जर्मनी में पिछले 24 घंटे के दौरान 1 लाख से अधिक नए कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं. रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने कहा कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक जर्मनी में पिछले 24 घंटों में 112,323 कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए और 239 लोगों की मौत हुई. एजेंसी के मुताबिक साप्ताहिक संक्रमण दर सात दिनों में प्रति 100,000 लोगों पर 584.4 नए संक्रमण तक पहुंच गई है, यानी एक सप्ताह में 1 लाख लोगों की टेस्टिंग में 584 नए मरीज मिले हैं.
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बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जर्मनी ने प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया है. बार और रेस्तरां तक लोगों की पहुंच सीमित कर दी है. सिर्फ उन्हीं लोगों को बार और रेस्तरां में जाने की अनुमति दी जा रही है जिन्होंने बूस्टर डोज लगवा लिए हैं या जो पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुके हैं.
पार्टियों में लोगों की संख्या सीमित
घरों में होने वाली पार्टी के दौरान लोगों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है. सरकार ने एक जगह या दो घरों के 10 लोगों से ज्यादा के एकत्रित होने की इजाजत नहीं दी है. जर्मनी में कोरोनो वायरस के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि तब हुई है जब ओमिक्रॉन प्रमुख संस्करण बन गया है, जो 70 प्रतिशत से अधिक नए संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है.
अन्य यूरोपीय देश भी बढ़ते ओमिक्रॉन दर के खतरों से जूझ रहे हैं. पड़ोसी देश फ्रांस का हाल और बुरा है जहां औसतन प्रतिदिन लगभग 300,000 मामले सामने आ रहे हैं. जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज 83 मिलियन आबादी की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए अनिवार्य टीकाकरण शुरू करने की मांग कर रहे हैं, जबकि देश में 60 मिलियन आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुकी है.
अनिवार्य वैक्सीनेशन के खिलाफ कई बार हो चुका विरोध प्रदर्शन
चिंताजनक बात ये है कि उस देश में संक्रमण बढ़ रहा है जहां बायोटेक-फाइजर वैक्सीन सबसे पहले तैयार की गई थी. हालांकि, यहां सरकार की कोविड को लेकर अपनाई जाने वाली रणनीति और नियोजित वैक्सीन जनादेश के खिलाफ सैकड़ों, कई बार हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर चुके हैं.
इस असहमति के बावजूद, स्कोल्ज ने जोर देकर कहा कि टीकाकरण आवश्यक है. स्कोल्ज ने पिछले सप्ताह संसद में चांसलर के रूप में अपने पहले संबोधन में भी टीकाकरण पर जोर देते हुए इसे अत्यंत आवश्यक बताया था.