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Short Stories with Moral Values in Hindi | प्रेरणादायक कहानियाँ

Short stories with moral values in Hindi

Short stories with moral values in Hindi: जब हम छोटे थे तब हम सब अपनी-अपनी दादियों से ढेर सारी कहानियाँ सुना करते थे, लेकिन जैसे जैसे बड़े होने लगे वैसे-वैसे कहानियाँ हमारी जिंदगी से दूर जाने लगीं। लेकिन इससे हमने इतना तो जरूर सीखा कि कहानियों से हमें सीखने को बहुत कुछ मिलता है।

और इसीलिये आज मैं आपके सामने Hindi Kahani के इस प्लेटफॉर्म पर कुछ ऐसी ही छोटी-छोटी कहानियाँ ( short stories with moral values in Hindi ) शेयर करने जा रहा हूँ जिनसे आज आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

शुरू करने से पहले मैं आपको बता दूँ कि अगर सच में आप अपने life में कुछ बड़ा करना चाहते हैं, तो बिना skip किये 1-1 कहानियों को ध्यान से पढ़िये, मैं आपसे वादा करता हूँ कि आज आप बहुत कुछ सीखने वाले हो।

तो चलिये एक-एक करके सारी moral stories को देखते हैं…

Short Stories with Moral Values in Hindi-1: ताला, चाभी और हथौड़ा

Short Stories with Moral Values in Hindi : एक शहर में एक ताला-चाभी बनाने की factory  थी जहाँ पर हर तरह के ताले और चाभी बनाये जाते थे।

चाभी को बनाने के लिये और किसी ताले को तोड़ने के लिये, चाभी बनाने वाला एक हथौड़े के इस्तेमाल करता था, जो कि बहुत शक्तिशाली और मजबूत होता है, आपको पता ही होगा।

हथौड़े ने एक दिन देखा कि जिस ताले को तोड़ने के लिये उसे बहुत मेहनत और शक्ति का प्रयोग करना पड़ता है, एक छोटी सी चाभी उसे बड़ी आसानी से खोल देती है।

ये बात हथौड़े को कुछ समझ नहीं आ रही थी।

और उसने एक दिन चाभी से पूछा, कि जिस ताले को तोड़ने के लिये मुझे इतनी ताकत लगानी पड़ती है, इतनी मेहनत करनी पड़ती है, उसे तुम इतनी से कैसे खोल देती हो।

चाभी ने हँसकर जवाब दिया कि तुम उसे खोलने के लिये अपनी ताकत और बल का प्रयोग करके जबरदस्ती खोलने की कोशिश करते हो, लेकिन मैं उसके अंतरात्मा में जाकर विनम्र भाव से निवेदन एवम्‌ विनंती करके खोलने की कोशिश करती हूँ, और इसीलिये वो मुझसे बड़ी आसानी से खुल जाता है।

सीख: सबसे दया-भाव से पेश आयें (Be Kind to Everyone)

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि आप चाहे जितना भी ताकतवर क्यों न हो, आप जिस काम को प्यार और विनम्रता से करा सकते हो वो आप अपनी शक्ति और बल से कभी नहीं करा सकते।

Short Stories with Moral Values in Hindi-2 :आशा है कि आप ऐसे नहीं होंगे

Short Stories with Moral Values in Hindi : एक गाँव में 2 बहुत अच्छे दोस्त रहते थे, उनकी दोस्ती इतनी अच्छी थी कि वो एक दूसरे के लिये अपनी जान भी दे सकते थे और किसी कि जान ले भी सकते थे। उनकी दोस्ती वहा के दूर-दूर इलाकों में भी मशहूर थी।

सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन गाँव में बाढ़ आ गयी और सब कुछ तबाह हो गया और गाँव वाले भूखे-प्यासे तड़प-तड़प के मरने लगे। ये उन दोनों से देखी नहीं जा रही थी।

और गाँव वालो कि मदद करने के लिये वो दोनों शहर चले गये पैसे कमाने के लिये, उन दोनों ने दिन-रात मेहनत करके खूब पैसा कमाया।

