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HindiMoneycontrol Top Headlines: Digest for May 31, 2022

## भ्रष्टाचार पहले ऊपर होता है फिर नीचे के लोग करते हैं, 1966 के एक सर्वे का दावा
by Hindi.Moneycontrol.com Team on 30 May 2022 07:49 AM UTC+00

सुरेंद्र किशोर

जो दल या नेता सत्ता में होता है, वह कहता है कि भ्रष्टाचार नीचे से ऊपर की ओर जाता है। यानी जैसी प्रजा, वैसी जनता। किंतु जो प्रतिपक्ष में होता है वह ठीक उल्टी बात कहता है। किंतु एक सघन शोध के बाद अमरीकी समाजशास्त्री पॉल आर. ब्रास ने 1966 में ही यह लिख दिया था कि 'भारत में भ्रष्टाचार की शुरुआत आजादी के बाद के सत्ताधारी नेताओं ने ही कर दी थी।' बाद में वह बढ़ता चला गया। उससे पहले ब्रास ने उत्तर प्रदेश में रह कर भ्रष्टाचार की समस्या का गहन अध्ययन किया था।

आज देश में सरकारी -गैर सरकारी भ्रष्टाचारों के अनेकानेक मामलों को देखते हुए यह लगता है कि यदि ब्रास ने अन्य राज्यों में भी अध्ययन किया होता तो वहां भी वह संभवतः उसी नतीजे पर पहुंचता। याद रहे कि इस देश के कई बड़े नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। मुकदमे चलते रहे। सजाएं भी होती रहीं। आज भी विभिन्न पक्षों के राजनीतिक नेतागण अपनी सुविधा के अनुसार भ्रष्टाचार का कारण वही बताते हैं जैसा पहले के नेता बताते रहे हैं।

ब्रास के इस अध्ययन के बाद लिखी गयी अपनी चर्चित किताब 'फैक्सनल पॉलिटिक्स इन एन इंडियन स्टेट: दी कांग्रेस पार्टी इन उत्तर प्रदेश' में वाशिंगटन विश्व विद्यालय के समाजशास्त्र के प्रोफेसर ब्रास ने लिखा कि "कांग्रेसी मंत्रियों द्वारा अपने अनुचरों को आर्थिक लाभ द्वारा पुरस्कृत करना गुटबंदी को स्थायी बनाने का सबसे सबल साधन है।"

अपने शोध कार्य के सिलसिले में ब्रास ने उत्तर प्रदेश के दो सौ कांग्रेसी और गैर कांग्रेसी नेताओं और पत्रकारों से लंबी बातचीत की थी। ध्यान रहे कि आजादी के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों के कांग्रेस संगठनों और सरकारों में गुटबंदी तेज हो गयी थी। अपने विस्तृत अध्ययन के बाद ब्रास ने यह पाया कि "जिलों में अधिकार और पुरस्कार बांटने के महत्वपूर्ण विभाग हैं गृह, शिक्षा, सहकारिता और उद्योग विभाग। मौका मिलने पर होम मिनिस्ट्री के जरिए विरोधी गुट के नेताओं को सबक सिखाया जाता है। अपने लोगों को फायदा देने के लिए शिक्षा विभाग सबसे अधिक सशक्त विभाग है।"

ब्रॉस ने आगे लिखा है, "विश्व विद्यालय और निजी शिक्षण संस्थानों पर शिक्षा मंत्री का नियंत्रण रहता है। उनकी आर्थिक सहायता और सैकड़ों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति उन्हीं की कृपा दृष्टि पर निर्भर करती है। यूपी के हर जिले में अलग-अलग गुट के नेताओं ने अपनी -अपनी शिक्षण संस्थाएं स्थापित कर ली हैं। इस प्रकार उन्हें व्यवस्थापकों और छात्रों का बना -बनाया संगठन मिल जाता है।"

