New Delhi: श्रीनगर में शुक्रवार को सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को की। चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लन और जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने श्रीनगर में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया है। दीलबाग सिंह ने कहा कि हमें ऐसे इनपुट मिल रहे हैं कि घाटी में हिं’सा को बढाने के लिए उग्र’वादियों के बढ़ने की संभावना है। इसलिए, हमने ग्राउंड पर ग्रिड को मजबूत करने की है।
Lt General KJS Dhillon in Srinagar:We had done in-depth analysis of terrorism in Kashmir. 83% of local people who pick up weapons had record of stone-pelting.I request all mothers,if today your child throws stones at security forces for Rs 500 then he'll become terrorist tomorrow pic.twitter.com/Y7GUdF2u18
— ANI (@ANI) August 2, 2019
चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के जे एस ढिल्लन ने इस बात का खुलासा किया कि कश्मीर में मौजूद स्थानीय आतं’कियों में 83% युवा पहले पत्थरबा’जी में लिप्त रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में सभी माताओं से अपील है कि वे अपने बच्चों को पत्थरबा’जी और हिं’सक घटनाओं में शामिल होने से रोकें। आज उनके बच्चे मात्र 500 रूपये के लिए सुरक्षाबलों पर पत्थर फैं’क रहे हैं और यदि इन्हें नहीं रोका गया तो आगे चलकर उनके यही बच्चे आ’तंकी बनेंगे।
DG JK Police:We're getting inputs that violence levels are likely to be increased by militants. So, we've tried to strengthen grid on ground.Also,we've been told that troops must get time to relax.This is time for turnover.But grid will be in as much active form as required.(2/2) https://t.co/hEmhrcpoPg
— ANI (@ANI) August 2, 2019
वहीं घाटी में सैनिकों के संख्या बढ़ाने के सवाल पर डीजीपी दिलबाग सिंह कहा कि हम पिछले कुछ महीनों से कई महीनों से ऐसा करने की कोशिश कर रहे थे ताकि हमारे जिन जवानों को घाटी में तैनात किया गया है, उन्हें थोड़ी देर आराम करने का मौका नहीं मिल सके। वही एसपी पाणि ने पत्रकारों को बताया कि इस साल घाटी में विभिन्न स्थानों पर 10 से अधिक गं’भीर प्रयास (आ’तंकी हमले के प्रयास) किए गए। इन आईईडी मॉड्यूलों में, कामरान, उस्मान से पहले मुन्ना लाहौरी जैसे कई आतं’कवादी गिर’फ्तार किए गए थे।
वहीं सीआरपीएफ आईजी जुल्फिकार हसन ने आज अमरनाथ यात्रा के दौरान प्रबंधन पर मी़डिया से बात करते हुए कहा कि अमरनाथ यात्रा में अभूतपूर्व बदलाव आए हैं। कई खतरों के बावजूद अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण रही है। यात्रा को बाधित करने के लिए गं’भीर प्रयास किए गए हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की कड़ी मेहनत, नई तकनीक के उपयोग और लोगों के सहयोग के चलते ऐसे सभी प्रयास असफल रहे।
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