Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

Surdas Bhajans


महाकवि सूरदास भजन 
..
देखे मैं छबीआज अति बिचित्रहरिकी ॥ध्रु०॥
आरुण चरण कुलिशकंज चंदनसो करतरंग सूरदास जंघजुगुली खंब कदली
कटी जोकी हरिकी॥१॥
उदर मध्य रोमावली भवर उठतसरिता चली वत्सांकित हृदय भान
चोकि हिरनकी ॥२॥
दसनकुंद नासासुक नयनमीनभवकार्मुक केसरकोतिलक भाल
शोभा मृगमदकी ॥३॥
सीस सोभे मयुरपिच्छ लटकत हैसुमन गुच्छ सूरदास हृदय बसे
मूरत मोहनकी ॥४॥
.
श्रीराधा मोहनजीको रूप निहारो॥ध्रु०॥
छोटे भैया कृष्णबडे बलदाऊं चंद्रवंशउजिआरो ॥श्री०॥१॥
मोर मुगुट मकराकृतकुंडल पितांबर पटबारो ॥श्री०॥२॥
हलधर गीरधर मदनमनोहर जशोमति नंददुलारी ॥श्री०॥३॥
शंख चक्र गदापद्म विराजे असुरनभंजन हारो ॥श्री०॥४॥
जमुनाके नीर तीरधेनु चरावे वोढेकामर कारो ॥श्री०॥५॥
निरमल जल जमुनाजीकोकिनो नागनाथ लीयोकारो ॥श्री०॥६॥
इंद्र कोप चढेव्रज उपर नखपरगीरवर धारो ॥श्री०॥७॥
कनक सिंहासन जदुवरबैठे कोटि भानुउजिआरो ॥श्री०॥८॥
माता जशोदा करतआरती बार बारबलिहारो ॥श्री०॥९॥
सूरदास हरिको रूप निहारेजीवन प्रान हमारे॥श्री०॥१०॥
.
राधे कृष्ण कहोमेरे प्यारे भजोमेरे प्यारे जपोमेरे प्यारे ॥ध्रु०॥
भजो गोविंद गोपाळराधे कृष्ण कहोमेरे प्यारे०॥१॥
कृष्णजीकी लाल लालअखियां हो लालअखियां
जैसी खिलीरे गुलाब॥राधे०॥२॥
सिरपर मुगुट विराजेहो विराजे बन्सी शोभे रसाल॥राधे०॥३॥
पितांबर पटकुलवाली हो पटकुलवालीकंठे मोतियनकी माल॥राधे०॥४॥
शुभ काने कुंडलझलके हो कुंडलझलके तिलकशोभेरे ललाट ॥राधे०॥५॥
सूरदास चरण बलिहारीहो चरण बलिहारी मै तोजनम जनम तिहारोदास ॥राधे०॥६॥
.
नंद दुवारे एकजोगी आयो शिंगीनाद बजायो
सीश जटा शशिवदन सोहाये अरुणनयन छबि छायो नंद ॥ध्रु०॥
रोवत खिजत कृष्णसावरो रहत नहीहुलरायो
लीयो उठाय गोदनंदरानी द्वारे जाय दिखायो॥नंद०॥१॥
अलख अलख करीलीयो गोदमें चरणचुमि उर लायो
श्रवण लाग कछुमंत्र सुनायो हसीबालक कीलकायो नंद ॥२॥
चिरंजीवोसुत महरी तिहारोहो जोगी सुखपायो
सूरदास रमि चल्योरावरो संकर नामबतायो नंद॥३॥
.
देख देख एकबाला जोगी द्वारेमेरे आया हो॥ध्रु०॥
पीतपीतांबर गंगा बिराजेअंग बिभूती लगायाहो तीननेत्र अरु तिलकचंद्रमा जोगी जटाबनाया हो ॥१॥
भिछा ले निकसीनंदरानी मोतीयन थाल भरायाहो ल्योजोगी जाओ आसनपरमेरा लाल दरायाहो ॥२॥
ना चईये तेरीमाया हो अपनोगोपाल बताव नंदरानी हम दरशनकुआया हो ॥३॥
बालकले निकसी नंदरानी जोगीयनदरसन पाया हो दरसन पायाप्रेम बस नाचेमन मंगल दरसायाहो ॥४॥
देत आसीस चलेआसनपर चिरंजीव तेराजाया हो सूरदास प्रभु सखा बिराजेआनंद मंगल गायाहो ॥५॥
.
बासरी बजाय आजरंगसो मुरारी शिव समाधि भूलिगयी मुनि मनकीतारी बा०॥ध्रु०॥
बेद भनत ब्रह्माभुले भूले ब्रह्मचरी सुनतही आनंदभयो लगी हैकरारी बास०॥१॥
रंभा सब तालचूकी भूमी नृत्यकारी यमुनाजल उलटी बहेसुधि ना सम्हारी बा०॥२॥
श्रीवृंदावन बन्सी बजी तीनलोक प्यारी ग्वाल बाल मगनभयी व्रजकी सबनारी बा०॥३॥
सुंदर श्याम मोहनमुरती नटबर वपुधारी सूरकिशोर मदनमोहन चरण कमलबलिहारी बास०॥४॥
.
जागो पीतम प्यारालाल तुम जागोबन्सिवाला तुमसेमेरो मन लागरह्यो तुम जागोमुरलीवाला जा०॥ध्रु०॥
बनकी चिडीयां चौंचौं बोले पंछीकरे पुकारा रजनि बित औरभोर भयो हैगरगर खुल्या कमरा॥१॥
गरगर गोपी दहिबिलोवे कंकणका ठिमकारा दहिं दूधका भर्या कटोरासावर गुडाया डारा जा०॥२॥
धेनु उठी बनमेंचली संग नहींगोवारा ग्वालबाल सब द्वारेठाडे स्तुति करतअपारा जा०॥३॥
