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Shatru Aur Rog Ko Samaapt Kar Dena Chaahie - चाणक्य के अनमोल विचार (Chanakya Suvichar)

आचार्य चाणक्य का जन्म आज से लगभग 2400 साल पूर्व हुआ था।  वह नालंदा विशवविधालय के महान आचार्य थे। उन्होंने हमें ‘चाणक्य नीति’ जैसा ग्रन्थ दिया जो आज भी उतना ही प्रामाणिक है जितना उस काल में था।  चाणक्य नीति एक 17 अध्यायों का ग्रन्थ है।  अपने पाठको के लिए हम यह 17 अध्याय पहले ही अपने ब्लॉग पर प्रकाशित कर चुके है जो की आप इस लिंक पर पढ़ सकते है –   सम्पूर्ण चाणक्य नीति।  आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति के अलावा सैकड़ों ऐसे कथन और कह थे जिन्हें की हर इंसान को पढ़ना, समझना और अपने जीवन में अपनाना चाहिए। हमने उनके ऐसे ही 600 कथनों और विचारों का संग्रह यहाँ आप सब के लिए किया है। आशा है आप सभी पाठकों को आचार्य चाणक्य के कोट्स का यह संग्रह जरूर पसंद आएगा।



आचार्य चाणक्य के अनमोल विचार और कथन :-
Shatru Aur Rog Ko Samaapt Kar Dena Chaahie - चाणक्य के अनमोल विचार  (Chanakya Suvichar)

 "ऋण, शत्रु  और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।"
"Run, Shatru Aur Rog Ko Samaapt Kar Dena Chaahie"
"Loans, enemies and diseases should be eliminated."


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