विश्वमित्र नगरी बक्सर का यह एक प्रसिद्ध मेला है। जिसमें श्रद्धालुओं के द्वारा बक्सर जिले के पाँच कोस में स्थित पाँच ग्रामों की परिक्रमा 5 दिनों में की जाती है। तथा सभी जगह अलग-अलग तरह के भोजन बनाकर प्रसाद के रूप में खाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री राम ने अपनी शिक्षा स्थली बक्सर में महर्षि विश्वामित्र से शिक्षा ग्रहण करने के उपरान्त बक्सर के आस-पास रहने वाले ़ऋषी मुनियों से आर्शीवाद प्राप्त करने हेतु गये थे, यही ये पाँच ग्राम हैं। यह यात्रा प्रसिद्ध अहिरौली धाम से प्रारम्भ होकर है तथा नदाँव, भभुअर, बड़का नुवाँव होते हुए सुप्रसिद्ध चरित्रवन में आकर समाप्त होती है। पाँचो ग्राम में अलग-अलग भोजन खाने का रिवाज चलता आ रहा है। कहा जाता है कि भगवान राम को पाँचों ग्रामों के साधु - सन्तों द्वारा जिस भोजन से स्वागत किया गया उसी को आज प्रसाद के रूप में ग्रहण कर उन्हें याद किया जाता है।