडर अगर रेड करते समय विरोधी दल के क्षेत्र में सांस तोड़ दे तो उसे आउट माना जाता है|
  • खेल के समय मैदान से बाहर निकलने वाला खिलाडी आउट माना जाता है|
  • बचाव करने वाले दल के अगर किसी भी खिलाडी का पैर पीछे वाली रेखा से बाहर निकल जाये तो वह खिलाडी आउट माना जाता है|
  • रेडर जब तक विरोधी दल के क्षेत्र में रहता है तब तक विरोधी दल का कोई भी खिलाडी रेडर की टीम में रेड नहीं कर सकता है|
  • एक समय में केवल एक ही रेडर रेड करने के लिए विरोधी दल में जा सकता है|
  • यदि रेडर बोनस रेखा को पार कर लेता है तो उसे एक अंक प्राप्त हो जाते है|
  • जो टीम टाँस जीतती है वही पाले का चुनाव करती है|
  • अगर कोई खिलाडी उददंड व्यवहार करता है तो रेफरी उस खिलाडी को चेतावनी दे सकता है ,उसके विरोधी दल को अंक दे सकता है तथा पूरी टीम को अपात्र घोषित कर सकता है|
  • कबड्डी के खेल के समय एक रेफरी ,2 एम्पायर ,एक अंक लेखक तथा 2 सहायक अंक लेखक का होना जरुरी होता है|
  • विरोधी दल के खिलाडी जिस क्रम में आउट होते है उन्हें उसी क्रम में जीवित किया जाता है|
  • कोई भी खिलाडी ,विरोधी दल के खिलाडी को जबरदस्ती धक्का देकर सीमा रेखा से बाहर नहीं गिरा सकता है|
  • खेल के समय एक बार बदले गये खिलाडी को वापस खेलने के लिए नहीं बुलाया जा सकता है|
  • यदि दोनों टीमों के निश्चित समय के अन्दर अंक समान होते है तो उस समय अतिरिक्त 5-5 रेड दी जाती है जिससे हमें एक विजेता टीम प्राप्त हो सके|

कबड्डी के खेल में निम्न प्रकार से प्राप्त होने वाले अंक -:

  • बोनस पॉइंट – जब डिफेंडर के कोर्ट में 6 या 6 से अधिक खिलाडियों की मौजूदगी में रेडर बोनस लाइन तक पहुँच जाता है तो उसे बोनस का अंक मिलता है|
  • टैकल पॉइंट – यदि एक या फिर एक से अधिक डिफेंडर ,रेडर को 30 सेकंड तक अपने कोर्ट में रोक के रखते है तो डिफेंडिंग टीम को एक अंक मिलता है|
  • टच पॉइंट – अगर रेडर एक या एक से अधिक डिफेंडर खिलाडियों को छूकर अपने कोर्ट में सफलतापूर्वक वापस आता है तो उसे टच पॉइंट मिलता है| ये टच पॉइंट आउट हुए खिलाडियो की संख्या के बराबर होता है|
  • आल आउट – यदि कोई टीम अपनी विरोधी टीम को पूरी तरह से आउट कर देती है तो इसके बदले में उस टीम को 2 अंक बोनस के मिलते है|
  • एम्प्टी रेड – यदि रेडर बौकल लाइन को पार करने के बाद ,बिना किसी डिफेंडर को छूए या बोनस लाइन को छूए वापस आ जाता है तो उसे कोई अंक नहीं मिलते है| और ऐसे ही एम्प्टी रेड कहते है|
  • सुपर रेड – जिस रेड में रेडर 3 या 3 से अधिक अंक प्राप्त करता है उसे सुपर रेड कहते है|
  • डू ओर डाई रेड – यदि किसी टीम से लगातार 2 एम्प्टी रेड हो जाती है तो तीसरी रेड को डू ओर डाई रेड कहते है| इस रेड के बाद टीम को बोनस या टच पॉइंट अर्जित करना ही पड़ता है नहीं तो डिफेंडिंग टीम को एक अतिरिक्त पॉइंट मिल जाता है|
  • सुपर टैकल – यदि डिफेंडर टीम में खिलाडियों की संख्या 3 या इससे कम हो जाती है और यह टीम रेडर को आउट करने में सफल हो जाती है तो इसे सुपर टैकल कहते है| सुपर टैकल करने पर डिफेंडर टीम को एक पॉइंट मिलता है|

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