आपको जानकर हैरानी होगी की शाहजहाँ में सेक्स की भूख इस कदर थी की उसने अपनी बेटियों को भी अपनी हवस का शिकार बना लिया था . वह अपनी बेटी जहाँआरा के किसी भी आशिक को उसके आसपास भी फटकने नही देता था . अकबर ने अपनी हवस को पूरा करने के लिए एक नियम भी बना दिया था जिसमें कहा गया था की मुगलिया खानदान की बेटियों की शादी नही होगी . इसका परिणाम यह निकला की मुगलिया खानदान की बेटियां अपनी जिस्मानी भूख मिटाने के लिए अवैध तरीके से दरबारी, नौकर के साथ-साथ, रिश्तेदार और सगे सम्बन्धियों का भी सहारा लेती थी.
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आपको जानकर हैरानी होगी की जहाँआरा अपने बाप के लिए लडकियां लाती थी . जहाँआरा की मदद से शाहजहाँ ने शाइस्ता खान की बीबी से कई बार बलात्कार किया था . शाहजहाँ में हवस की आग इतनी थी की उसने राजज्योतिष की 13 वर्षीय कन्या के साथ भी जबरदस्ती सम्बन्ध बनाये उस समय शाहजहाँ 58 वें वर्ष का था, बाद में उसी के साथ शाहजहाँ ने निकाह कर लिया था .
ऐसे में यह सवाल तो उठता है की ऐसे वहसी और क्रूर व्यक्ति की अय्याशी की कसमें खाकर लोग अपने प्यार की बे-इज्जती करते है . ताजमहल और प्यार की कहानी इसलिए बनाई गई है ताकि हिन्दुओं को गुमराह किया जा सके . आपको बता दे की ताजमहल कोई प्यार की निशानी नही है बल्कि महाराज जय सिंह द्वारा बनाया गया भगवान शिव का मंदिर “तेजो महालय” है .
आपको जानकार शायद झटका लगे लेकिन इस बात को प्रमाणित करने के लिए डा० सुब्रहमण्यम स्वामी सुप्रीम कोर्ट में सत्य की लड़ाई लड़ रहे है . असलीयत तो यह है की मुगल इस देश में धर्मान्तरण, लूट-खसोट और अय्यासी ही करते रहे लेकिन कुछ बेईमान नेताओं के आदेश पर हमारे इतिहासकारों ने इन्हें जबरदस्ती महान बनाया है जो की सरासर गलत है .
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