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तुम जरूरी सी हो।

खाने की स्वाद के लिए,

मीर्च-मसाला जरूरी सी हैं।

गोलगप्पे के खाली गोलों के लिए,

खट्टी इमली पानी जरूरी सी हैं।

समोसे के पिरामिडों में भरने के लिए,

चटपटा आलू मसाला जरूरी सी हैं।

गोइठे में पकायें लिट्टी के संग,

चोखा-भरता जरूरी सी हैं।

इसी प्रकार,

मेरे जीवन पथ की बाधाओं से लड़ने के लिए,

तुम जरूरी सी हो।

धूप भरी दोपहर और शाम के स्नेह में डूबने के लिए,

तुम जरूरी सी हो।

चाँदनी की मादकता में खोने के लिए,

अमावस की काली पट्टी पर,

तुम जरूरी सी हो।

जिंदा रहते हुए सासों में उलझने के लिए,

तुम जरूरी सी हो।

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तुम जरूरी सी हो।

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