प्यार के मौसम में हम बस प्यार की बातें करेंगे
रात भर ग़ज़लों की और अशआर की बातें करेंगे
इश्क़ के दरिया में आकर साहिलों की बात क्यों हो
अब तो हम लहरों की और मझधार की बातें करेंगे
होश ज़ब्तो सब्र जिम्मेदारियां रस्मो रवायत
अक्ल वाले फिर वही बेकार की बातें करेंगे
अहले दिल बातें करेंगे वस्ल की दीदार की और
दुनिया वाले बीच में दीवार की बातें करेंगे
इश्क़ वाले कब डरे हैं ख़ौफ़ लहरों का किसे है
हो चढ़ा दरिया मगर उस पार की बातें करेंगे
जीत की बातें करो राजीव गर है जीतना तो
हार जाएंगे अगर हम हार की बातें करेंगे
-राजीव भरोल