पॉल ने लिखा कि दो विरोधी गुटों के मंत्रियों की हमेशा चेष्टा रहती है कि वह किस प्रकार एक जिले में अपने समर्थकों को मजबूत और अपने प्रतिद्वंद्वियों को कमजोर कर सकें। इस चेष्टा को सफल बनाने के लिए समय-समय पर मंत्रियों के सरकारी दौरे सहायक सिद्ध होते हैं। परिणामस्वरूप कई बार जिलों में प्रशासनिक अधिकारी भी गुटबंदी से ग्रसित हो जाते हैं।इसका प्रशासन तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ता है। पॉल ब्रास का अध्ययन 56 साल पुराना है।
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पर यह बात पुरानी नहीं है कि भ्रष्टाचार के आरोपियों को सजा देने-दिलाने में इस देश में आजादी के बाद से ही शासन का ढीला-ढाला रवैया रहा है। हां, सन 2014 के बाद इस मामले में भी स्थिति बदली जरूर है। किंतु अब भी पूरी तरह नहीं बदली है। नतीजतन हर स्तर के भ्रष्ट लोंगों का मनोबल समय बीतने के साथ बढ़ता चला गया था, साथ ही लूट के माल के आकार-प्रकार में भी बेशुमार वृद्धि होती चली गयी। नतीजतन आज के भी अनेक नेतागण और उनके परिजन अरबों से खेल रहे हैं।

पर, जब कार्रवाई होती है तो वे सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता के मंत्र का जोर -जोर से जाप करने लगते हैं। साथ ही, वे यह भी कहते हैं कि राजनीतिक बदले की भावना से सरकार काम कर रही है। भ्रष्टाचार को विकास में बाधक बताने वाले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 26 मई 2017 को कहा कि "भ्रष्ट लोगों से काला धन हम निकाल के ही रहेंगे।" देखना है कि श्री मोदी अंततः अपना यह वादा किस हद तक पूरा कर पाते हैं ?  हालांकि एक हद तक तो पूरा कर रहे हैं।

कौटिल्य ने 'अर्थशास्त्र' में लिखा है कि 'राजा को कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे जनता में गरीबी, लालच और अनमनापन पैदा हो।लालची लोग स्वेच्छा से दुश्मन की तरफ हो जाते हैं।' भारत के बारे में चीन में यह कहावत है कि 'भारत सरकार अपने बजट के पैसों को एक ऐसे लोटे में रखती है जिसकी पेंदी में अनेक छेद होते हैं।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त 2014 का वह वायदा भी कसौटी पर रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि 'ना खाऊंगा ना किसी को खाने देंगे।' हालांकि इस मामले में उन्हें एक हद तक सफलता जरूर मिली है,पर अभी उनकी सरकार के लिए इस दिशा में बहुत कुछ करना बाकी है। भ्रष्टाचार की जड़ों पर कठोर प्रहार से ही स्थिति बदल सकती है। क्योंकि यह मर्ज पुराना है। ऊपर से दिया हुआ है। जिसने दर्द दिया ,वही तो दवा देगा ! याद रहे कि ऊपर का मतलब हमेशा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होता।

#politics

## Trade setup for today:बाजार खुलने के पहले इन आंकड़ों पर डालें एक नजर, मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में होगी आसानी
by Hindi.Moneycontrol.com Team on 30 May 2022 08:01 AM UTC+00

जून सिरीज के पहले दिन 27 मई 2022 को अच्छे ग्लोबल संकेतों के दम पर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी देखने को मिली थी। पिछले कारोबारी दिन बाजार 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर बंद हुआ था। मेटल को छोड़कर सभी सेक्टरों में तेजी देखने को मिली थी। आईटी 2.5 फीसदी की बढञत के साथ टॉप गेनर रहा था।

BSE Sensex 632 अंकों की बढ़त के साथ 54885 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, Nifty 50 इंडेक्स 182 अंकों की बढ़त के साथ 16353 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी ने शुक्रवार को एक बुलिश कैंडल बनाया था जो डाली चार्ट पर हैंगिंग मैन पैटर्न (Hanging Man pattern) जैसा दिखता है।

27 मई यानी शुक्रवार को दिग्गजों के साथ ही छोटे-मझोले शेयरों में भी तेजी देखने को मिली थी। निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों ही 1.4 फीसदी की बढॉत लेकर बंद हुए थे। बाजार का ब्रेड्थ भी पॉजिटिव रहा था। NSE पर एक गिरने वाले शेयर पर करीब तीन बढ़ने वाले शेयर देखने को मिले थे।

