Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की घोषणा करने वाली किस महिला की आवाज हैं

SMY Desk : एक ऐसी आवाज़! जो हमेशा कानों में गूँजती है... रेल्वे स्टेशन की गहमागहमी में, जिसके पहले शब्द से ही लोग कुछ थम सा जाते हैं, तो कुछ अपनी बातचीत रोक देते हैं और अपने कान उस अनजानी महिला की सुन्दर आवाज़ की ओर कर लेते हैं.
हाँ, ये आवाज़ हमें ही कुछ कह रही है! वो वो आवाज़ है..
यात्रीगण! कृपया ध्यान दें!
इस प्यारी सी आवाज़ की मालकिन हैं, सरला चौधरी!
(सरला चौधरी का कुछ महीनों पूर्व का चित्र)
Third party image reference
आपको बतादें की सरला चौधरी, कितने सालों से जिनकी आवाज़ रेल्वे स्टेशन पर होने का पर्याय बनी हुई है, हम सभी में से शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसने ये आवाज़ ना सुनी हो.
आपको बतादें की 51 वर्षीया सरला जी आज भी रेल्वे में कार्यरत हैं, नाम के अनुरूप ही वो अत्यंत ही सरल स्वभाव की महिला हैं.
तो आइए जानते हैं कैसे सरला चौधरी हमारे भारतीय रेल्वे की चिर परिचित आवाज़ बनी.
सबसे पहले आपको बतादें की सरला जी के पापा पहले से ही रेल्वे कर्मचारी थे. एक दिन इनके पापा के ऑफ़िस में सर्क्यलर आया की रेल्वे तीन महीने के लिए रेल्वे कर्मचारी के बच्चों की अनाउन्स्मेंट सेक्शन में भर्ती कर रही है, इच्छुक कर्मचारी सम्पर्क करें.
Third party image reference
अब सरला जी के पापा ने घर आ कर यह बात सरला को बतायी, सरला जी यह सोच कर गयी की बढ़िया है तीन महीने टाइम पास हो जाएगा. मुंबई में, कुर्ला कार शेड में इनका और आए अन्य जनों का वौइस् टैस्ट लिया गया, इन में कुछ जनों को सलेक्ट किया गया, जिन में सरला जी एक थी.
सरला जी ने 13 जुलाई 1982 को ज्वाइन किया था, सरला जी पहली महिला उद्धघोषक थी, इस से पहले उद्धघोषणा का कार्य पुरुषों द्वारा ही किया जाता था. आपको बतादें की उस समय अनाउन्स्मेंट रूम में माइक के सामने बैठ कर घोषणा की जाती थी, क्योंकि तब रिकॉर्डिंग कम्प्यूटरायज़्ड सिस्टम नहीं था.
(सरला जी की नौकरी के शुरुआती समय का एक चित्र)
Third party image reference
सरला जी बताती हैं कि उस समय किसी महिला का अनाउन्स करना कौतुहल का विषय हुआ करता था, ऑफ़िस की खिड़की के बाहर लोगों का मजमा लग जाता था और लोग दूर दूर से अपने बच्चों को दिखाने ले कर आते थे कि देखो दीदी कैसे अनाउन्स कर रही है.
Third party image reference
अब रेल्वे ने तीन महीनों के लिए यह ट्रायल रखा था, पर जनता से प्रतिसाद अच्छा मिलने पर किसी को भी तीन महीने बाद निकाला नहीं गया, सरला जी को उस समय एक अस्थायी कर्मचारी के तौर पर दैनिक सैलरी मिला करती थी. बाद में जून 1986 में सरला जी को रेल्वे का स्थायी कर्मचारी बना दिया गया.
“यात्रीगण” शब्द पढ़ते ही आपके दिमाग़ में जिस आवाज़ का दोहराव होता है, वो आवाज़ सरला जी की है क्यूंकि सरला चौधरी! एक अमर आवाज़ की शख़्सियत है.
क्या आपने यह आवाज रेलवे स्टेशन पर सुनी है, हमें कमेंट करके जरुर बताये.
रोजाना ऐसी ही अटपटी ख़बरों के लिए हमें फोलो जरुर करें.


This post first appeared on SupportMeYaar, please read the originial post: here

Share the post

रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की घोषणा करने वाली किस महिला की आवाज हैं

×

Subscribe to Supportmeyaar

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×