शिव सनकादिक औरब्रह्मादिक गुन गावेप्रभू तोरा सूरदास बलिहार चरनपर चरनकमल चित मोरा जा०॥४॥
.
ऐसे भक्ति मोहेभावे उद्धवजी ऐसीभक्ति सरवसत्याग मगन होयनाचे जनम करमगुन गावे उ०॥ध्रु०॥
कथनी कथे निरंतरमेरी चरन कमलचित लावे मुख मुरली नयनजलधारा करसे तालबजावे ॥उ०॥१॥
जहां जहां चरनदेत जन मेरोसकल तिरथ चलीआवे उनकेपदरज अंग लगावेकोटी जनम सुखपावे ॥उ०॥२॥
उन मुरति मेरेहृदय बसत हैमोरी सूरत लगावे बलि बलिजाऊं श्रीमुख बानीसूरदास बलि जावे॥उ०॥३॥
.
ग्वाली ते मेरीगेंद चोराई ग्वालिनितें मेरी गेंदचोराई खेलतगेंद परी तोरेअंगना अंगिया बीचछिपाई ॥ध्रु०॥
काहेकी गेंद काहेकीधागा कौन हातबनाई फुलनकी गेंद रेशमका धागाजशोमति हाथ बनाई॥११॥
झुटे लाल झुटमति बोलो अंगियातकत पराई जो मेरी अंगियामेंगेंद जो निकसेभूल जावो ठकुराई ग्या०॥२॥
हस हस बातकरत राधे संगउतसें जशोदा आई सूरदास प्रभुचतुर कनैया एकगये दो पाई ग्वा०॥३॥
१०.
नेक चलो नंदरानीउहां लगी नेकचलो नंदारानी ॥ध्रु०॥
देखो आपने सुतकीकरनी दूध मिलावतपानी ॥उ०॥१॥
हमरे शिरकी नयीचुनरिया ले गोरसमेंसानी ॥उ०॥२॥
हमरे उनके करनबाद है हमदेखावत जबानी ॥उ०॥३॥
तुमरे कुलकी ऐशीबतीया सो हमारेसब जानी ॥उ०॥४॥
पिता तुमारे कंसघर बांधे आपकहावत दानी ॥उ०॥५॥
यह व्रजको बसवोहम त्यागो आपरहो राजधानी ॥उ०॥६॥
सूरदास उखर उखरकीबरखा थोर जलउतरानी ॥उ०॥७॥
११.
देखो माई हलधरगिरधर जोरी ॥ध्रु०॥
हलधर हल मुसलकलधारे गिरधर छत्र धरोरी॥देखो०॥१॥
हलधर ओढे पितपितांबर गिरधर पीत पिछोरी॥देखो०॥२॥
हलधर केहे मेरीकारी कामरी गीरधरनेली चोरी ॥देखो०॥३॥
सूरदास प्रभुकी छबि निरखेभाग बडे जीनकोरी ॥देखो०॥४॥
१२.
नेननमें लागि रहैगोपाळ नेननमें ॥ध्रु०॥
मैं जमुना जलभरन जात रहीभर लाई जंजाल॥ने०॥१॥
रुनक झुनक पगनेपुर बाजे चालचलत गजराज ॥ने०॥२॥
जमुनाके नीर तीरधेनु चरावे संगलखो लिये ग्वाल॥ने०॥३॥
बिन देखे मोहीकल परतहै निसदिन रहतबिहाल ॥ने०॥४॥
लोक लाज कुलकीमरजादा निपट भ्रमकाजाल ॥ने०॥५॥
वृंदाबनमें रास रचोहै सहस्त्र गोपिएक लाल ॥ने०॥६॥
मोर मुगुट पितांबरसोभे गले वैजयंतीमाल ॥ने०॥७॥
शंख चक्र गदापद्म विराजे वांकेनयन बिसाल ॥ने०॥८॥
सुरदास हरिको रूप निहारेचिरंजीव रहो नंदलाल ॥ने०॥९॥
१३.
दरसन बिना तरसतमोरी अखियां ॥ध्रु०॥
तुमी पिया मोहीछांड सीधारे फरकनलागी छतिया ॥द०॥१॥
बस्ति छाड उज्जडकिनी व्याकुल सबसखियां ॥द०॥२॥
सूरदास कहे प्रभुतुमारे मिलनकूं ज्युजलंती मुखबतिया ॥द०॥३॥
१४.
सावरे मोकु रंगमेंबोरी बोरी सांवरेमोकुं रंगमें बोरीबोरी ॥ध्रु०॥
बहीयां पकर करशीरकी गागरिया छिन गागर ढोरी
रंगमें रस बसमोकूं किनी डारी गुलालनकी झोरी गावत लागेमुखसे होरी ॥सा०॥१॥
आयो अचानक मिलेमंदिरमें देखतनवल किशोरी
धरी भूजा मोकुंपकरी जीवनने बलजोरे माला मोतियनकीतोरी ॥सा०॥२॥
तब मोरे जोरकछु चालो बात कठीनसुनाई
तबसे उनकु नेनदिखायो मत जानोमोकूं मोरी जानु तोरे चितकीचोरी ॥सा०॥३॥
मरजादा हमेरी कछु राखी कंचुबोकी कसतोरी
सूरदास प्रभु तुमारे मिलनकूमोकूं रंगमें बोरी गईती मैंनंदजीकी पोरी ॥सा०॥४॥
१५.
हमसे छल कीनोकाना नेनवा


This post first appeared on The India Blog | Bharat Expedition, please read the originial post: here

Share the post

Surdas Bhajans

×

Subscribe to The India Blog | Bharat Expedition

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×