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बाजार में वोलैटिलिटी भी कम होती नजर आई थी। वौलैटिलिटी इंडेक्स India VIX (इंडिया विक्स) 5.44 फीसदी की गिरावट के साथ 21.48 पर आता नजर आया था। इससे से भी बाजार का सेंटिमेंट अच्छा हुआ है।

आज कैसी रह सकती है बाजार की चाल

HDFC Securities के दीपक जसानी का कहना है कि पिछले 2 कारोबारी दिनों से बाजार सेंटीमेंट में सुधार देखने को मिल रहा है। अब अगर निफ्टी 16,414 के ऊपर जाता है तो फिर इसमें16,624 का पहला लक्ष्य और फिर इसके बाद 16,825 का दूसरा लक्ष्य देखने को मिल सकता है। नीचे की तरफ निफ्टी के लिए 16,006 पर सपोर्ट नजर आ रहा है।

LKP Securities के रुपक डे का कहना है कि आगे निफ्टी अगर 16,400 को पार करता है तो यह रैली हमें 16,700-16,800 की तरफ जाती नजर आ सकती है। नीचे की तरफ निफ्टी के लिए 16,200/16,000 पर सपोर्ट नजर आ रहा है।

यहां आपको कुछ ऐसे आंकड़े दे रहे हैं जिनके आधार पर आपको मुनाफे वाले सौदे पकड़ने में आसानी होगी। यहां इस बात का ध्यान रखें कि इस स्टोरी में दिए गए ओपन इंटरेस्ट (OI)और स्टॉक्स के वॉल्यूम से संबंधित आंकड़े तीन महीनों के आंकड़ों का योग हैं, ये सिर्फ चालू महीनें से संबंधित नहीं हैं।

MOFSL के चंदन तपड़िया का कहना है कि निफ्टी पहले से ही 15,735 के स्तर पर मल्टिपल सपोर्ट ले चुका है। 16,666 के जोन में मजबूत सप्लाई होने के बावजूद बेस में मजबूती आ रही है। बाजार को पूरे सेटअप को देखने से लगता है कि अब निफ्टी 16400 और उसके बाद 16,666 की तरफ जाता नजर आ सकता है।

बैंक निफ्टी से भी कंसोलिडेशन ब्रेकआउट के बाद अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। अगर बैंक निफ्टी 34,750 के जोन में टिके रहने में कामयाब रहता है तो यह हमें 36,000-36,500 की तरफ जाता नजर आ सकता है।

Nifty के लिए की सपोर्ट और रजिस्टेंस लेवल

निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 16259 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 16166 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 16408 फिर 16464 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।

Nifty Bank

निफ्टी बैंक के लिए पहला सपोर्ट 35372 और उसके बाद दूसरा सपोर्ट 35130 पर स्थित है। अगर इंडेक्स ऊपर की तरफ रुख करता है तो 35775 फिर 35936 पर इसको रजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।

कॉल ऑप्शन डेटा

17000 की स्ट्राइक पर 22.95 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो जून सीरीज में अहम रजिस्टेंस लेवल का काम करेगा। इसके बाद 17500 पर सबसे ज्यादा 16.37 लाख कॉन्ट्रैक्ट का कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है। वहीं, 16000 की स्ट्राइक पर 13.36 लाख कॉन्ट्रैक्ट का कॉल ओपन इंटरेस्ट है।

16300 की स्ट्राइक पर काल राइटिंग देखने को मिली। इस स्ट्राइक पर 3.04 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े। उसके बाद 17000 पर भी 2.09 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़ते दिखे हैं।

16000 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 16500 और फिर 16100 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग रही।

