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दीपावली पर हिन्दी कविताएं | deepwali पर kavita in Hindi

दीपवाली दोस्तो कितना khushi का festival है और इस त्योहार का मजा तो पूरा लेना चाहिए ? Deepawali festival में हम सब दीप चलते है । और पूरे अपने घर को दीपक से जगमगा देते है और। यह देखने का नजारा होता है । दीपावली के दिन हम सभी happy deewali shayari wishes SMS send करते है । और छोटे बच्चे us दिन दीपावली की कविता गाते है । ( Deepawali poems in hindi


Deepawali poems in hindi में दीवाली पर छोटे बच्चे और whatsapp status भी है । आप चाहे तो फॉरवर्ड भी कर सकते है ।



दीपावली पर छोटी कविता ( short poems on diwali ) chhoti kavita on deewali / roshani ka tyohaar 


है रोशनी का यह त्योहार 

ले बार चेहरा पर मुस्कान 

सुख और समृद्धि की बाहर 

जोड़ सारी खुशियां 

अपनो का प्यार और साथ 

इस पावन अवसर पर 

आप सब को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।।



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Short poems on diwali in hindi / Aaj re aai deepawali aayi । Chhoti kavita on deewali for kids 


आई रे आई जगमगाती रात है आई 

दीपो से सजी टिमटिमाती बारात है आई 


हर तरफ है हंसी ठिठोले

रंग बिरंगी जग मग शोले,

परिवार को बांधे हर त्योहार 

खुशियों की छाए जीवन में बाहर 


सबके लिए है मनचाहे उपहार 

मीठे मीठे स्वादिष्ट पकवान 

कराता सबका मिलन हार साल 

दीपावली का पर्व सबसे महान 

आई रे आज जगमगाती रात है आई 



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आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ / deewali par kavita in hindi 


है कहा वह आग मुझको जलाए 

है कहा वह ज्वाला पास मेरे लाए


रंगीनी तुम आज दीपक राग जाओ

आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ।।


तुम नई आभा नही मुंहमे भरलगी 

नव विभा में सन्नान तुम भी तो करोगी 


आज तुम मुझको जागकर जगमगाओ 

आज फिर तुम बुझा दीपक जलाओ ।।


मैं तपोमय ज्योति की पर प्यास मुझको 

है प्रणय को शक्ति पर विश्वास मुझको 


स्नेह की बूंद bbj तो तुम गिराओ 

आज फिर से तुम बुझ दीपक जलाओ ।।


कल तिमिर को भेज में आगे बडूंगा 

कल प्रलय की आंधियों से में भी लडूंगा 


किंतु आज मुझको अंचल से बचाओ 

आज फिर से बुझा दीपक जलाओ।


हरिवंशराय बच्चन ।। 


आओ फिर से दीया जलाएं हिंदी कविता / hindi kavita on deewali 


आओ फिर से दिया जलाएं 


आओ फिर से दिया जलाएं 

भरी दुपहरी में अधियारा 

सूरज परछाई में अधियरा 

अंतरतम का ने निचोड़ 

बुझी हुई बाती सुलाहेंगे ।।

आओ फिर से दिया जलाएं । 


हम पड़ाव को समझे मंजिल 

लक्ष्य हुआ आंखो से उझल 

वर्तमान के मोह जल में, 

आने वाला कल न भलाई 

आओ फिर से दिया जलाएं ।।



आहुति बाकी यज्ञ अधूरा ,

अपनो के विघानो ने घेरा 

अंतिम जय का वज्र बनाने 

नव दधीचि हड्डियां गलाए 

आओ फिर से दिया जलाएं ।।  



Deepawali poem In Hindi / deewali ki kavita in hindi 


दीपो का त्योहार दिवाली आई है 

खुशियों का संसार दीवाली आई है ।।


घर आंगन सब नया सा लगता है 

नया नया परिधान सभी को फबता है ।।


नए नए उपहार दीवाली लाई है 

खुशियों का संसार दीवाली आई है ।।


दीवाली peom in Hindi / आज दिन दीवाली का आया / hindi kavitae


आज दिन दीवाली का आया 

लेकर खुशियों की टोकरी 

महालक्ष्मी सब के घर पधार रही है ।।।


आज दिन दीवाली का आया 

आज की की रात भी हैरान है 

दीपो की रोशनी से पूरा संसार रोशन है।।


आज दिन दीवाली का आया 

रिद्धि सिद्धि को भी संग में लाया,

भर गया है घर खुशियों से सबका, 


आज दिन दीवाली का आया 

संग में खुशियों का मेला लेकर आया ,

पटाखों की गूंज से पूरा आसमान गूंज उठा ।।


आज दिन दीवाली का आया

हो रहे है सब भाव विभोर 

आज दिन खुशियों का आया 


आज दिन दीवाली का आया 

दीपो की सुनहरी कतार सजेगी 

आज सभी के घर दीपावली मानेगी ।।


दीवाली poem in hindi / deewali ka sandesh a
Kavita 


आती है दीवाली लेकर यह संदेश 

दीप जल जब प्यार के सुख देता परिवेश 


सुख देता परिवेश प्रगति के पाठ खुला जाए 

करते सभी विकास सहज ही सब सुख आते,


ठकुरेला कविराय समुति ही संपति पाती

जीवन हो आसान एकता जब भी आती ।।


दीप जलाकर आज तक तम का राज 

मानव ही दीपक बने यज्ञ मांग है आज 


यज्ञ मांग है आज जगत में हो उजियारा 

मिटे आपसी भेद बड़े भाईचारा 


ठुकरा कविराज भले हो नृप या चाकर 

चले सभी मिल साथ प्रेम के दीप जलाकर । 



जब आशा की लौ हो प्रायश की धूम 

आती ही है लक्ष्मी द्वार तुम्हारा चूम 

द्वार तुम्हारा चूम वास घर में कर लेती 

करे विविध कल्याण अपर्मित धन दे देती 

ठकुरेला कविराय पलट जाता है पासा 

कुछ भी नही अगाग्य बलवती हो जब आशा।।


दीपावली के पर्व की बड़ी अनोखी बात 

जगमग जगमग हो रही मित्र आम की रात 


मित्र आम की रात अनगिनत दीपक जलते 

हुआ प्रकृति विश्व स्वपन आंखो में पलते 

ठकुरेला कविराज बजी खुशियों की तली 

ले सुख के भंडार आ गई फिर दीवाली ।।

– त्रिलोक सिंह ठकुरेला ।।


आओ मिलकर दीप जलाए हिंदी कविता / deewali par kavita for kids


आओ मिलकर दीप जलाए 

कर दो ऐसे जग सारा रोशन 

कही छूट न जाए कोई कोना अंधियारा 


भूल कर सब देश भावना 

दोस्ती का नया दीप जलाए 

आओ सब मिलकर दिपवी मनाए 


आओ सब मिलकर रूठो को मनाए 

मिथिया बाटकर प्यार की मिठास बड़ाई, 

आओ सब मिलकर दीपावली मनाई 


धनतेरस पर सब मिलकर बाजार जाए 

भाई दूज को भाई बहन का प्यार बड़े, 

आओ सब मिलकर दीपावली मनाई ।।


आपकी हमारी deewali par kavita कैसी लगी हमे comment जरूर करें । दीवाली पर कविता in hindi में आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा ।और भी इसी तरह की कविताएं और शायरी पढ़ने के लिए आप हमारी site के home page पर जा सकते है ।।





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