१. रात बिकी है इतनी जल्दी,सुबह, धूप की बाज़ार लगी है. औने पौने भाव तो लेलो, सूरज की दुकान सजी है.२.रात बावली, कालीकरवट करवट डांटेमुझे भोर तक सोने न देघर घर निन्दियां बांटे३.ओ मेरी प्यारी रतियामान ले मेरी बतियाफूंक फूंक के तुझे बुझाऊंजलती तू सारी रतिया४.रात सो गई मीठी होके,मेरी करवटें नीम सा. दवा ढूंढता रह गया यारों,अंधेरे में हकीम सा
Related Articles
This post first appeared on सलाम करता चलूं!, please read the originial post: here