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पर्यावरण में ध्वनि, जल और वायु प्रदूषण क्या है?

पर्यावरण प्रदूषण क्या है ?

पर्यावरण प्रदूषण से क्या आशय है? – भारत देश एक विशाल देश है जनसँख्या में और इसका क्षेत्रफल में भी दुनिया में सातवा स्थान है | और क्रषि प्रधान देश है | लेकिन हमारे शहर जो की दिन पर दिन और ज्यादा प्रदूषित होते जा रहे है | बड़ी बड़ी कम्पनियों और कारखानों से निकलने वाला जहरीला धुँआ सांसो की गति को धीरे धीरे कम कर रहा है |और कारखानों का जहरीला पानी नालो के रास्ते नदियों को  गन्दा और जलीय जीव को ख़त्म करते जा रहा है | आज हम अपनी सुविधाओ के लिए विलाशिता के लिए कई डेकोरेट फर्नीचर खरीदते है लेकिन ये  नहीं देख रहे की हम अपनी बर्बादी को खुद ही चुन रहे है | पेड़ो की कटाई से आक्सीजन की घटती मात्रा और कार्बन डाई की बढती मात्रा विश्व के जलवायु परिवर्तन को बढावा दे रही है आज हद से ज्यादा तापमान बढ जाता है |वर्षा अपना रोद्र रूप दिखाती है जिससे कई जिन्दगिया और परिवार ख़त्म हो जाते है | धीरे धीरे सिंचित जमीन ख़त्म होती जा रही है | और कृषि घाटे का सौदा साबित हो रही है | अगर ये  इसी तरह चलता रहा तो आने वाले 50 सालो में खाने की कमी और पिने के लिए पानी नहीं बचेगा | और भूमि की गुणवत्ता  ख़त्म होते ही यह बाकि ग्रहों जैसा ही वीरान हो जायेगा |

Air pollution (वायु प्रदूषण) क्या है ? –

अनियंत्रित और विकास की अंधी दौड़ में बड़े बड़े शहर हवा को जहरीले रूप में परिवर्तित करते जा रहे है | और शहर को गैस चेम्बर बनाते जा रहे है | जहा साँस लेने में भी दिक्कत होती है कई अस्थमा के मरीज बनते जा रहे है |दिल्ली जो की भारत देश की राजधानी है वंहा वायु प्रदुषण इस तरह खतरनाक हो गया है की नवम्बर और फरवरी के बीच कई बार स्कुल कालेज को बंद करना पड़ता है safar (system of air quality weather forecasting and research ) के अनुसार pm 2.5 माइक्रोन से कम व्यास वाले छोटे कण जो श्वांस के साथ फेफड़े में जाकर रक्त प्रवाह में शामिल होते है की मात्रा 322 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर थी |इसका मतलब सुरक्षित सीमा को भी कई गुणा पार कर गया |ये हाल दिल्ली जैसी राजधानी के बनते जा रहे है |

वायु प्रदूषण के घटक :-

निम्न कारको को पर्यावरण का दोषी माना जा रहा है उनमे से कुछ है |

  • सबसे ज्यादा वायु प्रदुषण डीजल और पैट्रोल से चलने वाले वाहनों के धुंए से ही फैल रहा है | जो की हर शहर की सबसे बड़ी समस्या है |
  • डीजल और कोयले से चलने वाले कारखानों से भी वायु प्रदुषण फ़ैल रहा है
  • तापीय विधुत संयन्त्र
  • ट्रेक्टर और हार्वेस्टर के धुंए से
  • भवन और बिल्डिंग मटेरियल ,राजमार्ग के कार्यो से जो धुल के कण हवा में ही उड़ते रहते है |
  • खेतो की पराली और हरे पौधो को जलने से भी वायु प्रदुषण फैल रहा है

जल प्रदूषण के कारण, क्या है? –

  • कई औधोगिक कम्पनिया अपना कचरा और विषैले पदार्थ को नदियो में बहा देते है जिससे उनका पानी प्रदूषित हो जाता है |
  • शहर के गंदे नालो को नदियों के रास्ते में जोड़ दिया जिससे पानी में कई बैक्टेरिया ,और बीमारी तत्व मिलने लगे |
  •  क्रषि कार्यो में उपयोग होने वाले जहरीले रसायनों तथा खादों का पानी में घुलना
  • कच्चा पेट्रोल ,कुँओ से निकलते समय समुद्र में मिल जाता है जिससे जल प्रदुषण फैल रहा है |
  • कीटनाशक पदार्थ DDT ,BHC आदि के छिडकाव से जल प्रदूषित हो जाता है जिससे जलीय जीवो को नुकसान पहुँच रहा है |
  • गंदे व सड़े गले पदार्थ को पास की नदियों में फेक  देना |

