मोबाइल ओवर चार्जिंग की समस्या तब आती है जब बैटरी को कई घंटों तक चार्जिंग पर लगाकर छोड़ दिया जाता है। इस स्थिति में कैथोड से एनोड पर जरूरत से ज्यादा लिथियम आयन पहुंच जाते हैं।
एक साक्षात्कार में प्रिन्सटन विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक डैन स्टेंगार्ट कहते हैं कि मोबाइल की बैटरी को एक रबड़ बैंड के उदाहरण से समझा जा सकता है। बैट्री को चार्ज करना ऐसा ही है जैसे रबड़ बैंड को खींचना और जब बैटरी का इस्तेमाल हो रहा होता है तो यह रबड़ बैंड के वापस अपनी स्थिति में आने जैसा होता है। जिस तरह से रबड़ को ज्यादा खींचने पर वह टूट जाता है उसी तरह ओवर चार्जिंग से एक साइड में एकत्र हुए ज्यादा लिथियम आयनों के कारण बैटरी भी फट सकती है।
हालांकि, डैन यह भी कहते हैं ज्यादातर मोबाइल की बैटरियों में ओवर चार्जिंग से बचाने की सुविधा भी दी जाती है जिसमें फुल चार्ज होने पर बैटरी अपने आप चार्ज होना बंद हो जाती है। लेकिन, हाल के दिनों में इस व्यवस्था में भी दिक्कतें पाई गई हैं. इसी कारण कई जानकार कभी भी बैटरी को सौ प्रतिशत चार्ज न करने की सलाह भी देते हैं।