पुट ऑप्शन डेटा

15500 की स्ट्राइक पर 31.67 लाख कॉन्ट्रैक्ट का अधिकतम पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है जो जून सीरीज में अहम सपोर्ट लेवल का काम करेगा। इसके बाद 16000 पर सबसे ज्यादा 30.09 लाख कॉन्ट्रैक्ट का पुट ओपन इंटरेस्ट देखने को मिल रहा है। वहीं, 15000 की स्ट्राइक पर 25.11 लाख कॉन्ट्रैक्ट का पुट ओपन इंटरेस्ट है।

16300 की स्ट्राइक पर पुट राइटिंग देखने को मिली। इस स्ट्राइक पर 3.24 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े। उसके बाद 15100 पर भी 1.9 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़ते दिखे हैं। जबकि 16200 पर 1.82 लाख कॉन्ट्रैक्ट जुड़े हैं।

16500 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 16800 और फिर 17400 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग रही।

हाई डिलिवरी परसेंटेज वाले शेयर

इनमें HDFC Bank,Voltas,TCS, Power Grid Corporation of India और Ipca Laboratories के नाम शामिल हैं। हाई डिलिवारी परसेंटेज इस बात का संकेत होता है कि निवेशक उन शेयरों में रुचि दिखा रहे हैं।

FII और DII आंकड़े

27 मई को भारतीय बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1943.10 करोड़ रुपए की बिकवाली की। वहीं, इस दिन घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2727.47 करोड़ रुपए की खरीदारी की।

NSE पर F&O बैन में आने वाले शेयर

30 मई को NSE पर कोई स्टॉक F&O बैन में नहीं हैं। बताते चलें कि F&O सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स को उस स्थिति में बैन कैटेगरी में डाल दिया जाता है, जिसमें सिक्योरिटीज की पोजीशन उनकी मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट से ज्यादा हो जाती है।

101 स्टॉक्स में दिखा लॉन्ग बिल्ड-अप

ओपन इंटरेस्ट में बढ़त के साथ ही कीमतों में भी होने वाली बढ़त से आमतौर पर लॉन्ग पोजीशन बनने का अंदाजा लगाया जाता है। ओपन इंटरेस्ट फ्यूचर परसेंटेंज के आधार पर कल के कारोबार में 101 शेयरों में लॉन्ग बिल्ड-अप देखने को मिला। इनमें Nifty Financial, Chambal Fertilizers, ABB India, Ramco Cements और Metropolis Healthcare के नाम शामिल हैं।

4 स्टॉक्स में दिखी लॉन्ग अनवाइंडिंग

ओपन इंटरेस्ट में गिरावट के साथ ही कीमतों में भी होने वाली गिरावट से आमतौर पर लॉन्ग अनवाइंडिंग का अंदाजा लगाया जाता है। ओपन इंटरेस्ट फ्यूचर परसेंटेंज के आधार पर कल के कारोबार में जिन 4 शेयरों में सबसे ज्यादा लॉन्ग लॉन्ग अनवाइंडिंग देखने के मिली उनमें Vedanta, NMDC, City Union Bank और Tata Steel के नाम शामिल हैं।

39 स्टॉक्स में दिखा शॉर्ट बिल्ड-अप

ओपन इंटरेस्ट में बढ़त के साथ ही कीमतों में भी होने वाली गिरावट से आमतौर पर शॉर्ट बिल्ड-अप का अंदाजा लगाया जाता है। ओपन इंटरेस्ट फ्यूचर परसेंटेंज के आधार पर कल के कारोबार में जिन 10 शेयरों में सबसे ज्यादा शॉर्ट बिल्ड-अप देखने को मिला उनमें Cummins India, Ipca Laboratories, Piramal Enterprises, Muthoot Finance और Polycab India के नाम शामिल हैं।

56 स्टॉक्स में दिखी शॉर्ट कवरिंग

ओपन इंटरेस्ट में गिरावट के साथ ही कीमतों में होने वाली बढ़त से आमतौर पर शॉर्ट कवरिंग का अंदाजा लगाया जाता है। ओपन इंटरेस्ट फ्यूचर परसेंटेंज के आधार पर कल के कारोबार में जिन 10 शेयरों में सबसे ज्यादा शॉर्ट कवरिंग देखने को मिली उनमें Atul, Container Corporation of India,Apollo Hospitals Enterprises,Balrampur Chini Mills, और Alkem Laboratories के नाम शामिल हैं।