जल प्रदूषण के प्रभाव –

  • जल प्रदुषण के कारण पिने के पानी की समस्या उत्पन्न होगी जो की स्थिति बहुत ही भयावह होगी |
  • कई बीमारिया टाइफाईड, पीलिया ,हैजा आदि उतपन्न होने लगेगी |जिसे रोकना मुश्किल है |
  • प्रदूषित जल से खेतो में सिचाई करने पर प्रदूषक तत्व पौधो में प्रवेश कर जाते है |और कई बिमारियों को जन्म देने लगते  है
  • रासायनिक पदार्थ प्रायः अमोनिया ,क्लोरिन ,हाइड्रोजन सल्फाइड ,पारा ,जस्ता आदि विषैले पदार्थ से युक्त होते है जो की नदियों के पानी के साथ मिलकर पेट में बीमारियो को जन्म देते है
  • जल प्रदुषण के कारण ,शरीर के अंगो में लकवा मार जाना ,त्वचा रोग ,ह्दय संबंधित बीमारिया होने लगती है

ध्वनि प्रदूषण क्या है? –

  • शहरो व गाँव में आज कल शादी हो या कोई उत्सव हो DJ का बजना निश्चित है और इसी के कारण ध्वनी प्रदुषण फेल रहा है
  • कारखानों के बड़े बड़े सायरन ,हार्न ए भी ध्वनी प्रदुषण को बड़ा रहे है
  • जनरेटर व लाऊड स्पीकर की आवाज भी ध्वनी प्रदुषण है

Noise pollution (ध्वनि प्रदूषण) के प्रभाव –

  •  इसके कारण सुनने की शक्ति कमजोर हो जाती है |कान में दिक्कत आने लगती है |
  • सिरदर्द ,चिडचिडापन ,उच्चरक्तचाप ,मनोवैज्ञानिक दोष उत्पन्न होने लगते है |
  • नवजात बच्चो में शारीरिक दोष ,अल्सर आदि बीमारिया उत्पन्न होने लगती है
  • नींद न आना ,दमा ,थकान आदि होने लगता है

ध्वनि प्रदूषण को रोकने के उपाय –

  • किसी भी प्रकार के प्रदुषण को तब रोका जा सकता है जब  सरकार  लोगो तक जागरूकता अभियान पहुचाये | शहर और गाँव तक उनसे होने वाली हानि को बताये |
  • सरकार द्वारा लागू किये गए प्रदुषण से बचाव के नियम को सख्ती से लागू करे और उनका पालन करवाए |
  • लगातार पेड़ो की हो रही कटाई को रोकना चाहिए | जिससे आक्सीजन की कमी को रोका जा सके ,भूमि के क्षरण को कम किया जा सके |
  • गंदे पानी की निकासी को नदियों से दूर रखे ,कई कारखाने जो घातक रसायन का उपयोग करते है उन्हें शहर से दूर रखा जाये उनके पानी को नदियों में न मिलाने दिया जाये|
  • बंजर खाली सरकारी जमीन में पेड़ो को लगाये जससे पर्यावरण में आक्सीजन को बढाया जा सके और वातावरण शुद्ध हो |
  • रसायन युक्त पानी को नदियों में न मिलाने दिया जाये | उस पानी को किसी खाली स्थान में रोका जाये |
  • dj ,लाउडस्पीकर आदि की आवाज को तय मानक पर निर्धारित किया जाये और तेज आवाज वाले वाहन के हार्न पर रोक हो |
  • टावर के सिग्नल की जांच होनी चाहिए की वो कितनी रेडीओधर्मिता पर चालू है |ज्यादा विकिरण निकल रही हो तो उस पर ज्यादा जुर्माना लगाया जाये
  • सरकारी योजना लाये जो की पर्यावरण के लिए लाभदायक हो ,जंगल की कटाई को रोका जाये और उनका दायरा बढाया जाये |

इसी तरह अगर आप अन्य समस्याओ पर हिंदी में निबंध पढ़ना चाहते है तो यहाँ देखे – Eassy in Hindi

You can find a book for Essay ( Nibandh) for UPSC Civil Services Exam / सिविल सेवा परीक्षा के लिए निबंध

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