फिर उन्होंने सोचा कि पैसा तो अब हमने बहुत कमा लिया है और इसीलिये अब हमें गाँव जाना चाहिये गाँव वालो कि मदद करने के लिये, न जाने गाँव वाले किस हाल में होगें।

और वो दोनों सारे पैसे लेकर गाँव के लिये निकल पड़े, वो जा ही रहे थे कि रास्ते में खूब तेज की बारिश होने लगी और वो वहा एक छोटी सी कुटिया में छुप गये।

काफी देर बीत गया लेकिन बारिश अभी तक बंद नहीं हुई, और इतने में दोनों में से एक दोस्त के मन में लालच आ गयी और वो सोचने लगा कि अगर मैं इसको मारकर सारे पैसे लेकर अकेले गाँव जाऊँ तो गाँव वाले मेरी खूब तारीफ करेगे, मेरे ही चर्चे चारो तरफ होगें और इसी में से थोड़ा पैसा मैं अपने पास भी रख लूगा जिससे मेरी जिंदगी भी आराम से कटेगी।

और इस गंदी सोच के साथ उसने अपने दोस्त को नीचे गिरा दिया और चाकू लेकर उसे मारने के लिये आगे बढ़ा, उसका दोस्त उसके सामने अपनी जान की भीख माँगने लगा, गिडगिडाने लगा लेकिन उसने उसकी एक न सुनी।

फिर वो बोला कि अगर तुम मुझे आज मार दोगे तो बारिश कि ये बूंदे तुम्हे देख रही है, ये सारे गाँव वालो को बतायेगी कि तुमने मुझे मार दिया है।

वो जोर-जोर से हंसने लगा यह कहकर कि “ये निर्जीव बारिश कि बूंदे किसी को क्या बतायेगी।”

और आखिरी में उसने अपने दोस्त को मार दिया और सारा पैसा लेकर गाँव पहुँच गया तो गाँव वाले पूछने लगे कि तुम्हारा दोस्त कहाँ है तो उसने कहा कि वो शहर में कहीं खो गया है और गाँव वाले उसकी बात मान लिये।

पाँच साल बाद वो अपने घर के नीचे खड़ा था और तेज की बारिश हो रही थी। उन बारिश कि बूंदो को देखकर वो अपने दोस्त कि बातों को सोचकर हँसने लगा तो उसकी पत्नी ने पूछा कि क्या हुआ तुम इतना हँस क्यों रहे हो तो उसने कहा कि कुछ नही बस ऐसे ही।

उसकी पत्नी ने कहा कि नही कुछ तो बात है जो तुम मुझसे छुपा रहे हो और बच्चों का क़सम देकर पूछने लगी तो उसने अपनी पत्नी से कहा कि ठीक है मैं तुम्हें बता तो रहा हूँ लेकिन तुम मुझसे वादा करो कि किसी को बताओगी नहीं।

उसकी पत्नी ने कहा ठीक है और उसने सब कुछ उसे बता दिया।

उसकी पत्नी को ये बात बरदाश्त नहीं हो रही थी और उसने सबको बता दिया और धीरे-धीरे सारे गाँव वालो में बात फैल गयी।

गाँव वालो ने उसे कुत्ते की तरह मारकर फांसी पर लटका दिया।

सीख: कभी भी किसी भी चीज की लालच नहीं करनी चाहिये (Don’t Greed for Anything at Any time)

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि आपको कोई भी गलती करने से पहले ये सोच लेना चाहिये कि आप अपनी गलती को छुपा नहीं सकते वो आज नहीं तो कल सबके सामने आ ही जायेगी।

इसलिये कोई भी गलती करने से पहले हजार बार सोचें और लालच तो बिल्कुल भी कभी न करें।

Short Stories with Moral Values in Hindi-3 : ख़ुदके ऊपर Self doubt करते हो, और दुखी रहते हो

