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Himachal Pradesh | भौगोलिक परिचय : झीलें

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हिमाचल प्रदेश | भौगोलिक परिचय : झीलें

☆1. बनावटी झीलें (कृत्रिम झीलें)-

(i) गोविंद सागर झील:- गोविंद सागर हिमाचल की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। यह झील बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर बनी है। इस जिल की लम्बाई 88 मीटर है। इस जिल का क्षेत्रफल 168 वर्ग किमी॰ है।

(ii) पौंग झील:- यह झील कांगड़ा जिले में हैं। यह झील व्यास नदी पर बनी हुयी है। इसकी लम्बाई 42 किमी॰ है। इस झील के पास पौंग डैम भी है, जो 1960 में बना था। इस झील को महाराणा प्रताप सागर के नाम से जाना जाता है।

(iii) पंडोह झील:- यह झील मंडी के ब्यास नदी पर बनाई गयी है। इसकी लम्बाई 14 किमी॰ है और यह राष्ट्रीय राजमार्ग 21 के किनारे है।

☆2. हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक झीलें :-

(i) चम्बा -

(क) गड़ासरू झील - 1 किमी. परिधि, ऊँचाई - 3505 मी. (चुराह तहसील में देवी कोठी के पास स्थित है।)

(ख) खजियार झील - 0.5 किमी. लंबी, ऊँचाई 1951 मी.।

खजियार को हिमाचल प्रदेश का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। इसे यह नाम पी. ब्लेजर ने 7 जुलाई, 1992 को दिया। यह विश्व का 160 वां स्थान है, जिसे मिनी स्विटजरलैंड का दर्जा दिया गया है। यह स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न से 6194 किमी. दूर है।

(ग) लामा झील - इस झील की ऊँचाई - 3962 मी. है। यह सात झीलों का समूह है। (भरमौर उपमंडल में स्थित है।)

(घ) मणिमहेश झील - इस झील की ऊँचाई - 3950 मी. है। यह कैलाश पर्वत के नीचे स्थित है।

(ड़) चमेरा झील - (कृत्रिम झील है, जो रावी नदी के पानी से बनी है।)

(च) महाकाली झील - इस झील की ऊँचाई - 3657 मी. है। यह झील देवी काली को समर्पित है। (चुराह तहसील के खुंडी में चांजू पंचायत में स्थित है।)

(ii) काँगड़ा -

(क) डल झील - इस झील की ऊँचाई - 1775 मीटर है। यह धर्मशाला से 11 किमी. दूर है।

(ख) करेरी झील - इस झील की ऊँचाई - 1810 मीटर है।

(iii) मण्डी -

(क) कुमारवाह झील - इस झील की ऊँचाई - 3150 मी. है।

(ख) पराशर झील - इस झील की ऊँचाई - 2743 मी. है।

(ग) रिवालसर झील - इस झील को बौद्ध लोग पद्माचन भी कहते हैं। बौद्ध भिक्षु पद्मसम्भव के जन्म दिन पर यहाँ छेच्शु मेला लगता है। यह झील हिन्दू, सिख व बौद्ध तीनों धर्मों के लोगों का तीर्थ स्थान है। इसे तैरते हुए टापुओं की झील भी कहते हैं।

(घ) कुन्त भयोग

(ड़) सुखसागर झील

(च) कामरुनाग

(छ) कालासर झील

(iv) कुल्लू -

(क) मनतलाई झील (पार्वती नदी का उद्गम स्थल)

(ख) भृगु

(ग) दशहर (रोहतांग दर्रे के समीप)

(घ) स्त्रयुल

(ड़) सरवालसर (बंजार उपमंडल में स्थित है )

(v) लाहौल-स्पीती -

(क) सूरजताल झील - इस झील की ऊँचाई 4800 मीटर है। भागा नदी का उद्गम स्थान बारालाचा दर्रे के समीप यह झील स्थित है।

(ख) चंद्रताल झील - इस झील की ऊँचाई 4270 मीटर है। (इसे लोहित्य सरोवर के नाम से भी जाना जाता है।)

(ग) ढंखर झील

(vi) शिमला -

(क) चन्द्रनाहान झील - ऊँचाई - 4267 मी. (रोहडू, शिमला में स्थित) पब्बर नदी का उद्गम स्थल स्थान।

(ख) तानु जुब्बल झील (नारकंडा)

(ग) गढ़ कुफर

(घ) कराली झील

(ड़) बरादोनसर झील

(vii) किन्नौर -

(क) नाको झील - इस झील की ऊँचाई 3662 मी. है।

(ख) सोरंग झील

(viii) सिरमौर -

(क) रेणुका झील - यह हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है, जो 2.5 किमी. लंबी है। इसकी आकृति सोई हुई स्त्री जैसी है। रेणुका भगवान परशुराम (विष्णु के छठे अवतार) की माता है। रेणुका को अपने पुत्र परशुराम के हाथों बलिदान होना पड़ा, जिसने अपने पिता जमदग्नि की आज्ञा का पालन करते हुआ ऐसा किया। जमदग्नि जामलू देवता के रूप में भी जाने जाते थे।

(ख) सुकेती झील



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