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महाभारत के इन योद्धाओं की थी सबसे कठिन अंतिम इच्छाएं, जाने कैसे कृष्ण ने इन्हें पूर्ण किया

जैसे की हम सब जानते है की महाभारत में ऐसे कई सारे प्रतापी योद्धा थे जिन्होंने भगवान श्री कृष्ण के सामने अपनी अंतिम इच्छाओं को प्रकट किया था, पर शायद आप नहीं जानते है तो आपको बतादें की भगवान् श्री कृष्ण के लिए इन इच्छाओं को पूरी करना आसान नहीं था, तो चलिए जानते है की क्या थी वो इच्छाएँ और किसने रखी थी.
विदुर:

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जैसे की हम सब जानते है की महाभारत के युद्ध के समय विदुर ने भगवान कृष्ण से भेट की थी, ऐसे में उन्होंने कृष्ण को बताया था की उनको यह युद्ध को देखकर बड़ी ही आत्मग्लानि महसूस हो रही है, और उसने कहा की में अपनी मृत्यु के बाद इस धरती पर अपने शरीर का थोडा सा भी अंश नहीं रहने देना चाहता, अब भगवान् कृष्ण ने विदुर की मृत्यु के बाद उनके शरीर को अपने सुदर्शन चक्र का हिस्सा बना लिया.
कर्ण:

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आपको बतादें की कर्ण ने अपने अंतिम क्षणों में भगवान कृष्ण के समक्ष अंतिम इच्छाएं प्रकट की उसको अगले जन्म में भगवान कृष्ण उन्हीं के राज्य अंगप्रदेश में जन्म लें और दूसरी इच्छा में उन्होंने कृष्ण से कहा कि उनका अंतिम संस्कार किसी ऐसी जगह पर किया जाए जहां आज तक कभी कोई पाप न हुआ हो. वैसे आपको बतादें की महाभारत के युद्ध के बाद इस धरती पर ऐसी कोई भी जगह शेष नहीं थी की जहा पर पाप नहीं हुआ हो इसीलिए भगवान कृष्ण ने उनका अंतिम संस्कार अपनी हाथों पर ही किया.
घटोत्कच:

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आपकी जानकारी के लिए बतादें की घटोत्कच ने भगवान कृष्ण से कहा था की मेरी के बाद मेरे इस शरीर को न जल में प्रवाहित करें, न भूमि में दफनाएं और ना ही अग्नि में दाह करे, मरे शरीर को सिर्फ वायु में विलीन कर दें और मेरी अस्थियों को भूमि पर इस प्रकार स्थापित करें कि मेरा यह कंकाल संपूर्ण महाभारत युद्ध का साक्षी बन सके, बाद में भगवान् श्री कृष्ण ने ऐसा ही किया.
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