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महेंद्र सिंह धोनी जीवनी

MS Dhoni

भारत में क्रिकेट कितना लोकप्रिय है ये बात सभी जानते है। और पिछले एक दशक में जिस क्रिकेटर को भारत सहित दुनियाभर से सबसे ज्यादा प्यार मिला वो है महेंद्र सिंह धोनी। आज महेंद्र सिंह धोनी – Mahendra Singh Dhoni को अच्छे किक्रेटर के रूप में कौन नहीं जानता है।

वे एम एस धोनी – MS Dhoni के नाम से मशहूर हैं उन्होनें क्रिकेट जगत में भारत का नाम रोशन किया है। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान है। और मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट टीम में एक खिलाड़ी के तौर पर सक्रिय है। छोटे से शहर से निकलकर एक महान क्रिकेटर का खिताब जीतने वाले एमएस धोनी ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया और काफी संघर्षों के बाद आज वे इस मुकाम पर पहुंचे और दुनिया के सामने उन्होनें अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

महेंद्र सिंह धोनी को उनके फैंस उनके खेल के साथ साथ उनके व्यवहार की वजह से भी बहुत पसंद करते है शायद यही वजह है कि 37 साल के धोनी आज भी जब मैदान पर उतरते है तो पूरा स्टेडियम खड़ा होकर धोनी – धोनी से उनका उत्साह बढ़ाने लगता है।

महेंद्र सिंह धोनी जीवनी – MS Dhoni Biography in Hindi

महेंद्र सिंह धोनी की जानकारी एक नज़र में – MS Dhoni Information in Hindi

पूरा नाम (Name) महेन्द्र सिंह धोनी
जन्म (Born) 7 जुलाई 1981
जन्मस्थान (Birthplace) रांची, बिहार, भारत
उपनाम (Nickname) माही
ऊंचाई (Height) 5 फीट 9 इंच (1.75 मीटर)
पिता (Father) पान सिंह
माता (Mother) देवकी देवी
जीवनसाथी (Wife) साक्षी धोनी
बच्चे (Children) जीवा


महेंद्र सिंह धोनी की जीवन की कहानी – MS Dhoni History in Hindi

शुरुआत में महेंद्र सिंह धोनी – MS Dhoni के लिए ये सफर इतना आसान नहीं था लेकिन उनके क्रिक्रेट के प्रति सच्ची भावना और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होनें ये सफलता हासिल की है और आज वे भारत के दिग्गज क्रिक्रेटरों की लिस्ट में शामिल हो गए यहां तक की भारतीय क्रिक्रेट टीम में उन्होनें अपनी कप्तानी से कई लोगों का दिल जीत लिया और टीम को अच्छा गाइडेंस भी दिया।

आपको बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी – Mahendra Singh Dhoni ने अपने स्कूल टाइम से क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था लेकिन इंडियन टीम का हिस्सा बनने में उन्हें कई साल लग गए। लेकिन जब महेंद्र सिंह धोनी को हमारे देश की तरफ से खेलने का मौका मिला, तो इन्होनें इस मौके का बखूबी इस्तेमाल किया और धीरे-धीरे खुद को क्रिकेट की दुनिया में स्थापित कर लिया।

यही नहीं महेंद्र सिंह धोनी – MS Dhoni की गिनती अब भारत के सर्वश्रेष्ठ किक्रेटरों में की जाती है जिन्होनें सीमित ओवरों में भी भारतीय टीम की अच्छा नेतृत्व किया। महेंद्र सिंह धोनी ने 11 सितंबर 2007 से 4 जनवरी 2017 तक भारतीय क्रिक्रेट टीम में कप्तानी निभाई और 2008 से 28 दिसंबर 2014 तक टेस्ट क्रिक्रेट टीम में कप्तान रहे।

साहसी और रोमांचक व्यवहार और यूनीक हेयरस्टाइल वाले महेंद्र सिंह धोनी भारत के एक लोकप्रिय क्रिकेटर और मार्केटिंग आइकन भी बन चुके हैं।

महेंद्र सिंह धोनी – Mahendra Singh Dhoni  एक सफल आक्रामक दाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर हैं जिन्हें अपनी प्रतिभा पर थोड़ा भी घमंड नहीं हैं इसलिए वे भारत में चहेते क्रिकेटर भी हैं।

महेंद्र सिंह धोनी उन कप्तानों में से एक हैं जिन्होनें जूनियर और इंडिया ए क्रिकेट टीमों के रैंकिंग में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। मिस्टर धोनी एक रोल-मॉडल और पिन-अप स्टार भी हैं।

एमएस धोनी ने भारतीय ओडीआई टीम को साल 2011 में दूसरी विश्व कप जीताने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसकी वजह से उन्हें काफी तारीफ भी मिली थी और वे भारत के सबसे अच्छे खिलाड़ी बन गए।

