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कार्तिक पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि, Kartik Purnima Katha Mahatva Puja Vidhi In Hindi

Kartik Purnima, Poornima Katha Mahatva Puja Vidhi In Hindi, Dev Deepawali in Varanasi: हिंदू धर्म के परम्परा में हर महीना का अपना अलग ही महत्‍व होता है, कार्तिक महिना एक ऐसा महिना होता है जिसमे बहुत पर्व मनाया जाता है। कार्तिक महीने का शुरुवात शरद पूर्णिमा से होता है और कार्तिक पूर्णिमा तक मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार कार्तिक महीने में सूर्य के उदय होने से स्नान करने का बहुत महत्‍व और इसका फल मिलता है।

इस साल पुरे देश में 4 नवंबर 2017 को कार्तिक पूर्ण‍िमा मनाया जायेगा। इस दिन अगर आप गंगा स्‍नान करते है तो आपको विशेष फल की प्राप्ति होगा। इस दिन को स्नान करने से आपकी सभी कष्ट दूर हो जायेंगे। दिवाली के 15 दिन बाद यानि कार्तिक पूर्णिमा को देव दिपावली पुरे देश में मनाई जाती है। इस पर्व का उत्सव और आनंद उतर प्रदेश के शहर वाराणसी में आता है।

क्यों मनाई जाती है देव दीपावली ? Why We Celebrate Dev Deepawali Varanasi in Hindi

देव दीपावली क्यों मनाई जाती है इसका उल्लेख पौराणिक कथाओं में हुआ है। कहा जाता है की  त्रिपुरासुर नाम का एक राक्षस देवताओं को परेशान कर दिया था। राक्षस से मुक्ति पाने के लिए एक दिन सभी देवता भगवान शिव के पहुच गए और कहा की प्रभु आप ही इस दुष्ट राक्षस से मुक्ति दिला सकते है।

भगवान शिव ने देवताओं की प्रार्थना पर सभी को परेशान करने वाले राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। त्रिपुरासुर का वध होने पर सभी देवता बहुत खुश हुए और उस दिन दीपावली मनाई, जिसे आगे चलकर देव दीपावली के रूप में जाना जाता है।

Kartik Purnima Vrat Katha Mahatva in Hindi

नारद पुराण के अनुसार ऐसा कहा गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार धारण किया था। इस भगवान कार्तिकेय की विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए। कार्तिक के महीने में गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व मना जाता है। कार्तिक महीने के दौरान गंगा में स्नान करने की शुरुआत शरद पूर्णिमा से हो जाती है और जो कार्तिक पूर्णिमा पर खत्‍म होती है। इस दौरान हरिद्वार और वाराणसी के  गंगा जी में भारी भीड़ देखने को मिलती है।

कार्तिक पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि Kartik Purnima Vrat Puja Vidhi In Hindi



कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्य उदय होने से पहले सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करे और भगवान् विष्णु का ध्यान करें. इस दिन पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 3 नवंबर 13:46 से 4 नवंबर 2017 10.52 मिनट तक है। इस दिन व्रत रखने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्ण‍िमा के दिन जो व्यक्ति व्रत रखता हैं उसे इस दिन नमक का इस्तेमाल बिलकुल भी नही करना चाहिए। व्रत करने वाले इस दिन ब्राह्मणों को दान करें।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप अपने घरों में हवन, यज्ञ पूजा आदि करा सकते है। इसदिन कुछ लोग गंगा स्नान के लिए जाते हैं। ऐसा मना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से आपकी सभी मनिकमना पूरी हो जाती है और आपका फल दोगुना हो जाता है।

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