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Positive Thougths in Hindi | सकारात्मक मनोवृत्ति से करें किसी भी चुनौती का सामना

सकारात्मक मनोवृत्ति से करें किसी भी चुनौती का सामना 

आपने बचपन में उस चींटी की कहानी तो जरूर सुनी होगी जो बार बार गिरने के बावजूद दीवार पर चढ़ने का प्रयास कायम रखती है। क्या आप ये जानते है उस चींटी को अंत में सफलता क्यों मिली? इसका सिर्फ एकही कारण है – सकारात्मक मनोवृत्ति।

वो सकारात्मक सोच ही है जो हमें किसी भी निर्णायक घडी से निपटने में मदद करती है। वो सकारत्मक विचार ही होते है जो हमें निराशाभरी जिंदगी में आशा की किरण दिखाते है।

सकारात्मक मनोवृत्ति वास्तव में क्या है?

प्रसिद्ध लेखक श्री शिव खेड़ा जी ने अपने ‘You can win’ पुस्तक में सकारात्मक मनोवृत्ति का अर्थ समझाते हुए एक कथा का जिक्र किया है।

एक गुब्बारेवाला गुब्बारे बेच रहा था।  बहोत सारे बच्चे उस गुब्बारेवाले से रंगबिरंगे गुब्बारे खरीद ले जा रहे थे।  एक छोटा सा लड़का दूर से ये सब देख रहा था। उसे ये महसूस हुआ की काले रंग का गुब्बारा कोई बच्चा नहीं मांग रहा है। उस लड़के ने गुब्बारे वाले से पुछा ‘चाचा, क्या ये काले रंग का गुब्बारा भी हवा में उड़ता है?’ तब गुब्बारेवाले जो उत्तर दिया वो बहोत ही मौलिक है। उसने कहा ‘ बेटा, गुब्बारा उसके रंग के वजह से नहीं उड़ता बल्कि वो उड़ता है उसके अंदर जो है उसकी वजह से।’

हमारी अंदरूनी सकारात्मक शक्तिही हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। यही शक्ति हमारे विचारों एवं कार्यों को सुदृढ़ बनाती है।

भगवान ने सभी को एकसमान ही बनाया है, खुद को बेहतर बनाने के लिए समान अवसर दिए है। लेकिन कौन सफल होगा और कौन पराजित ये सिर्फ तय करती है सकारात्मक मनोवृत्ति।

सकारात्मक दृष्टिकोण वो मानसिक अवस्था है जो जीवन के हर पल हमें सही रास्ता दिखती है। ये हमें वो नजरिया प्रदान करती है जो हमारे विचारों को हिलाके रख देता है।

सकारात्मक मनोवृत्ति कैसे विकसित करें?

१] खुद से प्यार करें 

खुद से प्यार करें से मेरा मतलब है आप जैसे है वैसे खुद का स्वीकार करें।आपकी निंदा करने वाले बहोत सारे लोग आपको हर कदम मिल जायेंगे। उनकी बातों से आप खुद को  जाने अनजाने टोकने लग जाते है। आपके मन में खुद के लिए ही हीन भावना जागृत हो उठती है। और यही से शुरू होती है नकारात्मक जीवनशैली।

आपको खुद को पहचानना सीखना होगा। अपने आप पर भरोसा करना सीखना होगा।  फिर देखिये ये दुनिया आपका एक बाल भी बांका नहीं कर सकती।

२] सकारत्मक विचार करने वाले लोगो के साथ रहें 

आपके जीवन में ३६० डिग्री से कोई बदलाव ला सकता है तो वे लोग है जो सकारात्मक सोच रखते है। उनकी बातों में कभी भी ‘मै नहीं कर सकता’, ‘मुझे डर लगता है’, ‘ये काम बहोत रिस्की है’ ऐसे वाकय आप नहीं सुनेगे।  बल्कि ये लोग खुद की तरह आप के विचार बदलने की भी शक्ति रखते है।

३] चुनौतियों का सामना करें 

जीवन में आने वाली हर एक चुनौती आप को कुछ ना कुछ सीख जरूर देती है। उन्हें अपनाये। आपने ‘जो जीता वही सिकंदर’ फिल्म तो आवश्य देखि होगी। इस फिल्म में आमिर खानजी की अदाकारी तो अवर्णनीय तो है ही लेकिन उससे भी ज्यादा वो सीख है जो ये फिल्म हमें देती है।

चाहे कितनी भी कसौटी की घडी हो, आपको उस घडी से बेडा पार होना है तो दृढ़ता और लगन के साथ साथ होनी चाहिए सकारात्मक सोच।

४] पराजय से सीख लें 

पराजय से ना घबराएं।  बल्कि उससे शिक्षा लें। हर किसीके जीवन में पराजय एक अलग स्थान रखता है। पराजय हमें अहंकारी नहीं बनने देता। हमारी कमियों को समझने और उन्हें दूर करने का अमूल्य अवसर  हमें हमारी हार की वजह से ही तो मिलता है। हर पराजय को एक चैलेंज की तरह अपनाये और अपनी सकारत्मक मनोवृत्ति में वृद्धि करें।

सकारात्मक मनोवृत्ति से चुनौतियों का सामना करना है बहुत आसान

क्या आप जानते है  सकारत्मक मनोवृत्ति के लोग सफल होने के पीछे सबसे बड़ा रहस्य क्या है? ये लोग कभी भी समस्याओं के बारे में नहीं बल्कि उनके समाधानों के बारे में सोचते है। उनमे हमेशा चुनौतियां स्वीकारने का और उनपे विजय पाने का साहस होता है। निराशा, अकेलापन, डर ऐसी चीज़ें कभी उनके मन को छूती भी नहीं।

खुद में सकारात्मक दृष्टिकोण लाना एक जटिल प्रक्रिया है। लेकिन जैसे ही आप इसमें सफल हो जाते हो तो आपमें सारी दुनिया इधर की उधर करने की ताकत आ जाती है। आपका आपके हर क्रिया पर, दिमाग पर, विचारों पर और भावनाओं पर नियंत्रण होता है। आपको एक अनोखी ऊर्जा प्राप्त हो जाती है जिससे आपके मन में कोई नकारत्मक विचार प्रवेश ही नहीं कर सकते।

जब आपमें सकारत्मक वृत्ति की वृद्धि होती है तब कोई भी कार्य आपके लिए बाएं हाथ का खेल बन जाता है। आपके रिश्तों में सुधार आता है। लोग आपसे मिलने की इच्छा रखते है।  आपको उनका रोल मॉडल मानने लगते है क्योंकि अब तक अपने उनके सामने आपकी सकारात्मक प्रतीमा खड़ी की होती है।

हर मनुष्य के जीवन में उतार-चढाव आते है।  लेकिन ऐसे समय का भी आप आत्मविश्वास से सामना कर सकते सिर्फ सकारात्मक मनोवृत्ति की वजह से। सारी दुनिया को अपनी मुट्ठी में रखने की ताकत देती है सकारात्मक मनोवृत्ति।

सकारात्मक सोच को अपनाये और अपना जीवन पूरी तरह बदले।

लेखक परिचय :

प्राजक्ता तावरगेरी पिछले १० साल से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत है जिनका खुदका कोचिंग संस्थान है।  इनकी लेखनी भाषा, चरित्र, प्रेरणात्मक एवं व्यवसाय लेख से जुडी होती है।

ब्लॉग: www.jayashreeclasses.in

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