Mahendra Singh Dhoni – महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर, 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय ओडीआई टीम के लिए अपना पहला मैच खेला इसके बाद उन्होनें साल 2007 से 2016 तक भारतीय ओडीआई टीम के लिए कप्तानी निभाई और अपनी कप्तानी से अपनी प्रतिभा को साबित किया।

भारतीय क्रिक्रेटर महेंद्र सिंह धोनीने 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट प्लेयर के रूप में पहला मैच खेला था और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में टीम का नेतृत्व किया। महेन्द्र सिंह अपनी आक्रामक खेल शैली के लिए जाना जाता है।

महेंद्र सिंह धोनी भारत के सफल कप्तानों में से एक जिन्होनें टीम का अच्छा नेतृत्व किया और कई मैच जीतने में सफलता दिलवाई। इसके साथ ही उनकी कप्तानी के भी कई रिकॉर्ड भी हैं। उनकी कप्तानी की खास बात यह रही कि 2009 में भारतीय टीम उनकी कुशल कप्तानी में नंबर एक टीम बन गई।

2007 आईसीसी वर्ल्ड 20- 20 और 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के दौरान भी महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय किक्रेट टीम का नेतृत्व किया था। आईपीएल मैच में भी उनकी उपलब्धियां अक्सर अपने अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड से ढकी हुई हैं, उन्होंने अपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की मदद से 2010 और 2011 में दो बार आईपीएल जीता।

महेंद्र सिंह धोनी का बचपन और शुरुआती जीवन – MS Dhoni Information

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची, बिहार (जो कि अब झारखंड में शामिल हो गया है) में हुआ था, वे मूल रूप से उत्तराखंड के राजपूत परिवार के थे। उनके पिता, पान सिंह, मेकॉन (स्टील मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) के रिटायर्ड कर्मचारी हैं, उन्होंने जूनियर प्रबंधन पदों में भी काम किया है। उनकी मां देवकी देवी एक हाउस वाइफ हैं।

महेंद्र सिंह धोनी के एक बड़े भाई नरेंद्र सिंह धोनी और एक बड़ी बहन जयंती गुप्ता हैं। उनके भाई एक राजनेता है, जबकि उनकी बहन एक अंग्रेजी शिक्षक है।

उन्होंने झारखंड के रांची में श्यामाली में स्थित डीएवी जवाहर विद्या मंदिर स्कूल से अपनी पढ़ाई की। वे एक एथलेटिक छात्र थे, लेकिन शुरुआत में बैडमिंटन और फुटबॉल के खेल में उनकी ज्यादा रूचि थी। वह अपनी स्कूली फुटबॉल टीम के अच्छे गोलकीपर भी थे।

यह अच्छा  मौका था जब उनके फुटबॉल कोच ने उन्हें स्थानीय क्लब की क्रिकेट टीम के विकेटकीपर के रूप में भेजा दिया। महेंद्र सिंह धोनी ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ सबको आर्कषित किया और 1995 से 1998 के दौरान कमांडो क्रिकेट क्लब टीम में नियमित विकेटकीपर के रूप में स्थायी स्थान हासिल किया।

महेंद्र सिंह धोनी शुरुआत से ही बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे और 1 997-98 के दौरान उन्हें  विनो मांकड ट्रॉफी अंडर -16 चैम्पियनशिप टीम के लिए चुना गया। उन्होंने 10 वीं क्लास के बाद ही क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरु कर दिया था।

लेकिन क्रिकेट के लिए इस दिग्गज क्रिक्रेटर को अपनी पढ़ाई से समझौता करना पड़ा था इसलिए उन्होनें 12 वीं के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी।

महेन्द्र सिंह का शुरुआती करियर – MS Dhoni Career

1998 में भारत के महान किक्रेटर सिर्फ स्कूल और क्लब स्तर क्रिकेट में ही खेल रहे थे तभी उन्हें केन्द्रीय कोयला फील्ड लिमिटेड टीम में खेलने के लिए चुना गया। इस दौरान उन्होनें बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रपति देवल सहाय को अपनी सच्चे दृढ़संकल्प, मेहनत और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से बेहद प्रभावित किया। जिसके बाद उन्होनें प्रथम श्रेणी क्रिक्रेट में खेलने के मौके दिए।

1998-99 सीज़न के दौरान, वह इसे पूर्वी जोन यू -19 टीम या बाकी भारतीय टीम बनाने में नाकाम रहे, लेकिन अगले सीजन में उन्हें सीके नायडू ट्रॉफी के लिए पूर्वी जोन यू -19 टीम के लिए चुना गया था।

दुर्भाग्य से इस बार धोनी – MS Dhoni की टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई नतीजतन उनकी टीम नीचले स्तर पर आ गई।

