राजनाथ सिंह के इनकार के बाद अब यूपी के मुख्यमंत्री की रेस में मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे।
विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के पक्ष में आने के बाद अब सूबे के मुख्मंत्री के नाम को लेकर संशय बना हुआ है। बीजेपी में मुख्यमंत्री तय करने की कवायद तेज हो गयी है। नतीजों के बाद सीएम की रेस में सबसे पहला जो नाम आया वह था गाजीपुर के सांसद व केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का।
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मनोज सिन्हा गाजीपुर की मोहम्मदाबाद तहसील अन्तर्गत मोहनपुरा गांव के साधारण परिवार में जन्मे। मनोज सिन्हा ने छात्र राजनीति से अपनी शुरुआत की। बीएचयू के छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक पहुंचने के सफर को उनके परिजन स्कूली दिनों के मित्र, और उनके गांव मोहनपुरा के लोग कैसे याद करते हैं।गाजीपुर सिटी स्टेशन से पूर्वी छोर पर बसे गांव को जाता रास्ता अब किसी परिचय का मोहताज नहीं। पिछले लोकसभा चुनाव में इसी गांव के लाल मनोज सिन्हा ने न सिर्फ सियासी चक्रव्यूह को भेदकर गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीता, बल्कि पीएम नरेन्द्र मोदी का विश्वसनीय होने के चलते रेल राज्यमंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद भी उन्हें मिला।
मनोज सिन्हा के स्कूली दिनों के साथी उमाशंकर गुप्ता बचपन के दिनों को याद करते हुए बताते है कि, ”सिटी इंटर कॉलेज में आईएससी के पहले वर्ष में ही विश्व हिन्दू परिषद के संपर्क में आए और उसके कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगे”। स्कूली दिनों में वीएचपी के संपर्क में आने के बाद मनोज सिन्हा के दिलों दिमाग में राजनीतिक महत्वकांक्षा ने घर कर लिया।
इंटरमीडिएट की परीक्षा उन्होंने फर्स्ट क्लास पास की और घरवालों का सपना पूरा करने बीटेक की पढ़ाई के लिये वह बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहुंच गए। यहां से उन्होंने छात्र राजनीत में अपना कदम रखा। आगे चलकर वह बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए।
छात्र संघ अध्यक्ष रहते हुए मनोज सिन्हा को कई सरकारी विभागों से नौकरी का ऑफर मिलता रहा, लेकिन उन अवसरों को दरकिनार करते हुए मनोज सिन्हा ने राजनीत को ही अपना करियर बनाने का संकल्प कर लिया था। निरंतर राजनीतिक गतिविधियों में अहम भूमिका अदा करने का ही नतीजा था कि मनोज सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए।सन 1996 तक राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहने के साथ ही 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार विजय हासिल की और गाजीपुर से सांसद चुने गए। मनोज सिन्हा को 1999 के लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल हुई। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बनी बीजेपी सरकार मनोज सिन्हा को दो महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के तरफ से दी गई।
वहीं चौहान समाज की महिला प्रजापति देवी का कहना है कि हमारा बेटा ही नहीं बल्कि पूरे गरीब समाज के बेटे तकनीकी क्षेत्र से लेकर तमाम प्रकार के कोर्स करके बेकार और बेरोजगार घूम रहे हैं मनोज सिन्हा के मुख्यमंत्री बनने पर इस तरह के बेटों को बिना घुस के निशुल्क उनके शिक्षा के आधार पर नौकरियां मिल सकती हैं।जिसके लिए आज हम चौहान समाज की महिलाएं भगवान शिव से उनके मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रार्थना किया है वही चौहान समाज की बेटी चंदन ने कहा कि मनोज सिन्हा के मुख्यमंत्री बनने से हम बेटियों का भला होगा आजादी से हम लोग स्कूल जा सकेंगे क्योंकि बीजेपी के शासन काल में निश्चित रुप से बेटियों की सुरक्षा बढ़ेगी और मनचलों द्वारा कमेंट करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी इसलिए आज हम लोग मनोज सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूजा-अर्चना किए हैं।
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