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दुनिया के सबसे तेज धावक “उसैन बोल्ट” | Usain Bolt Biography

यक़ीनन दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली एथलिट, उसैन सेंट लियो बोल्ट – Usain Bolt ने 2016 के रिओ ओलिंपिक में ‘ट्रिपल ट्रिपल’ गोल्ड मैडल जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने लगातार तीन ओलंपिक्स में तीन गोल्ड मैडल जीते है। अपनी इसी जीत को उन्होंने 2012 के लन्दन ओलिंपिक खेलो में भी बरक़रार रखा और गोल्ड मैडल जीतकर अपना नाम विश्व इतिहास की किताब में दुनिया के सबसे तेज धावक के रूप में दर्ज किया।

अपने 30 वे जन्मदिन के एक दिन पहले ही 2016 के रिओ ओलिंपिक खेलो में उन्होंने गोल्ड मैडल जीतकर अपनी जीत का तिहरा पूरा किया और विश्व के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले खिलाडी भी बने।

दुनिया के सबसे तेज धावक “उसैन बोल्ट” – Usain Bolt Biography

14 साल की उम्र में ही पश्चिम जमैका की स्थानिक चैंपियनशिप में अपनी दौड़ने की गति देखकर उनकी आँखे खुल गयी थी। उसैन बोल्ट शिखर के चढ़ाई की शुरुवात जब उन्होंने शालेय स्पर्धाओ में भाग लेकर मैडल जीता था तभी हो चुकी थी और इसके बाद उन्होंने लंबी कूद में भी भाग लेना शुरू किया और लंबी कूद में उन्होंने अपनी स्कूल के लिए ब्रोंज मैडल भी जीता है।

अपने साथियों की तुलना में लगातार आगे बढ़ते रहने के बाद बोल्ट लंबी कूद में काफी मैडल जीतने लगे और कहा जाता है की क्रिकेट खेलते समय भी वे एक तेज गति के गेंदबाज की भूमिका निभाते थे।

2001 से बोल्ट ने दौड़ में अपने नाम का विश्व रिकॉर्ड बनाने की ठान ही ली और 2002 में उन्होंने कैथरीन हॉल में आयोजित वेस्टर्न चैंप्स फाइनल में 200 मीटर की दौड़ को 20.3 सेकंड हात में रहते हुए जीत ली।

इसके बाद वे बहमास और नासाउ में आयोजित खेलो में चार गोल्ड मैडल जीतने से पहले वे CARIFTA ट्रायल्स में 200/400 मीटर डबल्स जीतने के लिए निकल पड़े।

2004 में बरमूडा के हैमिलटन में CARIFTA खेलो में 200 मीटर की दौड़ को 19.93 सेकंड में पूरा कर उन्होंने वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड तोडा। लेकिन इसके बाद घुटने के चोट की वजह से बोल्ट के दौड़ने की तेजी कम हो चुकी थी। फिर भी फ़िनलैंड में 2005 में IAAF वर्ल्ड टी & एफ चैंपियनशिप में उन्होंने हिस्सा लिया ठण्डे मौसम और चोट की वजह से वहाँ वे अच्छा प्रदर्शन नही कर पाए।

इसके बाद 2006 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कामनवेल्थ खेलो में 4*100 की दौड़ में IAAF की हाई परफॉरमेंस टीम की तरफ से प्रदर्शन करते हुए उन्हें एक और घुटने की चोट लग गयी और इससे उनके करियर में एक और बदलाव आया।

कुछ समय बाद, किसी तरह से वे ठीक हुए और उसी साल 200 मीटर की दौड़ को 19.88 सेकंड में पूरा कर उन्होंने अपना व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाया और जर्मनी के स्तुत्त्गार्ट में आयोजित IAAF वर्ल्ड कप ऑफ़ एथलिट में 200 मीटर की दौड़ में दुसरे स्थान पर काबिज रहे।

2007 साल उनके लिए रिकार्डो को तोड़ने वाला साल साबित हुआ, इसी साल उन्होंने 30 साल पुराने 200 मीटर की दौड़ वाले जमैशियन रिकॉर्ड को तोडा और जमैशियन सीनियर टी & एक चैंपियनशिप को 19.75 सेकंड में पूरा कर जीत लिया। इसके बाद 2007 में ही जापान के ओसका में आयोजित IAAF वर्ल्ड टी & एफ चैंपियनशिप में उन्होंने भाग लिया और 200 मीटर एवं 4*100 मीटर की रिले दौड़ में दो सिल्वर मैडल जीतने में सफल रहे।

2008 भी उनके लिए रिकार्डो को तोड़ने वाला साल साबित हुआ, इस साल उन्होंने कयी इतिहास रचे और ग्रह के सबसे तेज धावक भी बने। दिन रात संघर्ष और मेहनत कर वे लगातार चैंपियनशिप जीतते चले जा रहे थे और ओलिंपिक खेलो के साथ-साथ बहुत से स्थानिक खेलो में भी उन्होंने जीत दर्ज की। जिनमे मुख्य रूप से बीजिंग, लन्दन और रिओ के ओलिंपिक खेलो की जीत और बर्लिन, डेगू, मास्को और बीजिंग की IAAF वर्ल्ड टी & एफ चैंपियनशिप भी शामिल है।

जुलाई 2012 में जब उन्होंने किंग्स्टन में IAAF वर्ल्ड जूनियर टी & एफ चैंपियनशिप जीती, तब मेजबान देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने वाले वे पहले धावक थे और 200 मीटर की दौड़ उन्होंने मात्रा 20.61 सेकंड में पूरी कर ली। इन खेलो में बोल्ट ने तीन मैडल जीते, जिनमे दो सिल्वर मैडल भी शामिल है। साथ ही वे इन खेलो में 4*100 टीम का भी हिस्सा थे।

यही उनकी चमत्कारिक चढ़ाई की शुरुवात थी, इस दौरान उन्होंने IAAF राइजिंग स्टार अवार्ड भी जीता था।

उनका करियर इतना आसान भी नही रहा, कयी बार चोटों ने भी उनके मौको पर पानी पानी फेरा है।

चार बार (2009, 2010, 2013 और 2017) उसैन बोल्ट को लॉरेस वर्ल्ड स्पोर्ट्समैन ऑफ़ दी इयर के अवार्ड से नवाजा गया है। साथ ही छः बार (2008, 2009, 2011, 2012, 2013 और 2016) बोल्ट को IAAF मेल एथलिट ऑफ़ दी इयर के अवार्ड से नवाजा गया है। प्यूमा के साथ संयोजित रूप से उनकी खुद की कपडो की कंपनी भी है। उनकी खुद की घडी का निर्माण हुब्लोट ने किया है। जमैका के किंग्स्टन में ‘ट्रैक & आर्डर’ नाम का उनका खुदका रेस्तौरेंट भी है। चैंपियन शेव के नाम से उनकी एक शेविंग कंपनी भी है। “उसैन बोल्ट फाउंडेशन” नाम की उनकी खुद की एक संस्था है और साथ ही विश्व के कुछ चुनिंदा ब्रांड्स का उन्होंने समर्थन भी किया है।

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