रणजी ट्रॉफी की शुरुआत – MS Dhoni Ranji Career

महेंद्र सिंह धोनीने 1999 -2000 सीज़न के दौरान उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने का अवसर मिला। यह रणजी ट्रॉफी मैच बिहार की तरफ से असम क्रिक्रेट टीम के खिलाफ खेला गया था। इस मैच की दूसरी पारी ने महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 68 रन बनाये।

उन्होनें अगली सीजन में बंगाल के खिलाफ मैच खेला था जिसमें उन्होनें शतक मारा था लेकिन फिर भी उनकी टीम ये मैच हार गई थी। आपको बता दें कि इस ट्रॉफी के इस सत्र में इन्होनें कुल 5 मैचों में 283 रन बनाए थे। इस ट्रॉफी के बाद धोनी ने अन्य और घरेलू मैच भी खेले थे।

धोनी के बेहतरीन प्रदर्शन के बाबजूद भी  इनका चयन ईस्ट जॉन सेलेक्टर की तरफ से नहीं किया गया था जिसकी वजह से धोनी ने खेल से दूरी बना ली और नौकरी करने का फैसला लिया।

20 साल की उम्र में, उन्हें खेल कोटा के माध्यम से खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेवलिंग टिकट परीक्षक (टीटीई) के पद पर नौकरी मिल गई और वे पश्चिम बंगाल के मिदनापुर चले गए।

उन्होंने 2001 से 2003 तक रेलवे कर्मचारी के रूप में काम किया। क्योंकि धोनी का मन तो बचपन से ही खेलों में था इसलिए वे ज्यादा दिन तक नौकरी नहीं कर सके।

दुलीप ट्रॉफी में चयन के बाद भी नहीं खेल सके मैच:

साल 2001 में  महेंद्र सिंह धोनी का पूर्वी क्षेत्र के लिए दुलीप ट्रॉफी खेलने के लिए चयन हुआ। लेकिन इसकी जानकारी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन धोनी को समय पर नहीं दे सका क्योंकि वह उस समय पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में थे।

धोनी को इस ट्रॉफी की जानकारी तब हुई जब उनकी टीम पहले ही अगरताला पहुंची चुकी थी ये मैच अगरताला में ही खेला जाना था। हालांकि महेंद्र सिंह धोनी के एक दोस्त ने कोलकाता एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने के लिए एक कार का इंतजाम करवाया लेकिन आधे रास्तें में ही कार खराब हो गई। जिसके बाद इस मैच ने दीपदास गुप्ता ने विकेटकीपर बनकर मैच खेला।

देवधर ट्रॉफी टूर्नामेंट – MS Dhoni Deodhar Trophy Career

साल 2002-03 के सत्र के दौरान, महेंद्र सिंह धोनी ने रणजी ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा, जिससे उन्हें क्रिकेट के क्षेत्र में पहचान मिली। आपको बता दें कि 2003 में जमशेदपुर में प्रतिभा संसाधन विकास विंग के हुए मैच में खेलते हुए महेंद्र सिंह धोनी को पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार ने देखा ता जिसके बाद उन्होनें धोनी के खेल की जानकारी राष्ट्रीय किक्रेट अकादमी को दी और इस तरह धोनी का चयन बिहार अंडर-19 टीम में हो गया था।

पूर्वी जोन टीम की तरफ से, उन्होंने 2003-2004 सीजन में देवधर ट्रॉफी के टूर्नामेंट में भी हिस्सा लिया था और धोनी पूर्वी जोन टीम का हिस्सा थे। इस दौरान धोनी ने ये मैच जीता और देवधर ट्रॉफी अपने नाम की।

इस मैच में उन्होंने एक और शतक बनाया। इस सीजन में धोनी ने कुल 4 मैच खेले थे जिसमें उन्होनें 244 रन बनाए थे।

2003-04 सीजन के दौरान उन्हें जिम्बाब्वे और केन्या के दौरे के लिए ‘इंडिया ए टीम’ के लिए चुना गया था। इंडिया ए टीम’ की तरफ से धोनी ने पहला मैच जिम्बाब्वे इलेवन के खिलाफ विकेट कीपर के तौर पर पर खेला और मैच के दौरान 7 कैच लगाए और स्टंपिंग की।

महेन्द्र सिंह धोनी ने अपनी टीम की ‘पाकिस्तान ए’ टीम बैक टू बैक हराने में भी मद्द की। जिसमें धोनी ने अर्धशतक बनाया। इस तरह महेंद्र सिंह धोनी ने तीन देशों के साथ खेले गए मैच में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया जिनकी प्रतिभा को भारतीय राष्ट्रीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने भी नोटिस किया।