Short Stories with Moral Values in Hindi : एक शहर में प्राचीनकाल का एक बहुत पुराना मन्दिर था, मन्दिर के चारो तरफ एक चार-दीवारी (boundary) लगी हुई थी और boundary के अंदर एक खूब सुंदर बगीचा लगाया हुआ था जिसमें बिभिन्न प्रकार के सुंदर-सुंदर पेड़-पौंधे लगाये हुए थे जिसकी वजह से वो मन्दिर और भी सुंदर दिखता था।

मन्दिर में भगवान का पूजा-पाठ करने के लिये एक पुजारी जी रहते थे, और वही बगीचे का भी देखभाल रखते थे क्यूँकि ये करने से उन्हें बहुत आनन्द मिलता था।

उस मन्दिर के बगल में एक और छोटा सा मन्दिर था जिसमें एक बहुत बुजुर्ग पुजारी रहते थे और वो उस छोटे मँदिर के भगवान की मूर्ति का पूजा पाठ करते थे।

दोनों मन्दिर के बीच में एक दीवार थी जो उन दोनों मन्दिर को अलग करती थी।

एक दिन उस बडी मन्दिर में दर्शन करने के लिये कोई बड़ा अदमी आने वाला था और उसको ख़ुश करने के लिये बड़े मन्दिर के पुजारी जी मन्दिर और बगीचे की साफ-सफाई करने में लग गये, 2 दिन कड़ी मेहनत करके उन्होंने मन्दिर और बगीचे की ऐसी सफाई कर दी कि बगीचे में एक सूखा पत्ता भी नहीं पड़ा था।

उस छोटे मन्दिर का बुजुर्ग पुजारी दीवार के उस पार से ये सब बड़े ध्यान से देख रहा था।

मन्दिर और बगीचे कि साफ-सफाई करने के बाद बड़े मन्दिर के पुजारी जी अपनी वाह-वाही सुनने के लिये उस छोटे मन्दिर के पुजारी के पास गये और बोले कि “अभी बगीचा और मन्दिर कितना सुंदर और मनमोहित लग रहा है।”

तो वो बुजुर्ग पुजारी जी ने कहा कि आपने साफ-सफाई तो बड़े अच्छे से की लेकिन उसमें एक चीज कि कमी है जो बगीचे की सुन्दरता को अधूरा बना रहा है।

बड़े मन्दिर के पुजारी ने पूछा कि वो क्या है?

बुजुर्ग पुजारी ने कहा कि आप मुझे दीवार के उस पार खीचो फिर मैं आप को बताता हूँ कि क्या कमी रह गयी है, उन्होंने बुजुर्ग पुजारी को दीवार के उस पार खीँच लिया।

दीवार के उस पार आने के बाद वो बुजुर्ग पुजारी सीधा बगीचे की तरफ चला गया और वहा जाकर सारे पेड़ों को पकड़कर धीरे-धीरे हिला दिया जिससे बगीचे में थोड़े सूखे और हरे पत्ते गिर गये।

बुजुर्ग पुजारी ने कहा कि अब बगीचा बहुत सुंदर लग रहा है।

सीख: आप जैसे भी हो बहुत अच्छे हो (You are Too good)

इस कहनी से हमें ये सीख मिलती है कि आप अपने अंदर चाहे जितना बदलाव ले आयिये लेकिन जो आपकी प्राकृतिक सुंदरता है उससे ज्यादा सुंदर नहीं हो सकता।

दूसरी सीख हमें ये मिलती है कि जब हम कहीं दूसरे जगह पर जाते है तो हम अपने संस्कृति और सभ्यता को भूलकर नयी चीजों को अपनाने लगते हैं। नयी चीजों को अपनाना बुरी बात नहीं है लेकिन अपनी चीजों को भुलाना बुरी बात है।

आशा करता हूँ आपको ये कहानियाँ ( Short Stories with Moral Values in Hindi ) आपको पसंद आयी होगी और आप ने इनसे बहुत कुछ सीखा होगा और अगर आप्को हमरी ये कहानियाँ ( Short Stories with Moral Values in Hindi ) आपको पसंद आयी हैं तो नीचे कमेंट करके हमें जरूर बताये।

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