आज आने वाले नतीजे

आज यानी 27 मई को Life Insurance Corporation of India, Jubilant Foodworks, Sun Pharma, Aurobindo Pharma, Campus Activewear, IRCTC, Coffe Day Enterprises, LT Foods (Daawat), Dilip Buildcon, DCM Shriram Industries, Delhivery, Dhampur Sugar, Dhani Services, Dish TV, Dixon Technologies, Dredging Corporation of India, Eureka Forbes, Jindal Steel & Power, Lux Industries, Mazagon Dock Shipbuilders, Mawana Sugar, Mcleod Russel, Medplus Health, Natco Pharma, Prudent Corporate Advisory Services, Radico Khaitan, Stove Kraft और Wockhardt के मार्च तिमाही के नतीजे आएंगे।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

#markets

## Omicron के दो नए सब वेरिएंट से भारत को कितना है खतरा? BA.4 और BA.5 पर रखनी होगी पैनी नजर
by Hindi.Moneycontrol.com Team on 30 May 2022 08:16 AM UTC+00

पूरी दुनिया में कोरोना का संकट फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। कोरोना के ओमीक्रोन और इसके सब-वेरिएंट्स के चलके दुनिया भर में संक्रमण के मामलों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। भारत में भी यह वेरिएंट बड़ी समस्याओं का कारण बना हुआ है। देश में ओमीक्रोन के सब वेरिएंट BA.4 और BA.5 के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इस नए वेरिएंट के मामले कुछ ही राज्यों में आए हैं। लेकिन इसके फैलने का खतरा बना हुआ है। जितने केस अभी तक सामने आए हैं, उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है।

BA.4 और BA.5 से नहीं है खतरा

एक्पर्ट्स का कहना है कि ओमीक्रोन के दो नए सब वेरिएंट BA.4 और BA.5 से देश को कोई खतरा नहीं है। लेकिन संक्रमित मरीजों पर लक्षण रखना बेहद जरूरी है। इन वेरिएंट से संक्रमित होने पर कई मरीजों पर अलग-अलग लक्षण सामने आए हैं। ऐसे में इसके प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। ओमीक्रोन के इन नए वेरिएंट्स को लेकर सर्विलांस बढ़ा दिया गया है। जिन इलाकों में संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं, वहां कॉन्टेट ट्रेसिंग (Contact Tracing) बढ़ा दी गई है। संक्रमित मरीजों की पहचान करके उनकी जांच की जा रही है। बुजुर्ग और पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है।
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वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं है BA.5

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमीक्रोन के सब वेरिएंट BA.5 को वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं माना है। WHO का कहना है कि इस वेरिएंट के लक्षण गंभीर नहीं हैं। इतना ही नहीं पिछले वेरिएंट की तरह ये संक्रामक भी नहीं हैं, लेकिन अलग-अलगद इलाकों में इसके मरीजों पर निगरानी रखने की जरूरत है।

BA.5 के लक्षण

BA.5 संक्रमित होने पर बुखार आना, सिर दर्द, उल्टी और पेट दर्द, गले में खराश, खांशी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।

म्यूटेट हो रहा है वायरस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी मौजूद है। वैक्सीनेशन भी तेजी से हो रहा है। ऐसे में इन वेरिएंट से खतरा नहीं होगा। लेकिन वायरस म्यूटेट हो रहा है और नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। अगर हॉस्पिटलाइजेशन नहीं बढ़ रहा है तो इसका मतलब है कि खतरे की कोई बात नहीं है।

#india

## Share Market Live Update- सेंसेक्स 800 अंक से ज्यादा भागा, निफ्टी 16500 के निकला पार, हरे निशान में सभी सेक्टर
by Hindi.Moneycontrol.com Team on 30 May 2022 08:19 AM UTC+00

Share  Market Live Update- 

Market at Pre-Open- प्री -ओपनिंग सेशन में बाजार में शानदार बढ़त  देखने को मिल रही है। प्री-ओपनिंग में सेंसेक्स ने 500 अंको



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