महेंद्र सिंह धोनीका वन डे मैच में करियर – MS Dhoni One Day Career

लगातार अपने बेहतरीन प्रदर्शन से प्रभावित करने के बाद साल 2004-2005 में महेंद्र सिंह धोनी का चयन राष्ट्रीय वन डे मैच में हुआ। महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला वन डे मैच बांग्लादेश टीम के खिलाफ खेला था। लेकिन अपने पहले पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और महज जीरो पर ही आउट हो गए।

लेकिन खराब प्रदर्शन के बाबजूद भी महेंद्र सिंह धोनी – MS Dhoni की किस्मत के सितारों ने उनका साथ दिया यही वजह थी की चयनकर्ताओं ने उनका चयन पाकिस्तान के साथ खेले जाने वाले अगले वन डे मैच सीरीज के लिए कर उन पर भरोसा जताया।

इस बार धोनी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से निराश नहीं होने दिया और इस मैच ने उन्होनें पूरे जोश और जज्बे के साथ पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया। इसके साथ ही वे इस मैच में 148 रन बनाकर पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज भी बन गए। इस तरह उन्होनें अपनी बल्लेबाजी से अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाज का रिकॉर्ड बनाया।

महेंद्र सिंह धोनीने इंडिया-श्रीलंका की द्धिपक्षीय श्रंखला (बाईलेटरल) के पहले दो मैचों में बल्लेबाजी करने के पर्याप्त मौके नहीं मिले फिर भी उन्हें इस सीरीज के तीसरे मैच में बल्लेबाजी के लिए आगे किया गया।

और उन्होनें इस मौके को बखूबी इस्तेमाल किया और शानदार प्रदर्शन किया। धोनी ने इस मैच में 299 लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 145 गेंदों में नाबाद 183 रन बनाए। इसी के साथ उन्होनें इस सीरीज के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और उनके जोरदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी बनाया गया।

2005-06 में भारत-पाकिस्तान की वन डे सीरीज में एमएस धोनी ने सीरीज के 4-5 मैचों में 68 रन, 72 रनों पर नॉट आउट (नाबाद), 2 रन (नॉट आउट), 77 (नॉट आउट) रन बनाए और अपनी टीम की 4-1 सीरीज से जीत हासिल करवाने में मद्द की।

अपने शानदार प्रदर्शन से धोनी, 20 अप्रैल 2006 को रिंकी पोंटिंग को डीथ्रोन करते हुए आईसीसी ओडीआई रैंकिंग के शीर्ष तक पहुंचे।

2007 क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट से पहले वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ की दो सीरीज में, धोनी ने 100 ओवर के औसत के साथ शानदार प्रदर्शन दिखाया। हालांकि, मिस्टर धोनी विश्व कप के दौरान प्रदर्शन करने में नाकाम रहे और भारतीय टीम, इस टूर्नामेंट हिस्सा नहीं ले सकी।

2007 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ दो सीरीज के लिए महेंद्र सिंह धोनी को वन डे मैच में  के उपाध्यक्ष वाइस कैप्टन अर्थात उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम का आईसीसी विश्व ट्वेंटी -20 ट्रॉफी में भी नेतृत्व किया और पाकिस्तानी टीम को हराकर ट्रॉफी जीती।

20 – 20 में अपनी सफल कप्तानी के बाद, महेंद्र सिंह धोनी को सितंबर 2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वन जे सीरीज में भारतीय टीम के नेतृत्व करने की जिम्मेंदारी सौंपी गई। बाद में महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में विश्वकप जीतने के लिए भारत का नेतृत्व किया जिसके लिए उन्हें क्रिकेट के कई दिग्गजों समेत अपने टीममेट मास्टर ब्लास्टर और महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से भी सराहना मिली।

2009 के मैच के दौरान, भारतीय दिग्गज क्रिकेटर एमएस धोनी ने 24 पारियों में 1198 और 30 पारियों में रिकी पोंटिंग के स्कोर के बराबर रन बनाए। इसके साथ ही वे 2009 में कई महीनों के लिए आईसीसी ओडीआई बल्लेबाज रैंकिंग के शीर्ष पर भी रहे।

महेंद्र सिंह धोनीने 2011 के विश्व कप में भारत की जीत का नेतृत्व किया। श्रीलंका के खिलाफ आखिरी मैच में, उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में खुद को बढ़ावा दिया और 91 रनों में नॉट आउट वाला  एक मैच खेला।

2013 में, महेन्द्र सिंह धोनी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के लिए भारत का नेतृत्व किया और आईसीसी ट्रॉफी, यानी टेस्ट मैस, ओडीआई विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान भी बने।

वन डे मैच में धोनी का शानदार प्रदर्शन

  • धोनी द्धारा खेले गए वन डे मैच – 318
  • कुल खेंली गईं इनिंग – 272
  • वन डे मैच में बनाए गए कुल रन – 9967
  • वन डे मैच में लगा

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